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भाजपा का यशभारती सम्मान समाप्त करना अपयश पूर्ण निर्णय : अखिलेश

समाजवादी पार्टी(सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शुक्रवार को जारी बयान में कहा कि योगी सरकार ने यशभारती सम्मान को समाप्त किये जाने को निर्णय लिया है

भाजपा का यशभारती सम्मान समाप्त करना अपयश पूर्ण निर्णय : अखिलेश
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लखनऊ। समाजवादी पार्टी(सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने यशभारती सम्मान को राज्य सरकार द्वारा समाप्त किए जाने काे योगी सरकार का अपयश पूर्ण निर्णय बताते हुये कहा कि यह विद्धानों और अपने अपने क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वालों का अपमान है।

श्री यादव ने शुक्रवार को यहां जारी बयान में कहा कि योगी सरकार ने यशभारती सम्मान को समाप्त किये जाने को निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि यह ‘यशभारती‘ का ही अपमान नहीं है बल्कि विद्धानों और अपने अपने क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वालों का भी अपमान है। भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) आरएसएस तथा कथित सांस्कृतिक संगठन है। इनकी विचार धारा लोगों को जोड़ने के बजाय तोड़ने वाली है। इनका स्वतंत्रता आंदोलन के मूल्यों से कुछ लेना देना नहीं है। भाजपा शासन में सरकार कम्पनी बन गई है।

उन्होंने कहा कि भाजपा की रणनीति धोखा देना है वह कभी नहीं बदलेगी। भाजपा ने पूरा सामाजिक तानाबाना तोड़ दिया है। आपसी भाईचारे में जहर घोलने का काम किया है और धर्म तथा जाति की राजनीति का प्रदूषण फैलाया हैं। सियासत में अच्छे लोग आएंगे तो राजनीति स्वस्थ होगी। नफरत की पराजय तब सुनिश्चित होगी।

उन्होंने कहा कि अधिकांश भारतीय आज भी सामाजिक रूप से उदार, राजनीतिक रूप से समझदार और धर्म जैसे व्यक्तिगत विषय को राजनीति के मंच में घसीटकर अपना सियासी फूल खिलाने वालों के विरूद्ध है। उन्होंने भाजपा पर आरक्षण व्यवस्था को लगातार कमजोर करने और दलित, वंचित तथा दमित समाज को उपेक्षित व अपमानित करने का दोषी ठहराया। उन्होंने फिर जातियों की गणना पर जोर दिया ताकि सबको संख्यानुपात में उनका हक मिल सके। उन्होंने कहा कि समाजवादी चाहते हैं भारतीय संविधान की व्यवस्था लागू रहे।

श्री यादव ने पार्टी मुख्यालय में कवियों एवं शायरों से मुलाकात की इस अवसर पर हिंदी संस्थान के पूर्व अध्यक्ष उदय प्रताप सिंह, यशभारतीय सम्मानित शायर वसीम बरेलवी, वरिष्ठ साहित्यकार सर्वेश अस्थाना सहित कई लोग मौजूद थे।

श्री आजाद प्रतापगढ़ी के संचालन में कवियों और शायरों ने अपनी कई रचनाओं का पाठ किया।

सपा अध्यक्ष से मुलाकात करने वालें कवि और शायरों में श्री कलीम कैसर, जौहर कानपुरी, जमील खैराबादी, अज्म शाकिरी, सरदार चरन सिंह बशर, हसन काजमी, सलीम बाराबंकी, अर्शी पिहानवी, नवल टण्डन (सेवता) शहरयार जलालपुरी, यासिर यास, शबीना अदीब, रामप्रसाद बेखुद, शहबाज तालिब, मुख्तार तिलहरी, सरवर झांसी, शादमा बेगम, अजहर हुसैन रौनक, शिव शरन बंधु, शहजादा कलीम, अमिल सुल्तानपुरी, कमर सिद्दीकी, रहमतउल्ला अचानक, आशीष महजिदिया, डाॅ0 वारिस अंसारी, फलक सुल्तानपुरी, हर्षित मिश्रा, आदर्श बाराबंकवी, तूबा जौहर शामिल थे।


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