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पेट्रोल पंपों का विभाग पर करीब 32 लाख रुपए बकाया

इन दिनों सबसे बड़ा सवाल है कि यदि जिले में कहीं आग लगने की बड़ी घटना घटित होती है तो क्या अग्निशमन विभाग की गाड़ियां समय पर पहुंच कर उस आग को बुझाने में कामयाब होगी

पेट्रोल पंपों का विभाग पर करीब 32 लाख रुपए बकाया
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नोएडा। इन दिनों सबसे बड़ा सवाल है कि यदि जिले में कहीं आग लगने की बड़ी घटना घटित होती है तो क्या अग्निशमन विभाग की गाड़ियां समय पर पहुंच कर उस आग को बुझाने में कामयाब होगी? ऐसा इसलिए है क्योंकि इस समय अग्निशमन विभाग के पास डीजल तक के पैसे नहीं है, तो फिर आग बुझाने के लिए कैसे गाड़ियां मौके पर पहुंचेगीं।

बता दें कि जिले में अग्निशमन विभाग के पास कुल 40 गाड़िया हैं। जो इन दिनों तेल की कमी से जूझ रही हैं। दरअसल, पिछले करीब सात महीनों से अग्निशमन हेडक्वार्टर से गौतमबुद्ध नगर अग्निशमन विभाग को डीजल के पैसे मुहैया नहीं कराए जा रहे हैं। हालांकि बीचे में पांच लाख रुपए विभाग को दिए गए थे। लेकिन वह बहुत कम थे।

वहीं इतने समय से पैसा न मिलने के चलते विभाग पर पेट्रोल पंप मालिकों का लाखों रुपया बकाया है। जिसका भुगतान भी अभी तक नहीं किया गया है, जबकि अग्निशमन विभाग की ओर से सभी बकाया बिल हेडक्वार्टर काफी पहले ही भेज दिए गए है। हाल ही में हल्दीराम व आईडिया के स्टोर में आग लगने पर पहुंची आग्निशमन विभाग की टीम ने डीजल कम होता देख कंपनी मालिकों से ही डीजल लाने के लिए कहा। हालांकि विभाग की मानें तो इस पैसे का सेटलमेंट बाद में किया जाता है।

मार्च महीने से डीजल-पेट्रोल के लिए फंड न मिलने के चलते जिला अग्निशमन विभाग संबंधित पेट्रोल पंपों से उधार में डीजल पेट्रोल भरवा रहे थे। हालांकि सितम्बर महीने में पांच लाख रुपए भेजे गए थे। लेकिन यह नाकाफी थे। इसके चलते विभाग का पिछले सात महीनों में करीब 32 लाख रुपए बकाया हो गया है। वहीं विभाग के अधिकारी की मानें तो उधार के चलते अब पेट्रोल पंप मालिकों ने भुगतान न होने तक डीजल पेट्रोल देने से फिलहाल मना कर दिया है।

एसएसपी और जिलाधिकारी को दी गई सूचना

अग्निशमन विभाग के अधिकारी ने बताया कि फंड न मिलने की जानकारी हमारी तरफ से एसएसपी व जिलाधिकारी को दे दी गई है। इसके बाद एसएसपी और जिलाधिकारी हेडक्वार्टर से फंड देने की मांग करेंगे। अग्निशमन विभाग के अधिकारी कुलदीप कुमार ने बताया कि पिछले कई महीनों से हेडक्वार्टर से फंड मुहैया नहीं कराया जा रहा है।

यदि फिलहाल आग लगने की कोई बड़ी घटना होती है तो संबंधित मालिक से ही डीजल पेट्रोल मुहैया कराने के लिए कहा जाएगा। जिससे आग बुझाने के कार्य में किसी तरह की बाधा उत्पन्न न हो।


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