साहिबाबाद स्टेशन की रूफ शेड पर 1100 सोलर पैनल से पैदा होगी करीब साढ़े 4 लाख यूनिट सौर ऊर्जा
प्रायोरिटी सेक्शन में साहिबाबाद स्टेशन का निर्माण कार्य अंतिम चरण में पहुंच गया है

गाजियाबाद। प्रायोरिटी सेक्शन में साहिबाबाद स्टेशन का निर्माण कार्य अंतिम चरण में पहुंच गया है। वर्तमान में स्टेशन की रूफ शेड बनाने का कार्य तेजी से जारी है। इस स्टेशन की रूफ शेड पर लगभग 1100 सोलर पैनल लगाए जाएंगे, जिससे लगभग साढ़े 4 लाख यूनिट वार्षिक पैदा होगी। इस सौर ऊर्जा का उपयोग स्टेशन की लाइटिंग में तथा अन्य इलेक्ट्रिकल उपकरणों आदि को चलाने के लिए किया जाएगा।
इसके साथ ही अगर स्टेशन की क्षमता से अधिक विद्युत उत्पन्न होती है, तो उसे अन्य कार्यों में भी इस्तेमाल में लाया जा सकेगा। रूफ शेड पर लगे सोलर पैनल स्टेशन के एएसएस के माध्यम से स्टेशन के विभिन्न हिस्सों में विद्युत आपूर्ति करेंगे।
इस स्टेशन की लंबाई 216 मीटर व चौड़ाई 25 मीटर है और इसीलिए स्टेशन की रूफ शेड का आकार भी यही होगा। वर्तमान में स्टेशन की रूफ शेड बनाने के लिए प्लेटफॉर्म लेवल की साइड वॉल्स पर स्ट्रक्च र स्टील के कॉलम लगाने का कार्य लगभग 85 प्रतिशत पूर्ण हो चुका है।
स्ट्रक्च र स्टील के कॉलम लगने बाद रूफ शेड तैयार की जाएगी। इस रूफ शेड में गल्वेनाइज्ड आयरन (जीआई) शीट का प्रयोग किया जाएगा, जो पूरी तरह से जंगरोधक और हर मौसम की मार झेलने में सक्षम होगी। रूफ शेड तैयार होने के बाद स्टेशन अपने वास्तविक स्वरूप में आ जाएगा। इसके साथ ही रूफ शेड पर सोलर पैनल लगाए जाएंगे। साहिबाबाद स्टेशन के अंदर की फिनिशिंग का कार्य भी तेजी से किया जा रहा है।
साहिबाबाद आरआरटीएस स्टेशन अत्याधुनिक आधुनिक सुविधाओं से लैस होगा, जिसमें वास्तविक समय की जानकारी के लिए यात्री सूचना डिस्प्ले बोर्ड और आसपास के प्रमुख स्थानों को दशार्ने वाले सिस्टम मैप शामिल हैं। समवर्ती स्तर पर, टिकट वेंडिंग मशीन (टीवीएम), अग्निशामक प्रणाली, खुदरा आउटलेट, स्नैक वेंडिंग मशीन और वॉशरूम जैसी सुविधाएं आदि के अलावा प्रदान की जाएंगी।
दरअसल साहिबाबाद स्टेशन, दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर पर उत्तर प्रदेश में आने वाला पहला आरआरटीएस स्टेशन है, जिसे वैशाली से मोहन नगर की दिशा में मदन मोहन मालवीय मार्ग के बायीं ओर बनाया जा रहा है। यह एक एलिवेटेड स्टेशन है और इस स्टेशन में ग्राउंड, कॉनकोर्स और प्लेटफॉर्म तीन लेवल बनाए गए हैं। अन्य आरआरटीएस स्टेशनों की तरह ही इस स्टेशन को भी यूनिवर्सल एक्सेस की संकल्पना के आधार पर विकसित किया जा रहा है।
साहिबाबाद स्टेशन की रूफ शेड पर 1100 सोलर पैनल से पैदा होगी करीब साढ़े 4 लाख यूनिट सौर ऊर्जा
गाजियाबाद, 26 जुलाई (आईएएनएस )। प्रायोरिटी सेक्शन में साहिबाबाद स्टेशन का निर्माण कार्य अंतिम चरण में पहुंच गया है। वर्तमान में स्टेशन की रूफ शेड बनाने का कार्य तेजी से जारी है। इस स्टेशन की रूफ शेड पर लगभग 1100 सोलर पैनल लगाए जाएंगे, जिससे लगभग साढ़े 4 लाख यूनिट वार्षिक पैदा होगी। इस सौर ऊर्जा का उपयोग स्टेशन की लाइटिंग में तथा अन्य इलेक्ट्रिकल उपकरणों आदि को चलाने के लिए किया जाएगा। (22:17)
About 4.5 lakh units of solar energy will be generated from 1100 solar panels on the roof shed of Sahibabad station.इसके साथ ही अगर स्टेशन की क्षमता से अधिक विद्युत उत्पन्न होती है, तो उसे अन्य कार्यों में भी इस्तेमाल में लाया जा सकेगा। रूफ शेड पर लगे सोलर पैनल स्टेशन के एएसएस के माध्यम से स्टेशन के विभिन्न हिस्सों में विद्युत आपूर्ति करेंगे।
इस स्टेशन की लंबाई 216 मीटर व चौड़ाई 25 मीटर है और इसीलिए स्टेशन की रूफ शेड का आकार भी यही होगा। वर्तमान में स्टेशन की रूफ शेड बनाने के लिए प्लेटफॉर्म लेवल की साइड वॉल्स पर स्ट्रक्च र स्टील के कॉलम लगाने का कार्य लगभग 85 प्रतिशत पूर्ण हो चुका है।
स्ट्रक्च र स्टील के कॉलम लगने बाद रूफ शेड तैयार की जाएगी। इस रूफ शेड में गल्वेनाइज्ड आयरन (जीआई) शीट का प्रयोग किया जाएगा, जो पूरी तरह से जंगरोधक और हर मौसम की मार झेलने में सक्षम होगी। रूफ शेड तैयार होने के बाद स्टेशन अपने वास्तविक स्वरूप में आ जाएगा। इसके साथ ही रूफ शेड पर सोलर पैनल लगाए जाएंगे। साहिबाबाद स्टेशन के अंदर की फिनिशिंग का कार्य भी तेजी से किया जा रहा है।
साहिबाबाद आरआरटीएस स्टेशन अत्याधुनिक आधुनिक सुविधाओं से लैस होगा, जिसमें वास्तविक समय की जानकारी के लिए यात्री सूचना डिस्प्ले बोर्ड और आसपास के प्रमुख स्थानों को दशार्ने वाले सिस्टम मैप शामिल हैं। समवर्ती स्तर पर, टिकट वेंडिंग मशीन (टीवीएम), अग्निशामक प्रणाली, खुदरा आउटलेट, स्नैक वेंडिंग मशीन और वॉशरूम जैसी सुविधाएं आदि के अलावा प्रदान की जाएंगी।
दरअसल साहिबाबाद स्टेशन, दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर पर उत्तर प्रदेश में आने वाला पहला आरआरटीएस स्टेशन है, जिसे वैशाली से मोहन नगर की दिशा में मदन मोहन मालवीय मार्ग के बायीं ओर बनाया जा रहा है। यह एक एलिवेटेड स्टेशन है और इस स्टेशन में ग्राउंड, कॉनकोर्स और प्लेटफॉर्म तीन लेवल बनाए गए हैं। अन्य आरआरटीएस स्टेशनों की तरह ही इस स्टेशन को भी यूनिवर्सल एक्सेस की संकल्पना के आधार पर विकसित किया जा रहा है।


