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बंगाल उपचुनाव अभियान में अभिषेक बनर्जी निभाएंगे कम महत्वपूर्ण भूमिका

पश्चिम बंगाल के पश्चिम बर्दवान जिले के आसनसोल लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र और कोलकाता के बालीगंज विधानसभा क्षेत्र में 12 अप्रैल को होने वाले हाई-प्रोफाइल उपचुनाव के प्रचार में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी की कम महत्वपूर्ण उपस्थिति की संभावना है

बंगाल उपचुनाव अभियान में अभिषेक बनर्जी निभाएंगे कम महत्वपूर्ण भूमिका
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कोलकाता। पश्चिम बंगाल के पश्चिम बर्दवान जिले के आसनसोल लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र और कोलकाता के बालीगंज विधानसभा क्षेत्र में 12 अप्रैल को होने वाले हाई-प्रोफाइल उपचुनाव के प्रचार में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी की कम महत्वपूर्ण उपस्थिति की संभावना है। कई बैठकों के माध्यम से बड़े पैमाने पर प्रचार करने के बजाय मुख्यमंत्री और पार्टी प्रमुख ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक, दोनों निर्वाचन क्षेत्रों में केवल एक-एक रोड-शो में भाग लेंगे।

तृणमूल की ओर से रविवार को यहां जारी एक बयान के मुताबिक, अभिषेक बनर्जी सात अप्रैल को बालीगंज में पार्टी प्रत्याशी, गायक से नेता बने बाबुल सुप्रियो के समर्थन में रोड शो में हिस्सा लेंगे। पार्टी सूत्रों ने कहा कि पूरी संभावना है कि वह पार्टी उम्मीदवार, अभिनेता से नेता बने शत्रुघ्न सिन्हा के समर्थन में आसनसोल में इसी तरह का रोड शो करेंगे।

4 नवंबर, 2021 को काली पूजा की रात को तृणमूल विधायक और राज्य के पूर्व पंचायत मंत्री सुब्रत मुखर्जी के आकस्मिक निधन के कारण बालीगंज में उपचुनाव कराना पड़ा। सुप्रियो का सामना माकपा की सायरा शाह हलीम और पूर्व पत्रकार व भाजपा प्रत्याशी केया घोष से होगा। सायरा शाह अभिनेता नसीरुद्दीन शाह की भतीजी और माकपा नेता डॉ. फुआद हलीम की पत्नी हैं।

सुप्रियो आसनसोल से भाजपा सांसद थे, लेकिन 2021 के विधानसभा चुनाव के तुरंत बाद तृणमूल में शामिल हो गए और इस सीट से इस्तीफा दे दिया। भाजपा ने फैशन डिजाइनर से राजनेता बने अग्निमित्र पॉल को मैदान में उतारा है, जो पहले से ही आसनसोल दक्षिण विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं, जबकि माकपा ने पार्थ मुखर्जी को मैदान में उतारा है।

उपचुनावों के प्रचार में अभिषेक बनर्जी की कम भागीदारी ने अटकलें लगाई हैं, क्योंकि ममता बनर्जी सहित शीर्ष पार्टी नेतृत्व के साथ 'एक व्यक्ति, एक पद' जैसे मुद्दों पर उनका हालिया मतभेद सामने आया था।

हालांकि, तृणमूल के अंदरूनी सूत्रों ने इस तरह की अटकलों को खारिज कर दिया है और कहा है कि राज्य में चल रही उच्च माध्यमिक परीक्षाओं के कारण पार्टी सामान्य तौर पर उपचुनाव अभियान को एक लंबा महत्वपूर्ण मामला बना रही है।

दोनों उपचुनावों की मतगणना 16 अप्रैल को होगी।


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