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बहन अभया हत्याकांड : केरल उच्च न्यायालय ने दोषी नन और पुजारी को जमानत दी

न्यायालय ने गुरुवार को सनसनीखेज बहन अभया हत्याकांड में कैथोलिक पादरी थॉमस एम. कोट्टूर और सह-दोषी सिस्टर स्टेफी को जमानत दे दी।

बहन अभया हत्याकांड : केरल उच्च न्यायालय ने दोषी नन और पुजारी को जमानत दी
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कोच्चि : केरल उच्च न्यायालय ने गुरुवार को सनसनीखेज बहन अभया हत्याकांड में कैथोलिक पादरी थॉमस एम. कोट्टूर और सह-दोषी सिस्टर स्टेफी को जमानत दे दी। दोनों को पांच-पांच लाख रुपये जमा करने को कहा गया है और अदालत की अनुमति के बिना राज्य छोड़ने से मना किया गया है।

संयोग से, दिसंबर 2020 में, सीबीआई की एक विशेष अदालत ने कोट्टूर को आईपीसी की धारा 302 के तहत दोषी ठहराए जाने के बाद 5 लाख रुपये के जुर्माने के अलावा दो आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।

सिस्टर स्टेफी को भी इसी धारा के तहत दोषी ठहराया गया और सात साल के कठोर कारावास के अलावा धारा 201 के तहत सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने के लिए आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।

27 मार्च 1992 को कोट्टायम के पवित्र दसवें कॉन्वेंट में सिस्टर अभया एक कुएं में मृत पाई गईं।

अदालत में मौजूद सिस्टर अभय एक्शन काउंसिल के संयोजक जोमोन पुथनपुरकल ने सीबीआई की 'ढिलाई' के लिए उसकी आलोचना की।

पुथनपुरकल ने कहा, "यह अजीब और दुर्भाग्यपूर्ण है कि सीबीआई के पास कोई स्थायी वकील नहीं है और सीबीआई के लिए इस मामले में पेश होने वाला वकील वह है जो मलयालम नहीं समझता । आज आरोपियों को बिना कोर्ट के मामले की मेरिट में जाए बिना ही जमानत मिल गई।"

पिछले तीन दशकों से इस मामले पर नजर रखने वाले और इस मामले पर एक किताब भी लिख चुके पुथनपुरकल ने कहा, "हम अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीबीआई निदेशक को लिखेंगे कि सीबीआई इस मामले को कैसे संभाल रही है।"


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