आरोग्य सेतु ऐप की सच्चाई आई सामने किसने बनाया आरोग्य सेतु ऐप?
इस ऐप की अहमियत का अंदाजा इसी से बात से लगाया जा सकता है कि हवाई यात्राओं से लेकर मेट्रो और ट्रेनों में सफर से पहले इसे डाउनलोड करना अनिवार्य है

महामारी के कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग का पता लगाने के लिए केंद्र सरकार की तरफ से आरोग्य सेतु ऐप लॉन्च किया गया...इस ऐप की अहमियत का अंदाजा इसी से बात से लगाया जा सकता है कि हवाई यात्राओं से लेकर मेट्रो और ट्रेनों में सफर से पहले इसे डाउनलोड करना अनिवार्य है....लेकिन इसी ऐप को लेकर सरकार की लापरवाही का भी अंदाजा लगाया जा सकता है...ऐसा हम क्यों कह रहे हैं .देश में जब महामारी ने दस्तक दी तो सरकार ने आरोग्य सेतु ऐप लॉन्च की, वो इसलिए क्योंकि इस ऐप के जरिए महामारी से ग्रसित इंसान का पता लगाया जा सकता था.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी बार-बार लोगों से ऐप को डाउनलोड करने की अपील कर चुके हैं.लेकिन आरोग्य सेतु ऐप को लेकर एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है जिससे सरकार की लापरवाही का भी पता चलता है. आरोग्य सेतु ऐप को लॉन्च करने वाले नेशनल इंफॉर्मेटिक सेंटर को खुद नहीं पता कि आरोग्य सेतु ऐप को बनाया किसने है? इस लापरवाही के बाद केंद्रीय सूचना आयोग ने एनआईसी से जवाब मांगा तो सरकार ने एक आरटीआई के जवाब में कहा है कि उनके पास ये जानकारी नहीं है कि आरोग्य सेतु ऐप को किसने बनाया है. इस मामले को लेकर केंद्रीय सूचना आयोग ने मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स, नेशनल इनफॉर्मेटिक्स सेंटर, नेशनल ई-गवर्नेंस डिवीजन और पब्लिक इन्फॉर्मेशन ऑफिसर्स को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया. अब आरोग्य सेतु ऐप पर हुए विवाद के बाद सरकार का स्पष्टीकरण भी सामने आ गया है. सरकार ने बताया कि एनआईसी ने उद्योग और शैक्षणिक क्षेत्र के वॉलंटिअर्स के सहयोग से आरोग्य सेतु ऐप तैयार किया गया है. साथ ही सरकार ने बताया कि आरोग्य सेतु ऐप को रिकॉर्ड 21 दिनों में पारदर्शी तरीके से सार्वजनिक-निजी सहयोग से विकसित किया गया है. ऐसे में आरोग्य सेतु ऐप पर संदेह नहीं करना चाहिए. अब भले ही सरकार लाख सफाई पेश कर रही है लेकिन हकीकत तो यही है कि NIC को ये नहीं पता कि ऐप को बनाया किसने, जिसके लिए अब सरकार डैमेज कंट्रोल में जुटी है.


