आप नेता ने बर्खास्तगी का आदेश स्वीकार किया, वेतन में मिला ढाई रुपया लौटाया
चड्ढा ने मंत्रालय को लिखे एक पत्र में कहा है कि उनकी नियुक्ति पद पर 2016 में 15 जनवरी से 31 मार्च तक 2016-17 बजट को तैयार करने के लिए सिसोदिया की सहायता के लिए की गई थी

नई दिल्ली। दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के सलाहकार के तौर पर अपनी नियुक्ति रद्द किए जाने के एक दिन बाद आम आदमी पार्टी (आप) नेता राघव चड्ढा ने बुधवार को कहा कि उन्होंने साल 2016 में इस पद पर रहने के दौरान 75 दिनों के लिए मिले 'वेतन' के ढाई रुपये वापस कर दिए हैं। दिल्ली सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग (जीडीए)ने गृह मंत्रालय के 10 अप्रैल के पत्र का हवाला देते हुए मंगलवार को विभिन्न विभागों में नौ सलाहकारों की नियुक्ति को रद्द कर दिया। इसमें वित्त सलाहकार चड्ढा भी शामिल हैं।
चड्ढा ने मंत्रालय को लिखे एक पत्र में कहा है कि उनकी नियुक्ति पद पर 2016 में 15 जनवरी से 31 मार्च तक 2016-17 बजट को तैयार करने के लिए सिसोदिया की सहायता के लिए की गई थी।
उन्होंने पत्र में कहा, "मैं अपने इस पद से पूर्व प्रभावी बर्खास्तगी को स्वीकार करता हूं जिस पर मैं दो साल पहले 75 दिनों तक रहा था।" उन्होंने साथ उन्होंने ढाई रुपये का ड्राफ्ट भी संलग्न किया है।
उन्होंने दिल्ली के नौकरशाहों की आलोचना की और दावा किया कि नौकरशाह अपनी पसंद के कारण या दबाव के तहत भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के 'हाथ की कठपुतली' बने हुए हैं और दिल्ली सरकार के सुधारों में 'असहयोगी' रवैया अपना रहे हैं। ऐसे में सलाहकारों की भूमिका 'कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण' थी।
केंद्र सरकार ने जिन नौ सलाहकारों की नियुक्तियां रद्द की हैं, उनमें अमरदीप तिवारी (कानून मंत्री के मीडिया सलाहकार), अरुणोदय प्रकाश (उप मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार), अतिशी मर्लेना (उप मुख्यमंत्री की मीडिया सलाहकार), दिनकर अदीब (सिसोदिया के लॉजिस्टिक सलाहकार), समीर मल्होत्रा (सत्येंद्र जैन के सलाहकार), प्रशांत सक्सेना व रजत तिवारी (बिजली मंत्री के सहयोगी) शामिल हैं।
चड्ढा ने पत्र में लिखा, "मैं भी उन बेचैन युवाओं में से एक हूं जिन्हें लगता है कि वे मूल्यवान सहयोग देंगे।"


