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आप सरकार निजी अस्पताल लॉबी के साथ : भाजपा

 मैक्स, फोर्टिस जैसे बड़े प्राइवेट अस्पतालों की मनमानी पर लगाम लगाने में बुरी तरह असफल रहने का आरोप लगाते हुए विपक्ष ने आज दिल्ली सरकार को घेरते हुए दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता

आप सरकार निजी अस्पताल लॉबी के साथ : भाजपा
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नई दिल्ली। मैक्स, फोर्टिस जैसे बड़े प्राइवेट अस्पतालों की मनमानी पर लगाम लगाने में बुरी तरह असफल रहने का आरोप लगाते हुए विपक्ष ने आज दिल्ली सरकार को घेरते हुए दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि इसका मूल कारण है कि वह अब तक केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित क्लीनिकल इस्टैब्लिशमेंट एक्ट, 2010 लागू करने का साहस नहीं दिखा पाई है।

राज्य सरकार ने अनैतिक प्राइवेट अस्पतालों और शक्तिशाली मेडिकल लॉबी के दवाब में अभी तक इस बिल को राजधानी में लागू नहीं होने दिया है। नेता विपक्ष ने कहा कि सरकार के कायरतापूर्ण रवैये के चलते आम आदमी को आज तक डॉक्टरों की लापरवाही, इलाज में लूट, गलत इलाज और पैसा बनाने के चक्कर से आजादी नहीं मिल पाई है। दरअसल इस एक्ट के लागू हो जाने के बाद खासकर प्राइवेट अस्पतालों की कमाई पर सीधा असर पड़ेगा।

इस कानून में चिकित्सा व्यवस्था में पारदर्शिता और जवाबदेही लाने के लिए सारे नियम कायदे हैं। नेता विपक्ष ने कहा कि इनके चलते कोई डॉक्टर या अस्पताल मरीज से मनमानी नहीं कर सकता। उनसे अनाप-शनाप पैसे नहीं वसूले जा सकते न ही इलाज में लापरवाही नहीं बरती जा सकती है। यह सब आम आदमी के हित में है, किंतु इससे चिकित्सकों की जवाबदेही तय है।

इस भय से कुछ स्वार्थी चिकित्सा संगठन और चिकित्सक इस कानून को किसी भी कीमत पर लागू नहीं होने देना चाहते। गुप्ता ने कहा कि सरकार ने गरीब मरीजों के स्थान पर उन चिकित्सा संगठनों और चिकित्सकों के हितों को साधा जो स्वार्थवश प्रारम्भ से ही इस नए कानून का विरोध करते आ रहे हैं। उनका तर्क यह था कि इलाज का खर्च महंगा हो जाएगा।

इन अस्पतालों के विरोध के चलते स्वास्थ्य मंत्री सतेन्द्र जैन ने अप्रैल, 2015 में चिकित्सा संगठनों और चिकित्सकों को आश्वासन दिया था कि वे दिल्ली विधान सभा में क्लीनिकल इस्टैब्लिशमेंट एक्ट, 2010 के स्थान पर डॉक्टर हितैषी बिल लेकर आयेंगे। परन्तु आज तक सरकार मरीजों के हितों की रक्षा करने वाला क्लीनिकल इस्टैब्लिशमेंट एक्ट लेकर आने की हिम्मत नहीं कर पाई।

उसकी चुप्पी से कायरता झलकती है। उन्होने आरोप लगाया कि स्वास्थ्य मंत्री सतेन्द्र जैन ने चिकित्सा जगत को 2015 में दिये गये वायदे को बखूबी निभाया उन्होंने सुनिश्चित किया कि ये बिल लागू न हो। विपक्ष के नेता ने मांग करी सरकार चिकित्सा संगठनों और चिकित्सकों के हितों को न साधकर आम आदमी के हित में क्लीनिकल इस्टैब्लिशमेंट एक्ट, 2010 विधान सभा में जल्द से जल्द पारित करवाए।


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