दिल्ली विधानसभा तक पहुंची आप सरकार व उप राज्यपाल के विवाद की आंच
दिल्ली में उप राज्यपाल और आप सरकार के बीच चल रहे विवाद की आंच सोमवार को राज्य विधानसभा पहुंच गई

नई दिल्ली। दिल्ली में उप राज्यपाल और आप सरकार के बीच चल रहे विवाद की आंच सोमवार को राज्य विधानसभा पहुंच गई। विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल ने कह कि उपराज्यपाल ने कहा है कि अध्यक्ष जमीन, कानून व्यवस्था और सेवाओं के साथ अन्य आरक्षित विषयों पर किसी तरह का कोई भी सवाल स्वीकार नहीं कर सकते। गोयल ने कहा, "सचिवालय ने सेवा, सतर्कता, जमीन एवं भवन जैसे विभागों से पत्र की प्रतियां भी प्राप्त की हैं, जिसमें विभागों से संबंधित मंत्रियों के साथ बैठक में भाग लेने से मना किया गया है।"
गोयल ने हालांकि जोर दिया कि आरक्षित विषयों पर कानून बनाना और जनहित मामलों पर जवाब की मांग दो अलग अलग विषय हैं और इसलिए उन्होंने रेखांकित किया कि अधिकारी (विधानसभा द्वारा) उठाए गए सवालों का जवाब देने के लिए बाध्य हैं।
उप राज्यपाल ने एक पत्र भेजा था जिसमें कहा गया था कि केंद्र सरकार के कानूनी मामलों के विभाग से राय लेने के बाद अध्यक्ष दिल्ली सरकार के कानून विभाग के आरक्षित विषयों पर किसी तरह का कोई सवाल स्वीकार नहीं कर सकते।
सत्तारूढ़ आम अदमी पार्टी और विपक्षी भारतीय जनता पार्टी के सदस्यों ने समान राय जताते हुए कहा कि विधानसभा द्वारा उठाए गए सभी सवालों का जवाब दिया जाना चाहिए। उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सदन में कहा, "दिल्ली विधानसभा किसी केंद्र सरकार के 'बाबू' के अधीन नहीं है।"


