आप विधायक ने इलाके की अनदेखी के विरोध में नहीं दिया राष्ट्रपति चुनाव में वोट
बिजवासन विधानसभा से भेदभाव बरतने के कारण आम आदमी पार्टी विधायक कर्नल देवेंद्र सहरावत ने राष्ट्रपति चुनाव में वोट नहीं दिया

-क्रॉसवोटिंग से डरे केजरीवाल का राष्ट्रपति चुनाव में यूटर्न: विपक्ष
नई दिल्ली। बिजवासन विधानसभा से भेदभाव बरतने के कारण आम आदमी पार्टी विधायक कर्नल देवेंद्र सहरावत ने राष्ट्रपति चुनाव में वोट नहीं दिया।
यह दावा करते हुए उन्होंने कहा कि 54 करोड़ रूपए अमृत योजना में राजनगर की सीवर लाइन के लिए स्वीकृत हुए लेकिन टेंडर प्रक्रिया अभी तक दिल्ली जल बोर्ड में लंबित है।
उपमुख्यमंत्री द्वारा उनके इलाके के स्कूल में कार्यक्रम के लिए आने पर स्थानीय विधायक होने के नाते उन्हें नहीं आमंत्रित किए जाने पर दुख जताते हुए उन्होंने कहा कि बिजवासन को विकास कार्यों के लिए धन नहीं दिया गया जबकि बुराड़ी जैसे इलाके को 50 करोड़ रूपए की धनराशि दी गई।
उन्होंने कहा कि अधिकांश विधायकों को सरकारी बिल्डिंगों में कार्यालय दिए गए हैं और मैने राजनगर की आठ साल से खाली पड़े एक ओल्ड एज होम की बिल्डिंग में कार्यालय के लिए आग्रह किया है लेकिन आवंटित नहीं किया गया।
पार्टी नाराज थे विधायक, उठापटक की ओर इशारा: गुप्ता
वहीं विधानसभा में नेता विपक्ष विजेन्द्र गुप्ता ने मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने राष्ट्रपति पद के चुनाव के प्रारम्भ में ही क्रॉसवोटिंग होने पर अचानक विधायकों से अपनी अंतरआत्मा की आवाज सुनकर वोट डालने को कहकर सबको चौंका दिया।
वास्तव में चुनावों के नतीजे आने पर बदनामी के डर से उन्होंने अंतरआत्मा की आवाज पर बल दिया। केजरीवाल के इस यूटर्न से राष्ट्रपति के चुनावों को लेकर विपक्ष की एकता का पर्दाफाश हो गया है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का यूटर्न बेहद आश्चर्यजनक है क्योंकि कल ही सुश्री मीरा कुमार ने मुख्यमंत्री से मिलकर वोट मांगे थे।
मुख्यमंत्री ने उन्हें अपने सभी विधायकों के वोट के प्रति आश्वस्त किया था, परन्तु आज सुबह जो कुछ भी उन्होंने किया वह उनके अब तक के स्टैण्ड के विरूद्ध था। यह आम आदमी पार्टी में आगे आने वाली राजनीति की उठा पटक की ओर इशारा करता है।
यूपीए ने दिल्ली विधान सभा में अपना पोलिंग एजेंट तक नहीं किया नियुक्त
श्री गुप्ता ने कहा कि आम आदमी पार्टी के अनेक विधायक इस बात से नाराज थे कि पार्टी कांग्रेस की घोर विरोधी होते हुए भी उसके साथ खड़ी नजर आ रही है। अनेक विधायकों को पार्टी के नेतृत्व से भी नाराजगी थी और इसी कारण वे पार्टी लाइन से हटकर वोट देने की धमकी दे चुके थे।
कुछ विधायक क्रॉसवोटिंग भी कर चुके थे। कुल मिलाकर पार्टी में रोष और गुस्से के कारण अरविन्द केजरीवाल को अपना स्टैण्ड बदलने पर मजबूर होना पड़ा।
विजेन्द्र गुप्ता ने कहा कि अरविन्द केजरीवाल यूपीए को लेकर खासे नाराज थे। यूपीए ने आम आदमी पार्टी को इतना महत्व तक नहीं दिया कि चुनाव में यूपीए सुश्री मीरा कुमार का कोई पोलिंग एजेंट भी नियुक्त करती। पूरे प्रचार के दौरान किसी कांग्रेसी नेता ने आम आदमी पार्टी को कोई महत्व ही नहीं दिया।


