आप और भाजपा का धरना तमाशा : स्वराज इंडिया
नवगठित राजनीतिक पार्टी स्वराज इंडिया ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का उप राज्यपाल के निवास पर और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेताओं का मुख्यमंत्री कार्यालय पर चल रहे धरनों को तमाशा बताया है

नई दिल्ली। नवगठित राजनीतिक पार्टी स्वराज इंडिया ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का उप राज्यपाल के निवास पर और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेताओं का मुख्यमंत्री कार्यालय पर चल रहे धरनों को तमाशा बताया है। दिल्ली सरकार की जवाबदेही तय करने के लिए स्वराज इंडिया ने आगामी 16 जून से 'जल स्वराज मुहिम' का ऐलान किया है।
पार्टी ने एक बयान जारी कर कहा कि स्वराज इंडिया हमेशा से दिल्ली को पूर्णराज्य का दर्जा दिलाने की मांग करता रहा है। पार्टी मानती है कि नई दिल्ली और छावनी क्षेत्र के कुछ इलाकों को छोड़कर दिल्ली के काम में केंद्र का हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए। एक तरफ जहां बीजेपी और कांग्रेस ने पूर्णराज्य की मांग पर अलग-अलग मौकों पर अलग रवैया दिखाकर अपना दोगला चरित्र उजागर किया है, वहीं दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार पहले दिन से ही रास्ता ढूंढने की बजाए, लड़ने भिड़ने और प्रचार करने में लगी रही है।
बयान के अनुसार, केजरीवाल की रुचि पूर्णराज्य की दिशा में सार्थक कदम उठाने की बजाए इस मुद्दे पर अपनी राजनीति चमकाने में रही है।
पार्टी ने कहा कि लोकपाल बिल जैसे मसले से लेकर दिल्लीवासियों को पानी पहुंचाने तक के लिये केजरीवाल को किसी और दर्जे की जरूरत नहीं थी। जब तक कि राजधानी दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा नहीं मिलता, दिल्ली सरकार आम लोगों के लिए काफी कुछ कर सकती थी।
बयान में कहा गया कि दिल्ली में चल रहे 'एसी धरने' की राजनीति का एक दुखद पहलू यह है कि यह तमाशा मुख्य सचिव अंशु प्रकाश से की गई मारपीट को ढकने के लिए किया जा रहा है और उन्हें यदि दिल्ली की परवाह सच में है तो माफी मांगने में माहिर केजरीवाल जी मुख्य सचिव से क्यूं नहीं माफी मांगकर पूरे मसले को शांत कर रहे?
स्वराज इंडिया की मांग है कि आम लोगों की कीमत पर चल रहा यह बेवजह नाटक तुरंत बंद हो और पानी के लिए परेशान दिल्लीवालों की समस्या पर सरकार काम करे।


