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चक्रवात मोन्था से आंध्र प्रदेश को ₹5,265 करोड़ का नुकसान, तकनीक से राहत कार्य तेज

आंध्र प्रदेश में भीषण चक्रवाती तूफान मोन्था के कारण 5,265 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है

चक्रवात मोन्था से आंध्र प्रदेश को ₹5,265 करोड़ का नुकसान, तकनीक से राहत कार्य तेज
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आंध्र प्रदेश में चक्रवात का कहर, नायडू बोले- तकनीक से जान-माल का नुकसान कम किया

  • मोन्था चक्रवात से भारी तबाही, मुख्यमंत्री ने बताया कैसे तकनीक बनी राहत की ताकत
  • आंध्र में चक्रवात से सड़कों, कृषि और बिजली को भारी नुकसान, सरकार ने तकनीक से संभाला मोर्चा
  • नायडू ने बताया- कैसे तकनीक और समन्वय से चक्रवात के बाद हालात हुए सामान्य

अमरावती। आंध्र प्रदेश में भीषण चक्रवाती तूफान मोन्था के कारण 5,265 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। राज्य सरकार के अनुसार अकेले सड़कों को 2,079 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।

मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने गुरुवार को मीडिया से बातचीत में बताया कि कृषि क्षेत्र को 829 करोड़ रुपए का नुकसान होने का अनुमान है, जबकि बिजली और जल संसाधन विभाग को 207 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।

नुकसान का पूरा आकलन करने के बाद केंद्र सरकार को एक रिपोर्ट भेजी जाएगी।

उन्होंने दावा किया कि राज्य सरकार तकनीक की मदद, तैयारी और अग्रिम योजना के साथ चक्रवात से हुए नुकसान को कम करने में सक्षम रही।

उन्होंने कहा कि हमने उपग्रह चित्रों के आधार पर चक्रवात की स्थिति का आकलन किया। हमने बारिश और हवाओं की तीव्रता का आकलन किया और समय-समय पर चेतावनी जारी की और कार्रवाई की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी सरकारी विभागों ने समन्वय से काम किया और पहले ही दिन काफी हद तक सामान्य स्थिति बहाल हो गई।

मुख्यमंत्री ने कहा कि चक्रवात और बारिश को रोका नहीं जा सकता, लेकिन सतर्कता और समय रहते कार्रवाई से जान-माल के नुकसान को कम किया जा सकता है। हम चक्रवात से प्रभावित सभी इलाकों में तकनीक का इस्तेमाल करके नुकसान को कम करने में कामयाब रहे।

हमने समय-समय पर चक्रवात की समीक्षा की। हमने यह आकलन किया कि भारी बारिश के मद्देनजर पानी का बहाव कहां ज्यादा होगा और उसे देखकर चेतावनी दी।

मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि राज्य के मंत्रियों ने क्षेत्रीय स्तर पर स्थिति पर नजर रखी, जबकि शिक्षा, सूचना प्रौद्योगिकी और इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्री नारा लोकेश और गृह मंत्री वांगलापुडी अनीता ने चक्रवात से हुए नुकसान की गंभीरता को कम करने के लिए रियल टाइम गवर्नेंस सोसाइटी से निगरानी की।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार लोगों को परेशानी से बचाने के लिए तकनीक का इस्तेमाल कर रही है, लेकिन कुछ लोग फर्जी पोस्ट डाल रहे हैं। ऐसा लगता है कि वे लोगों के लिए चीजें आसान नहीं बनाना चाहते।

उन्होंने सरकारी अधिकारियों और स्थानीय विभागों की उनके त्वरित और समन्वित राहत प्रयासों के लिए प्रशंसा की। मुख्यमंत्री नायडू ने राहत कार्यों की समीक्षा करते हुए सभी स्तरों पर कर्मचारियों द्वारा प्रदर्शित समर्पण और दक्षता की सराहना की।

मुख्यमंत्री ने कहा, "मैं बहुत खुश हूं। जीवन में पहली बार मैंने सभी का इतना तत्पर, उत्साही और समर्पित कार्य देखा है। उन्होंने बताया कि भारी बारिश और बड़े पैमाने पर पेड़ों के गिरने के बावजूद सड़कों की सफाई और मरम्मत का काम तुरंत शुरू हो गया।

मुख्यमंत्री नायडू ने कहा कि पहले काम पूरा होने में चार से सात दिन लगते थे, लेकिन इस बार सड़कें जल्दी साफ हो गईं।

मुख्यमंत्री ने राहत शिविरों के प्रबंधन में विशेष रूप से कमजोर समूहों के लिए सुधारों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, "पिछले वर्षों में, मैंने ऐसी परिस्थितियों में गर्भवती महिलाओं को बहुत कष्ट सहते देखा है, लेकिन इस बार सब कुछ पूरी तरह से संभाला गया और किसी भी गर्भवती महिला को कोई असुविधा नहीं हुई।"

मुख्यमंत्री नायडू ने विभिन्न विभागों के बीच निर्बाध समन्वय की सराहना करते हुए कहा कि इससे समय पर राहत सुनिश्चित हुई, संपर्क बहाल हुआ और चक्रवात प्रभावित क्षेत्रों में लोगों की कठिनाई कम हुई।

उन्होंने सामूहिक प्रयास को सार्वजनिक सेवा और आपदा तैयारी के प्रति प्रशासन की प्रतिबद्धता का प्रतिबिंब बताया।


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