आप सरकार के सालाना जश्न में परोसा गया 12 हजार रूपए प्लेट का खाना !
सरकार का जनता के पैसे का दुरुपयोग करने का एक और मामला सामने आया जिसमें दावा किया गया है कि केजरीवाल ने पार्टी में जो खाना खिलाया गया वह करीब 12000 रुपये प्रति प्लेट की कीमत वाला था

नई दिल्ली, 8 अप्रैल (देशबन्धु)। शनिवार को आम आदमी पार्टी सरकार का जनता के पैसे का दुरुपयोग करने का एक और मामला सामने आया जिसमें कुछ केटरिंग बिल के जरिए यह दावा किया गया है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 11 और 12 फरवरी 2016 को अपने घर में पार्टी दी थी और पार्टी में जो खाना खिलाया गया वह करीब 12000 रुपये प्रति प्लेट की कीमत वाला था। यह पार्टी अरविंद केजरीवाल ने अपनी सरकार के एक साल पूरे होने पर आयोजित जश्न के मौके पर दी थी। दो दिन चले इस जश्न के खाने का पूरा बिल करीबन 11 लाख रुपये बताया गया है।
भाजपा ने यह आरोप लगाते हुए कहा कि आम आदमी पार्टी जनता का पैसा बर्बाद कर रही है।
दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेन्द्र गुप्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री ने अपने सिविल लाईन्स स्थित सरकारी आवास पर दो दिनों में 80 मेहमानों के लंच पर 11.04 लाख रूपए से अधिक खर्च किए यानि एक मेहमान के लंच पर 13805 रूपए का खर्च आया।
महंगे सरकारी लंच का रिकार्ड बताते हुए उन्होंने कहा कि नियमानुसार सरकार गैरपांच सितारा होटलों में आयोजित किये जाने वाले लंच पर अधिक से अधिक 1250 रूपए प्रति व्यक्ति खर्च कर सकती है लेकिन नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए केजरीवाल सरकार ने 13805 रूपए खर्च किए जो मंजूर राशि से 1100 प्रतिशत ज्यादा है। श्री गुप्ता ने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी सरकार जनता की गाढ़ी कमाई को दोनों हाथों से खुला लूटा रही है।
श्री गुप्ता ने कहा कि खुद को आम आदमी का प्रतिनिधि होने का स्वांग रचने वाली सरकार का सच खुलकर सामने आ गया है। अभी जब राम जेठमलानी को सरकारी खाते से निजी मामले में 3.86 करोड़ रूपए फीस देने के फैसले की निंदा हो रही है तो एक और हैरान करने वाला मामला सामने आ गया। इस लंच को आयोजित करने का दायित्व दिल्ली सरकार के उस समय के चहेते अधिकारी और मुख्यमंत्री के भूतपूर्व प्रधान सचिव, राजेन्द्र कुमार को सौंपा गया। उन्होंने भी अपने आका केजरीवाल को खुश करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा दिल्ली पर्यटन एवं परिवहन विकास निगम को एक प्रसिद्ध पांच सितारा होटल के माध्यम से लंच आयोजित करने के निर्देश दिये गये। बिना किसी टेंडरिंग प्रक्रिया के आर्डर दे दिया गया और 11 फरवरी को 50 मेहमानों के लिए फिर 12 फरवरी को 30 मेहमानों के लिए लंच का आर्डर दिया गया। पहले दिन 50 लोगों के लिए कर सहित प्रति प्लेट 12472 रूपए की दर से कुल बिल 623605 रूपए अदा किए गए तो दूसरे दिन बढ़कर अचानक 16025 रूपए हो गई। एक ही दिन में प्रति व्यक्ति लंच की दर में 3553 रूपए की वृद्धि हो गई।
मैंने भुगतान पर जताई थी आपत्ति: सिसोदिया
वहीं इस मामले पर दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने पूरे मामले से इनकार नहीं किया, लेकिन सफाई में जरूर कहा कि 13 हज़ार रुपए के खाने वाली बिल की फाईल अधिकारियों ने मंजूरी के लिए एक साल पहले मेरे पास भेजी थी और मैने इसे मंजूरी देने से साफ मना किया था। करीब छह महीने से यह फाइल, नजीब जंग के ऑफिस में मंगवाकर रख ली गई थी। शायद इस चुनाव से पहले आप को बदनाम करने की नीयत से लीक करने के लिए। राजनिवास के अधिकारी जानबूझकर, दिल्ली सरकार को बदनाम करने के लिए आधी जानकारी के साथ फाइलें क्यों लीक कर रहे हैं।
उन्होंने पूरी फाईल मेरे पेमेंट मना करने की नोटिंग के साथ लीक करने की मांग करते हुए कहा कि ये भी बताओ कि 10 महीने पहले मैंने फाईल पर क्या लिखा था।
उन्होंने कहा कि चुनाव के चलते हम पर झूठे आरोप लग रहे हैं।


