31 मई को विशेष सत्र में मारपीट मामला...
विधानसभा अध्यक्ष के व्यवहार को अमर्यादित बताते हुए भाजपा के विधायकों ने अनिल बैजल से मिलकर रामनिवास गोयल के विरूद्ध सख्त कार्यवाही की भी मांग की है

नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा में 31 मई को बुलाए गए विशेष सत्र में विधानसभा अध्यक्ष के व्यवहार को अमर्यादित बताते हुए भाजपा के विधायकों ने उपराज्यपाल अनिल बैजल से मिलकर स्पीकर रामनिवास गोयल के विरूद्ध सख्त कार्यवाही व सदन में मारपीट करने वाले आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्ला खान, ऋतुराज, जरनैल सिंह तथा मदनलाल की विधानसभा सदस्यता निरस्त करने की भी मांग की है।
भाजपा विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष पर पक्षपातपूर्ण व्यवहार का आरोप लगाते हुए कहा कि आप विधायकों द्वारा सोची समझी रणनीति के अन्तर्गत मारपीट दिल्ली विधानसभा के इतिहास में काले अक्षरों से लिखी जाएगी।
विधायक दल में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता, विधायक ओम प्रकाश शर्मा, मनजिन्दर सिंह सिरसा तथा जगदीश प्रधान शामिल थे।
भाजपा विधायकों ने उपराज्यपाल से आग्रह किया कि यदि विधानसभा अध्यक्ष तथा सत्तारूड़ पार्टी के दोषी सदस्यों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही नहीं की गई तो उन्हें सदन की मर्यादा को भविष्य में भी कलंकित करने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा जो प्रजातंत्र के लिए खतरा है ।
विजेन्द्र गुप्ता ने बताया कि भाजपा विधायकों ने उपराज्यपाल को जानकारी दी कि विशेष सत्र में अध्यक्ष का व्यवहार अत्यंत अमर्यादित और प्रजातांत्रिक मूल्यों का हनन करने वाला था। सदन में जैसे ही आम आदमी पार्टी के विधायक कपिल मिश्रा ने मुख्यमंत्री और शहरी विकास मंत्री के विरूद्ध बैनर निकालकर लहराया तभी अध्यक्ष ने तुरन्त ही मार्शलों को आदेश दिया कि 'बाहर निकालो इसे’। वे दोहराते रहे 'इसे बाहर करो’वे नियमों की ही नहीं अपितु सदस्य के प्रति शिष्टाचार की भाषा ही भूल गए।
भाजपा विधायक ने कहा कि वे बार-बार 'उसे’तथा 'इसको’कहकर संबोधित करते रहे और बार-बार क्रोध से वशीभूत होकर मार्शलों को कपिल मिश्रा को बाहर निकालने के आदेश देते रहे। भाजपा विधायकों ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष सदन में निष्पक्ष होकर अपने कर्तव्य का निर्वहन करते हैं। परन्तु श्री गोयल के व्यवहार से ऐसा लग रहा था कि उन्हें कथित रूप से दोषी सदस्य से निजी दुश्मनी हो।
उन्होंने विधानसभा के नियमानुसार तथा परमपराओं के अनुरूप कपिल मिश्रा को उनके व्यवहार को लेकर कोई चेतावनी नहीं दी उनका कर्तव्य था कि वे उन्हें पहले कम से कम तीन बार चेतावनी देते यदि वे फिर भी नहीं मानते तब उनको सदन छोडऩे का आदेश देते फिर मार्शलों से निकालने का आदेश देते।
उन्होंने बताया कि कपिल मिश्रा का गला दबाने की कोशिश की गई व उन पर लातें और घूंसे बरसाए गए। विधानसभा अध्यक्ष चारों सदस्यों को उत्तेजित करते नजर आए।
विजेन्द्र गुप्ता ने कहा कि यदि मार्शलों ने बीच बचाव कर कपिल मिश्रा को सुरक्षित बाहर नहीं निकाला होता तोए उनकी जान को खतरा भी पैदा हो सकता था। आप विधायकों का यह व्यवहार अत्यंत निन्दनीय है ।


