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महागठबंधन हताश दलों का एक हास्यास्पद संयोजन : भाजपा

भाजपा ने विपक्ष के महागठबंधन को विरोधाभासी और अवसरवादी दलों का हास्यास्पद संयोजन करार देते हुए कहा कि 2019 के आम चुनाव में देश की जनता के सामने दो विकल्प होंगे

महागठबंधन हताश दलों का एक हास्यास्पद संयोजन : भाजपा
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नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने विपक्ष के महागठबंधन को विरोधाभासी और अवसरवादी दलों का हास्यास्पद संयोजन करार देते हुए शनिवार को कहा कि 2019 के आम चुनाव में देश की जनता के सामने दो विकल्प होंगे कि वे नेताविहीन गठबंधन की मजबूर सरकार को चुने या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में मजबूत सरकार को। भाजपा की राष्ट्रीय परिषद के सम्मलेन के दूसरे और आखिरी दिन स्वीकृत राजनीतिक प्रस्ताव में मोदी सरकार की आर्थिक व विदेश नीतियों और गरीबों को ध्यान में रखकर शुरू की गईं कल्याणकारी योजनाओं का स्वागत करते हुए कहा गया है कि पिछले चार साल में भ्रष्टाचार पर लगाम लगाना सबसे बड़ा बदलाव है।

प्रस्ताव में कहा गया है कि आज दुनियाभर में भारत के लोग काफी भरोसेमंद और सुरक्षित महसूस कर रहे हैं, क्योंकि वे जानते हैं कि दूर रहते हुए भी सरकार उनका ख्याल रख रही है। दुनियाभर में मोदी का जो कद है और कूटनीतिक वार्ताओं में उन्होंने जो जोश पैदा किया है, उससे भारत का कद ऊंचा हुआ है।

प्रस्ताव में कहा गया है कि नरेंद्र मोदी के प्रेरक नेतृत्व में भाजपा और राजग में अपना भरोसा बनाए रखेंगे। देश की जनता 2019 के चुनाव में दोबारा प्रधानमंत्री मोदी को नेतृत्व सौंपना चाहती है।

भाजपा ने कहा है, "आज विरोधाभासी और अवसरवादी महागठबंधन का एक हास्यास्पद संयोजन प्रधानमंत्री, भाजपा और राजग से टक्कर लेने के लिए बनाया जा रहा है। उनका भारत के लिए या भारत के लोगों के लिए कोई कार्यक्रम या कार्यसूची नहीं है, वे केवल नरेंद्र मोदी के खिलाफ नफरत को आधार बनाकर आपस में जुड़ रहे हैं। यह प्रयास कई मायनों में इन अवसरवादी दलों की अपनी-अपनी कमजोरियों को भी उजागर करता है।"

भाजपा ने कहा, "2019 का भारत 1990 के दशक का भारत नहीं है, जब ये अवसरवादी दल मिल कर केंद्र सरकार को अपनी मर्जी से चार महीने से एक साल तक चला पाते थे। आज लोगों को अस्थिरता और स्थिरता के बीच चुनाव करना आता है। जनता जानती है कि प्रभावी सुशासन या हताश कुशासन में से उन्हें किसे चुनना है।"

प्रस्ताव में कहा गया है कि 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान छह राज्यों में भाजपा की राज्य सरकारें थीं, लेकिन आज 16 राज्यों में भाजपा ने सुशासन स्थापित किए हैं।

प्रस्ताव में हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में पार्टी की हार को शामिल किया गया। पार्टी ने कहा, "हमें मिला-जुला अनुभव मिला।"

चुनावों में पार्टी कार्यकर्ताओं के कठिन परिश्रम की सराहना करते हुए कहा गया है कि भाजपा शासित सभी राज्यों की सरकारों ने विकास और सुशासन की मिसाल पेश की है।

भाजपा ने कहा, "2014 में हमारी सदस्यता दो करोड़ 40 लाख थी, आज पार्टी के 11 करोड़ सदस्य हैं। इन साढ़े चार बर्षों में पार्टी ने देश के कोने-कोने में मजबूत बूथ संगठन की ताकत का निर्माण किया है।"

पार्टी ने कहा है कि प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना और अटल पेंशन योजना द्वारा कम कीमत पर दुर्घटना बीमा, जीवन बीमा तथा पेंशन जैसे लाभों को 20 करोड़ से भी ज्यादा लोगों तक पहुंचाया गया है।

मुद्रा योजना की सफलता की असाधारण कहानी ये आंकड़े कहते हैं, जिसके अंतर्गत 15.33 करोड़ लोगों को 7.29 लाख करोड़ रुपये के ऋण दिए गए। इसमें एक बात जो कि बहुत ही आश्वस्त करने वाली है, वह यह है कि मुद्रा लाभार्थियों में करीब 74 प्रतिशत महिलाएं अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति के लाभार्थी हैं।

पार्टी ने कहा है, "छह करोड़ गरीबों को उज्ज्वला योजना के अंतर्गत एलपीजी कनेक्शन वितरित किए गए हैं। अबतक की सबसे बड़ी स्वास्थ्य देखभाल योजना 'आयुष्मान भारत' के अंतर्गत 10 करोड़ गरीब परिवार किसी भी अस्पताल में जाकर किसी भी बीमारी के लिए प्रति वर्ष पांच लाख रुपये तक का इलाज मुफ्त में करा पाएंगे।"

भाजपा ने कहा कि देश के 18,000 गांवों में जहां आजादी के बाद भी बिजली नहीं पहुंचाई गई थी, अब वहां बिजली के कनेक्शन उपलब्ध हैं। 1.5 करोड़ से अधिक घर गरीब परिवारों के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत बनाए गए हैं।

ग्रामीण इलाकों में 1947 से लेकर 2014 तक 6.5 करोड़ शौचालय बनाए गए, जबकि पिछले साढ़े चार सालों में 9.67 करोड़ शौचालयों का निर्माण किया जा चुका है। 'स्वच्छ भारत अभियान' के तहत स्वच्छता का दायरा 2014 में जो 38 फीसदी था, आज बढ़ कर 98.49 फीसदी हो गया है।

मोदी सरकार ने 'तीन तलाक' की बुराई को दंडनीय प्रावधानों के साथ एक आपराधिक कृत्य घोषित कर दिया है।

स्किल इंडिया मिशन के तहत, भारत में प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के अंतर्गत 375 व्यवसायों में प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए 13,000 प्रशिक्षण केंद्र खोले गए हैंे, जहां एक करोड़ युवाओं को प्रशिक्षण दिया गया है।

पहली बार स्टार्टअप इंडिया और स्टैंडअप इंडिया की पहल से आज भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम बन गया है। भारत में अब 15,500 पंजीकृत स्टार्टअप हैं।

मुद्रा योजना और स्टैंडअप इंडिया ने छोटे उद्यमियों के लिए अपने व्यवसायों के विस्तार के लिए ऋण लेना आसान बना दिया है। 15.26 करोड़ छोटे और बहुत छोटे व्यवसायों को 7.29 लाख करोड़ रुपये के ऋण में लगभग 50 फीसदी ऐसे हैं, जिन्होंने पहली बार ऋण लिया है। इससे करोड़ों भारतीयों के लिए रोजगार के अवसर पैदा हुए हैं।

भारत 'नाजुक पांच (फ्रेजाईल फाइव)' से निकलकर विश्व की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है।

नोटबंदी जैसे साहसिक कदमों ने सामानांतर अर्थव्यवस्था और घरेलू काले धन की सदियों पुरानी समस्या को दूर किया है।


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