समाज से बहिष्कृत परिवार के मामले में आया नया मोड़
जैजैपुर विकासखण्ड के कोटेतरा गांव में एक परिवार को समाज से बहिष्कृत किये जाने के मामले में नया मोड़ आ गया

जांजगीर। जैजैपुर विकासखण्ड के कोटेतरा गांव में एक परिवार को समाज से बहिष्कृत किये जाने के मामले में नया मोड़ आ गया है। घटना की खबर के बाद एक ओर जहां जिला प्रशासन हरकत में आया, वहीं मालखरौदा की न्यायिक मजिस्ट्रेट ने भी मामले पर संज्ञान लेते हुये गांव पहुंचकर समाज प्रमुख सहित ग्रामीणों से बात की।
इस दौरान समाज के उपस्थित लोगों ने चंद्रशेखर व उसके परिवार को समाज से बहिष्कृत किये जाने जैसे आरोपो को सिरे से खारिज करते हुये समाज के कुछ लोगों के साथ व्यक्तिगत विवाद का मुद्दा बताया, जबकि चंद्रशेखर अब भी अपनी शिकायत पर अडिग है।
जैजैपुर क्षेत्र के ग्राम कोटेतरा निवासी चंद्रशेखर ने बीते 7 जून को एसपी कार्यालय में एक शिकायत दी थी, जिसमें उसे परिवार सहित गोड़ समाज से बहिष्कृत किए जाने का जिक्र किया था। इसके अलावा उसने एक शिकायत बीते 26 जून को छग राज्य अज अजजा आयोग रायपुर में की है। इसमें भी चंद्रशेखर ने समाज से बहिष्कृत किए जाने की बात कही है। इस मामले को लेकर मीडिया में लगातार खबरे आने लगी। इधर, समाज से बहिष्कृत किए जाने की खबर छपने के बाद प्रशासन हरकत में आया। सोमवार को सक्ती एसडीएम इंद्रजीत बर्मन के निर्देश पर जैजैपुर तहसीलदार और थाना प्रभारी ने गांव जाकर मुआयना किया। इस दौरान समाज प्रमुख नहीं मिले। आज जैजैपुर की न्यायिक मजिस्ट्रेट वर्ग एक प्रतिभा मरकाम ने गांव पहुंचकर ग्रामीणों से बातचीत की। इस दौरान समाज प्रमुखों ने चंद्रशेखर को समाज से बहिष्कृत नहीं करने की बात कही। ग्रामीणों ने भी समाज प्रमुख के पक्ष में बात किया। इधर, चंद्रशेखर अब भी अपनी शिकायत को सही बता रहा है।
उसका कहना है कि समाज के दाउलाल ने उसके साथ मारपीट की थी। इसकी शिकायत एसपी कार्यालय में की गई है।
चंद्रशेखर का कहना है यदि न्यायिक मजिस्ट्रेट व प्रशासन के समक्ष समाज प्रमुख उसे बहिष्कृत नहीं करने की बात कहते हैं तो उसके लिए इससे अच्छी बात और क्या हो सकती है। बहरहाल इस मामले में कौन सच कह रहा है और झूठा कौन यह यक्ष प्रश्न अभी भी अनुत्तरित है। हालांकि प्रशासनिक व न्यायिक दखल के बाद गांव में फिलहाल शांति का माहौल बना हुआ है।
आपसी विवाद का मामला
समाज प्रमुख दाउलाल से चंद्रशेखर ने मारपीट की थी। इस बात को लेकर समाज की बैठक हुई थी। इसमें भी चंद्रशेखर ने गाली-गलौच कर दिया था। गांव के गोड़ समाज सहित अन्य समाज के लोगों से पूछताछ की गई। तब चंद्रशेखर द्वारा अन्य लोगों से भी मारपीट व गाली गलौच किए जाने की बात सामने आई। समाज से बहिष्कृत किए जाने संबंधी कोई बात नहीं है। यह आपसी विवाद का मामला है।
राजकुमार लहरे, टीआई जैजैपुर


