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विकलांग यात्रियों के लिए रेल मंत्रालय ने बनाया नया डिजाइन, अगले वर्ष आएगा आधुनिक कोच

भारतीय रेल में विक्लांगों के लिए अब आधुनिक कोच का नया डिजाइन तैयार किया जा रहा है और नए डिजाइन वाले कोच अगले साल तक पटरी पर आ जाएंगे

विकलांग यात्रियों के लिए रेल मंत्रालय ने बनाया नया डिजाइन, अगले वर्ष आएगा आधुनिक कोच
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नई दिल्ली। भारतीय रेल में विक्लांगों के लिए अब आधुनिक कोच का नया डिजाइन तैयार किया जा रहा है और नए डिजाइन वाले कोच अगले साल तक पटरी पर आ जाएंगे। रेल मंत्रालय ऐसे दो कोच हर रेलगाड़ी में लगाएगा जिसमें बड़े दरवाजे, एंटी स्लिप फ्लोर, पकड़ के लिए रेलिंग,प्लेटफार्म से सीधे ट्रेन में जाने के लिए भी विशेष प्रबंध होंगे।

रेल मंत्रालय ने खस्ताहाल कोच की सूरत सुधारने के लिए साज सज्जा, तकनीकि सुदृढ़ता के लिए 15 हजार करोड़ की परियोजना तैयार की है। पुराने कोच में साज सज्जा के बाद एलईडी लाइट्स, आधुनिक शौचालय, आकर्षक सीढ़ियां, आग से निपटने के प्रबंधों के साथ साथ यात्रियों को सूचना देने के लिए बोर्ड व उदघोषणा व्यवस्था की जाएगी।

रेल मंत्रालय करीबन 40 हजार कोच संवारने की इस परियोजना को इसी वर्ष शुरू कर 2022 तक पूरा करेगा, जबकि कोच रेट्रोफिटिंग के लिए 32 कोच में बदलाव किए जाएंगे जिससे दुर्घटना के समय कोच एक दूसरे पर जहां नहीं चढ़ेंगे वहीं झटकों का असर भी कम होगा। रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने इसके लिए निर्देश जारी करते हुए बताया कि मौजूदा 25 हजार व आने वाले 15 हजार कोच संवारे जाएंगे।

इसके लिए रेलवे की वर्कशॉप के अलावा निजी क्षेत्र का सहयोग लेंगे व जल्द ही सलाहकार की नियुक्ति कर रहे हैं। कोच रिहैबिलिटेशन सेंटर भोपाल निशादपुरा में काम तो शुरू हो गया है लेकिन 80 फ ीसदी पुराने कोच वाली भारतीय रेलवे 1 अप्रैल, 2018 से एलएचबी को बंद कर रही है लेकिन इस बीच 40 हजार कोच को सुधारना बड़ी चुनौती जरूर है।

रेलवे अधकारी मानते हैं कि इस साल एक हजार कोच बनेंगे जबकि अगले साल तीन हजार व फिर 2022 तक प्रतिवर्ष पांच-पांच हजार कोच बनाए जाएंगे। रेलवे कुल 40 फीसद काम करेगा और बाकी निजी कंपनियों से करवाया जाएगा।

रेलवे अधिकारियों के मुताबिक प्रति कोच करीबन 30 लाख रूपए खर्च होगा और साज सज्जा पर करीबन आठ हजार करोड़ की लागत आएगी। रेट्रोफिटिंग परियोजना के लिए पहला टेंडर जारी हो चुका है और 2500 कोच के लिए काम शुरू होने जा रहा है।

रॉलिंग स्टॉक सदस्य रविंद्र गुप्ता बताते हैं कि रेट्रोफिटिंग में कोच को सुरक्षित बनाया जाएगा, शौचालय, कपलिंग सुधारी जाएगी, नई सामग्री से आधुनिक बनाया जाएगा, इंटीरियर भी संवारा जाएगा तो वहीं बैलेंस्ड ड्राफ्ट गियर से पटरियों पर दौड़ती रेलगाड़ी के झटके भी कम किए जा सकेंगे।


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