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इंदिरा गांधी स्टेडियम में होने वाला है ऐसा कबड्डी मैच जिसपर रहेंगी पूरे देश की निगाहें

एशियाई खेलों में अपने खिताब गंवाने वाली भारतीय पुरूष और महिला कबड्डी टीमों को शनिवार यहां इंदिरा गांधी स्टेडियम में एक ऐसा मैच खेलना पड़ेगा जिसपर पूरे देश की निगाहें होंगी

इंदिरा गांधी स्टेडियम में होने वाला है ऐसा कबड्डी मैच जिसपर रहेंगी पूरे देश की निगाहें
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नयी दिल्ली। एशियाई खेलों में अपने खिताब गंवाने वाली भारतीय पुरूष और महिला कबड्डी टीमों को शनिवार यहां इंदिरा गांधी स्टेडियम में एक ऐसा मैच खेलना पड़ेगा जिसपर पूरे देश की निगाहें होंगी।

एशियाई खेलों में उतरने वाली टीम और इन टीमों में न चुने गये खिलाड़ियों के बीच यह मुकाबला खेला जाएगा और इस मैच की निगरानी बाकायदा एक न्यायाधीश करेंगे। भारतीय खेलों के इतिहास में यह पहली बार होगा जब न्यायिक व्यवस्था की निगरानी में कबड्डी मैच खेला जाएगा। यह मैच दिल्ली उच्च न्यायालय के पिछले महीने के आदेश के अनुसार खेला जा रहा है।

दरअसल भारतीय एमेच्योर कबड्डी महासंघ के अधिकारियों पर एशियाई खेलों के लिये टीमों के चयन में भेदभाव के आरोप लगे हैं। दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन और न्यायमूर्ति वीके राव की खंडपीठ ने कबड्डी महासंघ को आदेश दिया था कि वह 15 सितंबर को एक मैच आयोजित करें।

दिल्ली उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश एसपी गर्ग को इस चयन प्रक्रिया और मैच के लिये पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है। उनके साथ खेल मंत्रालय का एक अधिकारी भी रहेगा। भारतीय पुरूष कबड्डी टीम ने एशियाई खेलों में लगातार सात बार स्वर्ण पदक जीता था लेकिन उसे सेमीफाइनल में ईरान से हारना पड़ा था और उसे बाद में कांस्य पदक मिला था। पिछली दो बार की चैंपियन महिला टीम फाइनल में ईरान से हारकर रजत पर ही ठिठक गयी थी।

दोनों टीमों की पराजय से इस बात को बल मिला है कि कबड्डी टीमों की चयन प्रक्रिया में कहीं न कहीं कुछ खामी थी। पूर्व अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी महिपाल सिंह ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर चयन प्रक्रिया में धांधली का आरोप लगाया है। चूंकि टीमें चुनी जा चुकी थीं इसलिये उच्च न्यायालय ने आरोपों की प्रमाणिकता के लिये एशियाई खेलों के बाद एक मैच कराने का फैसला किया है।

मैच में एशियाई खेलों में उतरी टीमों और उन खिलाड़ियों के बीच मुकाबला होगा जो राष्ट्रीय कैंप का हिस्सा थे लेकिन उन्हें टीम में नहीं चुना गया। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या एशियाई खेलाें में हिस्सा लेने वाले इस मैच में उतरते हैं या नहीं। अदालत ने कबड्डी महासंघ को अपने आदेश में यह सुनिश्चित करने को कहा था कि शनिवार के मैच में सभी खिलाड़ियों का प्रतिनिधित्व हो।

इस पूरी चयन प्रक्रिया की बाकायदा वीडियो रिकार्डिंग होगी और इसे साई तथा अदालत के सामने पेश किया जाएगा।


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