कुंभ मेला के प्रथम दिन श्रद्धालुओं की भारी भीड़
राजिम कुंभ कल्प के देश में पांचवे कुंभ के रूप मे विख्यात राजिम में महानदी, पैरी और सोढूर नदियों के संगम पर आयोजित होने वाला कुंभ इस बार नदियो के संरक्षण-संवर्धन पर आधारित होगा।

राजिम। राजिम कुंभ कल्प के देश में पांचवे कुंभ के रूप मे विख्यात राजिम में महानदी, पैरी और सोढूर नदियों के संगम पर आयोजित होने वाला कुंभ इस बार नदियो के संरक्षण-संवर्धन पर आधारित होगा। 07 फरवरी को संत समागम होगा। जिसमें देशभर के साधु-संतो का आगमन होगा। राजिम कुंभ मेला के प्रथम दिन अंचल सहित विभिन्न क्षेत्रों बहुतायत में श्रद्धालुगण पहुंचे हुए।
मेला क्षेत्र नदी में विभिन्न प्रकार के दुकान लगे हुए हैं। मेला स्थल मीना बाजार में विभिन्न प्रकार के झूले, मौत कुंआ, झांकी, सर्कस सहित अन्य स्टॉल लोगों के लिए आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है। महोत्सव स्थल, श्री कुलेष्वर मंदिर सहित समूचे मेला क्षेत्र में विभिन्न प्रकार के स्टाल, प्रदर्षनी लगे हुए हैं। शासकीय विभागों द्वारा भी स्टॉल-प्रदर्षनी लगाए हुए है, जिसमें महिला बाल विकास, स्वास्थ्य, कृषि, संस्कृति एवं पुरातत्व सहित अनेक विभागो की प्रदर्षनी में शासन की योजनाओं की जानकारी लोगों को दी जा रही है। मालूम हो कि राजिम कुंभ कल्प की ख्याति दूर-दूूर तक फैली हुई है, जिसे देखने लोंगो का जन सैलाब उमड़ रहा है।
विकास योजनाओं की प्रश्नोत्तरी के माध्यम से रोचक प्रस्तुति, युवाओं में रहा आकर्षण
राजिम कुंभ कल्प में छत्तीसगढ़ राज्य में संचालित योजनाओं की जानकारी प्रष्नोत्तरी के माध्यम से रोचक तरीके से जनसंपर्क विभाग के शासकीय स्टॉल में दी जा रही है, जो युवाओ में आकर्षण का केन्द्र बना है। राजिम कुंभ कल्प में शासकीय योजनाओं के प्रचार-प्रसार के लिए विभिन्न विभागो द्वारा स्टॉल एवं प्रदर्शनी लगाए गए है। जनसंपर्क विभाग के प्रदर्षनी में विभिन्न शासकीय योजनाओ को प्रदर्षित किया गया है साथ ही योजनाओ की रोचक तरीके से जानकारी क्वीज के माध्यम से दी जा रही है।
प्रतिभागियो द्वारा सही जानकारी देने पर प्रोत्साहन स्वरूप ईनाम भी दिया जा रहा है। कुंभ के शुभारंभ दिवस पर श्री राजीव लोचन वार्ड 04 के पार्षद श्रीमती अनिता पुरण यादव ने भी प्रष्नोत्तरी में भाग लिया और सही जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जिस तरीके से यहां जानकारी दी जा रही है वह रोचक होने के साथ-साथ ज्ञानवर्धक भी है।
कक्षा ग्यारहवी में अध्ययनरत छात्रा कु. अंषिका ठाकुर ने जनसंपर्क विभाग द्वारा प्रकाषित मासिक पत्रिका जनमन का सही जवाब दे कर पुरस्कार जीता। इसी तरह राजिम के राजकुमार बंजारे, सूरज ध्रुव, नंदा यादव, भुवनेष्वरी वर्मा, षिवकुमार सोनकर ने भी इस प्रष्नोत्तरी कार्यक्रम में उत्साह से भाग लिया।
कुंभ मेला में हुए मुंडन संस्कार
धार्मिक मान्यता के अनुसार माघ पूर्णिमा तथा कुंभ सहित अन्य विषेष अवसरों पर बच्चों का मुंडन संस्कार कराये जाने की विषेष महत्व होता है। इस अवसर पर राजिम कुुंभ में आये श्रध्दालुओं ने अपने बच्चो के कर्ण भेदन, मुंडन जैसे कई संस्कार भी संपन्न कराए।
श्री राजीव लोचन मंदिर प्रांगण एवं श्री कुलेष्वर महादेव मंदिर के पास मुंडन संस्कार के लिए विषेष व्यवस्था की गई थी। जहां पर कुंभ में आये श्रध्दालुओं ने अपने बच्चों का मुंडन संस्कार कराया। मुंडन संस्कार के लिए श्रद्धालुओं में काफी उत्साह नजर आया। चूंकि ऐसे अवसरों पर मुहुर्त की कोई जरूरत नहीं होती, इसलिए कुंभ पहुंचे श्रध्दालुओं ने अपने बच्चों के वे सारे संस्कारों को संपन्न कराया जो इस मुहुर्त में सहज और सुलभ उपलब्ध हो सकते थे।
संस्कार के बाद श्रध्दालुओं ने अपने बच्चो के साथ भगवान राजीवलोचन और भगवान कुलेष्वरनाथ मंदिर सहित अन्य मंदिरों का दर्षन लाभ लिया। पर्व को देखते हुए बड़ी संख्या में श्रध्दालुओं के पहुंचने की संभावनाओं को देखते हुए पुलिस प्रषासन ने विषेस व्यवस्था कर रखी थी।
शर्मा बंधुओं के भजनों ने शमा बांधा
राजिम कुंभ कल्प 2018 के उद्घाटन समारोह के अवसर पर देष के प्रसिद्ध भजन गायक षर्मा बंधूओं के भजन गानों से मुख्य मंच पर होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम की षुरूआत हुई। षर्मा बंधूओं के व्दारा गाये गये भजनों का उपस्थित जनसैलाब ने भरपूर आनंद उठाया। शर्मा बंधू ने अपने कार्यक्रम की शुरूआत हमारे प्यारे षंकर प्रभू से की। इसके बाद उन्होने एक के बाद एक अपने भजनों की बेहतरीन प्रस्तुति दी। जिसे सुनकर उपस्थित श्रोता गण मंत्रमुग्ध हो गये।
षर्मा बंधूओं व्दारा गाये भजनों के बीच में षंखनाद की ध्वनि से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया और श्रोता भजनों की धुन पर झूमने लगे। शर्मा बंधूओं ने अपनी गायिकी में जगत को नाव के रूप में इंगित करते हुए सदगुरू की महिमा का गुणगान करते हुए अपने प्रसिध्द भजन रामा हो रामा हो.... के माध्यम से प्रस्तुत किया।
अंत में उन्होने अपने प्रसिध्द भजन श्सूरज की गर्मी से तपते हुए तन को मिल जाए तरूवर की छाया....श्, को गाकर श्रोताओं की तालियां बटोर ली। इस भजन को सुनकर दर्षक अपने आपको झूमने से रोक नहीं पाये और तालियों की गड़गड़ाहट से पूरा माहौल गूंज उठा। चर्चा के दौरान राजिम कुंभ में अपनी प्रस्तुति देने आये षर्मा बंधूओं ने बताया कि राजिम की इस पावन धरा पर आकर कुंभ के विषाल मुख्यमंच पर अपने कार्यक्रम देना हमारे लिए परम सौभाग्य की बात है कि हमें भगवान राजीवलोचन की नगरी में उनकी स्तुति करने का अवसर प्राप्त हुआ।


