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शिकायतों को लेकर ऑटो यूनियन के प्रतिनिधिमंडल ने की परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत से मुलाकात

दिल्ली के ऑटो यूनियन के एक प्रतिनिधिमंडल ने दिल्ली सचिवालय में परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत से मुलाकात की

शिकायतों को लेकर ऑटो यूनियन के प्रतिनिधिमंडल ने की परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत से मुलाकात
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नई दिल्ली। दिल्ली के ऑटो यूनियन के एक प्रतिनिधिमंडल ने दिल्ली सचिवालय में परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत से मुलाकात की। इस दौरान, प्रतिनिधिमंडल ने परिवहन मंत्री के समक्ष अपने कई मुद्दे रखे। इस दौरान परिवहन मंत्री ने कहा कि केजरीवाल सरकार शुरू से ही ऑटो चालकों के साथ खड़ी रही है और उनके हितों को प्राथमिकता देती आई है।

उन्होंने कहा कि, पिछले नौ सालों में सरकार ने ऑटो चालकों का जीवन स्तर बेहतर बनाने के लिए उनको कई राहतें देने का काम किया है। सरकार आगे भी ऑटो चालकों के साथ खड़ी रहेगी और उनके हितों को प्राथमिकता देती रहेगी। दरअसल, दिल्ली के ऑटो यूनियन ने परिवहन मंत्री के सामने अपने मुद्दे रखते हुए बताया है कि परिवहन विभाग ने बुराड़ी से हटाकर राजपुरा रोड पर कार्यालय बनाया है, लेकिन अभी वहां वाटर कूलर नहीं लगा है और वेटिंग एरिया भी नहीं बना है।

इस पर परिवहन मंत्री ने उन्हें आश्वासन देते हुए कहा कि जल्द ही वहां पर वाटर कूलर लगा दिया जाएगा और शेड लगाकर वेटिंग एरिया बना दिया जाएगा। प्रतिनिधियों ने बताया कि पहले उन्हें ऑटो का लाइसेंस बनवाने के लिए ऑटो चलाकर टेस्ट देना पड़ता था। लेकिन अब केंद्र सरकार ने नया नियम बना दिया है कि अगर ऑटो चलाने के लिए लाइसेंस बनवाना है, तो उनको कार चलाकर टेस्ट देना होगा। इससे उन ऑटो चालकों दिक्कत हो रही है, जिनको कार चलानी नहीं आती है और वो ऑटो का लाइसेंस नहीं बनवा पा रहे हैं।

इस पर परिवहन मंत्री ने कहा कि इस मुद्दे पर अधिकारियों से बात कर इसके समाधान का रास्ता तलाशेंगे। इस दौरान ऑटो यूनियन के प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उनके लिए बहुत सारे काम किए हैं, और उन्हें सम्मान दिलाया है। खासकर कोरोना महामारी के दौरान जब लॉकडाउन लग गया था, तब एक साथ सभी ऑटो चालक बेरोजगार हो गए थे। उस दौरान आमदनी नहीं होने के कारण घर की आर्थिक हालत खराब हो गई थी। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उनकी इस समस्या को समझा और दो बार 5-5 हजार रुपए की आर्थिक मदद की।

उन्होंने कहा कि कोराना के दौरान केवल दिल्ली ही इकलौता राज्य रहा, जहां सरकार ने ऑटो चालकों को आर्थिक मदद की। इसके अलावा उन्हें कई तरह की फीस देनी पड़ती थी, जिसे सरकार ने माफ कर दिया। दिल्ली सरकार के मुताबिक ऑटो चालकों को कई बड़ी राहतें अब तक दी गई हैं। जिनमें कोरोना में दो बार 5-5 हजार यानी कुल 10 हजार रुपए दिए गए।

डिम्टस की फीस 1420 रुपए सालाना से घटाकर शून्य कर दी। सिम की फीस 584 रुपए सालाना से घटाकर फ्री कर दी। फिटनेस की फीस 600 रुपए सलाना से घटाकर मुफ्त कर दी। ऑटो मीटर की रोड ट्राई भी खत्म की। ड्राइविंग लाइसेंस और फिटनेस पर लगने वाली क्लास बंद कर दी। परमिट फीस को 1000 से घटाकर 500 कर दिया। आरसी का पता बदलवाले पर हर महीना 500 रुपए (6 हजार सालाना) पेनल्टी लगती थी। इसे घटाकर 100 (1200 रुपए सालाना) कर दिया और दिल्ली के अंदर 511 ऑटो स्टैंड बनवाए।

दिल्ली सरकार ने ये भी बताया है कि ऑटो चालकों के परिवार का भविष्य भी सुरक्षित किया। सीएम केजरीवाल ने स्कूलों का कायाकल्प कर दिया। सभी ऑटो वालों के बच्चे सरकारी स्कूल में पढ़ते हैं। बुराड़ी के रमेश ऑटो वाले की बेटी केजरीवाल के सरकारी स्कूल में पढ़कर केंद्रीय विद्यालय में टीचर बन गई। 200 यूनिट तक बिजली फ्री मिलती है और 24 घंटे बिजली मिलती है। मोहल्ला क्लिनिक व अस्पतालों में इलाज फ्री होता है, दवाइयां फ्री मिलती हैं, पानी फ्री मिलता है।


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