एक सिगरेट जिंदगी की खा जाती है 11 मिनट
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा है कि एक सिगरेट जिंदगी के 11 मिनट और सिगरेट का एक पैकेट 3 घंटे 40 मिनट छीन लेता है
नई दिल्ली। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा है कि एक सिगरेट जिंदगी के 11 मिनट और सिगरेट का एक पैकेट 3 घंटे 40 मिनट छीन लेता है। जो युवा लड़के-लड़किया कम उम्र में धूम्रपान करते हैं उनमें से 50 फीसदी की मौत तंबाकू से होने वाली बीमारी के कारण हो जाती है और सामान्य व्यक्ति के मुकाबले धूम्रपान करने वाले शख्स की जिंदगी 22 से 26 प्रतिशत तक कम हो जाती है। अधिक धूम्रपान करने से व्यक्ति को तमाम तरीके के रोग घेर लेते हैं।
विश्व तंबाकू निषेध दिवस के अवसर पर आज स्वास्थ्य संगठन की ओर से वैश्विक स्तर पर चलाए गए जन अभियान में सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पादों की आदतें छोड़ने के लिए कुछ सामान्य नुस्खे सुझाए गए हैं। इनके अनुसार किसी भी चीज को अपनाने और छोड़ने के लिए मन में एक निश्चय करना बहुत जरूरी है।
अगर सिगरेट की आदत नहीं छूटती तो कोशिश करें की इसे धीरे-धीरे कम करें। पहले एक दिन सिगरेट छोड़े फिर दो दिन और फिर धीरे-धीरे सप्ताह में एक सिगरेट पर आ जाएं। अपने करीबी दोस्तों और परिवार के सदस्यों से इसमें सहयोग लें।
जब भी सिगरेट पीने का मन करें, उनसे बात करें ताकि वह आपका ध्यान किसी और चीज में बंटा सकें। अगर आपके दोस्त सिगरेट पीने का दबाव डालें तो उनसे साफ कहे कि अब आप सिगरेट नहीं पीएंगे। संगठन ने कहा है कि तंबाकू उत्पादों से छुटकारा पाने के लिए सबसे जरूरी है कि लोग सिगरेट या तंबाकू के उत्पाद अपने पास नहीं रखें।
तंबाकू और सिगरेट पीने की आदत को छोड़ने के दौरान सिरदर्द, कफ, वजन बढ़ना, अनिद्रा जैसी परेशानियां हो सकती हैं ऐसें में इनसे बचने के लिए जीवनशैली में बदलाव लाना होगा। इसके लिए शारीरिक व्यायाम, पौष्टिक भेाजन, पर्याप्त जल और ध्यान को रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा बनाना पड़ेगा।
डब्ल्यूएचओ के अनुसार इन उपायों को आजमाने का असर बहुत जल्दी ही स्वास्थ्य पर दिखने लगेगा। सिगरेट छोड़ने के महज 20 मिनट के अंदर रक्तचाप और और ह्दय की धड़कन सामान्य हो जाएगी। महज 12 घंटे में रक्त में कार्बन मोनोक्साइड का स्तर घटकर सामान्य स्तर पर आ जाएगा। दो से 12 सप्ताह में रक्त प्रवाह सामान्य हो जाएगा और फेफड़े से ठीक से काम करने लगेंगे।
एक से नौ महीने के अंदर खांसने और सांस में तकलीफ की शिकायत दूर हो जाएगी। पांच साल के भीतर दिल का दौरा पड़ने, फेफड़ों में जकड़न और शरीर के अन्य हिस्सों में कैंसर का खतरा 50 फीसदी घट जाएगा।


