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मिर्जापुर में 1600 मेगावाट का थर्मल पावर प्लांट बनेगा

प्रदेश के औद्योगिक विकास और ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया गया है। मिर्जापुर जनपद में 1600 मेगावाट क्षमता वाला कोयला आधारित अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल थर्मल पावर प्लांट स्थापित होने जा रहा है।

मिर्जापुर में 1600 मेगावाट का थर्मल पावर प्लांट बनेगा
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मिर्जापुर। प्रदेश के औद्योगिक विकास और ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया गया है। मिर्जापुर जनपद में 1600 मेगावाट क्षमता वाला कोयला आधारित अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल थर्मल पावर प्लांट स्थापित होने जा रहा है। इसके लिए पर्यावरणीय स्वीकृति को लेकर ददरी खुर्द गांव में आयोजित लोक सुनवाई में क्षेत्रवासियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और इस परियोजना को जिले के विकास और युवाओं के रोजगार के नए द्वार खोलने वाली पहल बताया।

इस लोक सुनवाई के माध्यम से सरकार और कंपनी के बीच संवाद की एक सकारात्मक पहल सामने आई, जिसमें पारदर्शिता, जनभागीदारी और विकास की भावना स्पष्ट रूप से झलकी।

अदाणी समूह के तत्वावधान में मिर्जापुर जिले की सदर तहसील स्थित ददरी खुर्द गांव में प्रस्तावित 1600 मेगावाट के कोयला आधारित थर्मल पावर प्लांट को लेकर शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण पर्यावरणीय लोक सुनवाई आयोजित की गई। यह कार्यक्रम उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के तत्वावधान में संपन्न हुआ, जिसमें बड़ी संख्या में स्थानीय ग्रामीणों, जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों ने भाग लिया।

कार्यक्रम में पूर्व मंत्री एवं मड़िहान विधायक रमाशंकर सिंह पटेल ने विशेष रूप से शिरकत की। उन्होंने इस परियोजना को क्षेत्र के लिए वरदान बताते हुए कहा कि इस प्लांट के लगने से बिजली उत्पादन में तो वृद्धि होगी ही, साथ ही स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे। इससे मिर्जापुर जिले के समग्र विकास को भी गति मिलेगी।

इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी शिव प्रसाद शुक्ल, क्षेत्रीय पर्यावरण अधिकारी (सोनभद्र), अदाणी ग्रुप के वरिष्ठ अधिकारी, तकनीकी विशेषज्ञ, ग्राम प्रधान एवं बड़ी संख्या में क्षेत्रवासी उपस्थित रहे।

इस दौरान पर्यावरणीय प्रभावों से संबंधित बिंदुओं पर विस्तृत जानकारी साझा की गई और यह भरोसा दिलाया गया कि प्लांट के निर्माण व संचालन में सभी पर्यावरण के मानकों का पालन किया जाएगा।

स्थानीय ग्रामीणों ने इस परियोजना का समर्थन किया। उनका कहना है कि इसकी स्थापना से क्षेत्र की लंबे समय से चली आ रही बिजली और रोजगार संबंधी समस्याओं का हल निकलेगा। रोजी-रोटी का संकट दूर होगा। कई वक्ताओं ने संतोष जताया कि इस परियोजना से मिर्जापुर को राष्ट्रीय ऊर्जा मानचित्र पर भी एक नई पहचान मिलेगी।


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