सड़कों-नालियों, पानी-सीवर के लिए 900 करोड़ करेंगे खर्च
दिल्ली सरकार ऐसी 500 अधिकृत कॉलोनियों में विकास कार्य शुरु करवाने जा रही है जहां अभी तक सरकारी काम नहीं करवाए गए हैं
नई दिल्ली। दिल्ली सरकार ऐसी 500 अधिकृत कॉलोनियों में विकास कार्य शुरु करवाने जा रही है जहां अभी तक सरकारी काम नहीं करवाए गए हैं।
इस वर्ष अनाधिकृत कॉलोनियों में विकास कार्यों के लिए 900 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है जिसमें 300 करोड़ रुपए सड़कों-नालियों के लिए व 600 करोड़ रुपए पानी व सीवर पर खर्च होंगे। भाजपा विधायक जगदीश प्रधान के प्रश्न पर लोक निर्माण मंत्री सत्येंद्र जैन ने यह जानकारी देते हुए बताया कि अभी अनधिकृत कालोनियों में विकास कार्य डीएसआईआईडीसी कर रही है व बाढ़ एवम सिंचाई विभाग से करवाने की योजना है। हालांकि आज दिल्ली विधानसभा में आज राजधानी के अस्पतालों में दवाइयों की कमी के मुद्दे को उठाने की मंजूरी न मिलने के बाद जमकर हंगामा हुआ।
दरअसल नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने चर्चा की मांग की थी जिसे स्पीकर रामनिवास गोयल ने नामंजूर कर दिया। इसके बाद प्रतिपक्ष सदन में इस मामले पर सरकार से जवाब चाह रहा था लेकिन सत्ता पक्ष इसके लिए तैयार नहीं था।
पक्ष-विपक्ष के सदस्यों में इस पर कई बार गरमा गरमी हुई और हंगामे, जिरहबाजी के बीच सत्तापक्ष के सदस्यों ने विपक्ष के विधायकों को सदन से बाहर करने की जोरदार मांग की। गतिरोध शांत होने पर प्रश्नकाल के दौरान खाद्य मंत्री इमरान हुसैन ने बताया कि दिल्ली में चीनी आवंटन के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है जैसे ही केंद्र सरकार से आते ही दिल्ली में चीनी का वितरण किया जाएगा।
वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने आप विधायक गिरीश सोनी के प्रश्न पर बताया कि शराब की दुकान खोलने के लिए स्कूल, धार्मिक स्थल आदि के लिए निश्चित दूरी तय है। मादीपुर में मॉल के दुकान पर उन्होने आप विधायक को आश्वस्त किया कि दुकान का निरीक्षण किया जा सकता है। आप विधायक भावना गौड़ ने शराब की दुकानें बंद नहीं होने की शिकायत की जिस पर वित्त मंत्री ने कहा कि यदि नियम अनुसार दुकान नहीं खुली है उसे बंद करवाया जा सकता है।
उन्होने सभी दुकानों पर सीसीटीवी की अनिवार्यता की जानकारी दी। विधानसभा में आज नेता जी सुभाष इंस्टीटूट संशोधन विधेयक 2017 को व न्यूनतम वेतन दिल्ली संशोधन विधेयक 2017 को पुन: पेश किया। मनीष सिसोदिया ने दोनों विधेयक पेश करते हुए बताया कि राष्ट्रपति ने इन दोनों विधेयको में जो आवश्यक सुधार कहे थे वह कर दिए गए हैं। वहीं विशेष उल्लेख के दौरान भी कई विधायकों ने अपने अपने विधानसभा क्षेत्र से संबंधित मुद्दे उठाए।


