9 कांग्रेस विधायकों ने किया कोविंद के पक्ष में मतदान
गुजरात के कुल 182 विधायकों में से जदयू के इकलौते विधायक छोटू वसावा ने आदिवासी मुद्दों को लेकर 17 जुलाई को हुए चुनाव का बहिष्कार किया था।
गांधीनगर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के गृहराज्य गुजरात में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव तथा अगले ही माह राज्यसभा की तीन सीटों के चुनाव के ठीक पहले मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के लिए एक बडे झटके के तहत इसके कम से कम नौ तथा अधिकतम 11 विधायकों के राष्ट्रपति चुनाव में भाजपा समर्थित राजग के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद के पक्ष मतदान करने का खुलासा हुआ है।
गुजरात के कुल 182 विधायकों में से जदयू के इकलौते विधायक छोटू वसावा ने आदिवासी मुद्दों को लेकर 17 जुलाई को हुए चुनाव का बहिष्कार किया था। भाजपा के सभी 122, कांग्रेस के 57 तथा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के 2 विधायकों यानी कुल 181 ने वोटिंग की थी।
गुजरात परिवर्तन पार्टी की सीट पर जीते दो विधायकों के भाजपा में पार्टी समेत विलय के बावजूद ऐसे एक विधायक नलिन कोटडिया ने मीरा कुमार के पक्ष में मतदान करने का दावा किया था।
आज हुई मतगणन के दौरान कोविंद को गुजरात के 132 विधायकों के मत (कुल मत मूल्य 19404) तथा मीरा कुमार, जिन्होंने गुजरात से ही अपने प्रचार अभियान की शुरूआत की थी, को उनकी अपनी पार्टी के विधायकों की संख्या से भी कम मात्र 49 वोट (मत मूल्य 7203) मिले हैं।
उन्हें आदर्श तौर पर कांग्रेस के 57, विपक्षी राकांपा के दो और कोटडिया का एक यानी कुल 60 मत मिलने चाहिए थे। इसका अर्थ यह हुआ कि अगर राकांपा के दो विधायकों ने भी श्री कोविंद का समर्थन किया हो तो भी कांग्रेस के कम से कम नौ विधायकों ने भी उनके पक्ष में क्राॅस वोटिंग की है और अगर राकांपा ने श्रीमती कुमार का ही साथ दिया है तो यह संख्या 11 तक हो सकती है।
यहां चुनावी हलकों में ऐसी चर्चा है कि कांग्रेस आलाकमान तथा प्रदेश नेतृत्व से नाराज चल रहे नेता प्रतिपक्ष शंकरसिंह वाघेला के खेमे ने कोविंद का समर्थन किया है।
लगभग दो दशक से राज्य में सत्ता से बाहर चल रही कांग्रेस के लिए इसे आगामी आठ अगस्त को गुजरात की तीन राज्यसभा सीटों के लिए होने वाले चुनाव के पहले भी एक खतरनाक झटका माना जा रहा है।


