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डूटा चुनाव में 85 फीसदी मतदान, एके भागी और आदित्य नारायण के बीच मुकाबला

दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (डूटा) चुनाव में करीब 85 प्रतिशत शिक्षकों ने मतदान किया है

डूटा चुनाव में 85 फीसदी मतदान, एके भागी और आदित्य नारायण के बीच मुकाबला
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नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (डूटा) चुनाव में करीब 85 प्रतिशत शिक्षकों ने मतदान किया है। बुधवार को दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के चुनाव संपन्न हुए। शाम 5 बजे मतदान समाप्त होने के उपरांत 6 बजकर 30 मिनट पर वोटो की गिनती भी प्रारंभ हो गई।

डूटा चुनाव में एनडीटीएफ व डेमोक्रेटिक यूनाइटेड के बीच सीधा मुकाबला है। अध्यक्ष पद के लिए एनडीटीएफ की ओर से दयालसिंह कॉलेज में रसायन विज्ञान के प्रोफेसर एके. भागी हैं। वहीं, डेमोक्रेटिक यूनाइटेड टीचर्स एसोसिएशन की ओर से अरबिंदो कॉलेज के शिक्षक डॉ. आदित्य नारायण मिश्रा चुनाव मैदान में हैं।

डूटा चुनाव में अध्यक्ष के अलावा 15 सदस्यीय कार्यकारिणी का भी फैसला होना है। दिल्ली विश्वविद्यालय के 79 कॉलेज में पढ़ाने वाले लगभग 9,600 स्थायी, टेम्परेरी व एडहॉक शिक्षक इस चुनाव के मतदाता थे। दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर हंसराज सुमन के मुताबिक इनमें से 8187 (करीब 85 फ़ीसदी) शिक्षकों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। दिल्ली विश्वविद्यालय में कई विपक्षी शिक्षक संगठनो ने शिक्षक संघ (डूटा) चुनाव के लिए डेमोक्रेटिक यूनाइटेड टीचर्स अलायंस का गठन किया है।

इस गठबंधन ने डूटा अध्यक्ष पद के लिए डॉ. आदित्य नारायण मिश्रा को अपना उम्मीदवार बनाया है। आदित्य नारायण आम आदमी पार्टी के शिक्षक विंग से जुड़े हैं। आम आदमी पार्टी से जुड़े होने के बावजूद उन्हें कांग्रेस, लेफ्ट व अन्य विपक्षी शिक्षक संगठनों का समर्थन हासिल है। वहीं, दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के मौजूदा अध्यक्ष वह फिर से अध्यक्ष का चुनाव लड़ रहे प्रोफेसर एके भागी बीजेपी के करीबी हैं। यानी शिक्षक संघ चुनाव में भाजपा-आरएसएस की विचारधारा वाले उम्मीदवार के खिलाफ शेष शिक्षक संगठन एकजुट हो गए हैं।

दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के चुनाव अधिकारी प्रोफेसर सुनील चौधरी ने बताया कि अध्यक्ष पद के लिए केवल दो उम्मीदवार मैदान में है। जबकि, 15 सदस्यीय कार्यकारिणी के लिए 21 शिक्षक अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।

बता दें कि साल 2021 में कोरोना के चलते डूटा चुनाव नवम्बर के अंतिम सप्ताह में हुए थे। इस बार भी यह चुनाव अगस्त की जगह सितम्बर में हुए हैं। प्रोफेसर सुमन ने बताया कि पूरा चुनाव शांति और सौहार्द्र के साथ चुनाव लड़ा गया। दिल्ली विश्वविद्यालय के मुताबिक शिक्षक संघ चुनाव के लिए कुल 32 मतदान केंद्र बनाए गए थे। सभी शिक्षकों को यह जानकारी पहले से ही दे दी गई थी कि उन्हें वोट डालने के लिए अपनी पहचान के लिए कॉलेज आईडी या कोई पहचान पत्र साथ लाना होगा।

कार्यकारिणी के लिए एनडीटीएफ की ओर से 5 सदस्यों को चुनाव में उतारा गया था। इसमें डॉ. कमलेश कुमार रघुवंशी, डॉ. चमन सिंह, डॉ. अदिति नारायणी पासवान , डॉ. आकांक्षा खुराना व डॉ. अमित सिंह हैं।

आर्ट्स फैकल्टी समेत सभी मतदान केंद्रों में मतदान सुबह 10 से शाम 5 बजे तक हुआ। मतदान के डेढ़ घंटे बाद ही शाम को वोटों की गिनती शुरू हो चुकी है।

बता दें कि डूटा चुनाव हर दो साल में एक बार होता है। इससे पहले कोरोना काल में तीन महीने बाद नवम्बर 2021 में डूटा चुनाव हुआ था, जिसमें डीटीएफ की डॉ. आभा देव हबीब को प्रोफेसर भागी ने हराकर 24 साल बाद एनडीटीएफ को जीत दिलवाई थी।


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