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82 प्रतिशत पात्र आबादी को वैक्सीन की कम से कम 1 खुराक मिली

भारत में पात्र आबादी के 82 प्रतिशत लोगों को पहले ही कोविड वैक्सीन की एक खुराक मिल चुकी है और 39 प्रतिशत लोगों को दोनों खुराक मिल चुकी हैं

82 प्रतिशत पात्र आबादी को वैक्सीन की कम से कम 1 खुराक मिली
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नई दिल्ली। भारत में पात्र आबादी के 82 प्रतिशत लोगों को पहले ही कोविड वैक्सीन की एक खुराक मिल चुकी है और 39 प्रतिशत लोगों को दोनों खुराक मिल चुकी हैं।

आईएएनएस-सीवोटर वैक्सीन ट्रैकर में सामने आए निष्कर्षो से यह जानकारी मिली है।

सर्वेक्षण में यह भी सामने आया है कि भारत में लोग अपेक्षाकृत वैक्सीन के समर्थक हैं और उनके अंदर हिचकिचाहट भी कम है। भारत की अपेक्षा यूरोप में वैक्सीन को लेकर हिचकिचाहट पांच गुना, जबकि अमेरिका में 10 गुना अधिक है।

टीकाकरण अभियान में, पूरी आबादी की गणना नहीं की जा सकती है, क्योंकि पात्र जनसंख्या केवल 18 वर्ष से ऊपर है।

आईएएनएस-सीवोटर वैक्सीन ट्रैकर के अनुसार, भारत दुनिया में सबसे अधिक वैक्सीन समर्थक देश है, क्योंकि इसकी 98 प्रतिशत पात्र या योग्य आबादी कोविड-19 का टीका लगवाना चाहती है।

यह डेटा उस दिन सामने आया है, जब भारत 100 करोड़ टीकाकरण के मील के पत्थर तक पहुंच गया है और यह दर्शाता है कि इस संख्या को प्राप्त करने में टीका हिचकिचाहट की कमी ने एक बड़ी भूमिका निभाई है।

सीवोटर के संस्थापक यशवंत देशमुख ने कहा कि भारत दुनिया में सबसे अधिक वैक्सीन समर्थक देश है और हर समय, 90 प्रतिशत या उससे अधिक लोग टीकाकरण करवाना चाहते हैं।

देशमुख ने कहा कि भारत में टीके को लेकर हिचकिचाहट की बात, जो टीकाकरण अभियान को रोक सकती है, वह झूठी कहानी हो सकती है।

ट्रैकर के अनुसार, केवल 2 प्रतिशत लोगों ने कहा है कि वे टीकाकरण नहीं करवाना चाहते हैं। एक साल पहले टीके की हिचकिचाहट 12-13 प्रतिशत थी, जो अब घटकर केवल 2 प्रतिशत रह गई है।

ट्रैकर में, यह पूछे जाने पर कि क्या वैक्सीन की उत्पत्ति वाले देश का कोई प्रभाव नहीं है, इस पर 22.4 प्रतिशत असहमत दिखे जबकि 70.1 प्रतिशत इस धारणा से सहमत थे। इसके अलावा 22.4 प्रतिशत लोगों ने चीनी वैक्सीन के प्रति घृणा दर्शायी।

ट्रैकर में कुल 15.4 प्रतिशत इस धारणा से असहमत दिखे कि टीके धार्मिक मान्यताओं के अनुकूल हैं, जबकि 15.4 प्रतिशत ने इसका हां में जवाब दिया। वहीं लगभग 13 प्रतिशत ने यह भी कहा कि चाहे जो भी हो, वे वैक्सीन जरूर लेना चाहेंगे, जिससे वैक्सीन की हिचकिचाहट केवल 2 प्रतिशत ही दर्ज की गई है।


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