निजी रिटर्निंग वॉल को अपना बताकर कर लिया 76 हजार का आहरण
जनपद पंचायत करतला में आर्थिक अनियमितता और भ्रष्टाचार के एक बड़े मामले का खुलासा हुआ है

कोरबा-करतला। जनपद पंचायत करतला में आर्थिक अनियमितता और भ्रष्टाचार के एक बड़े मामले का खुलासा हुआ है। ग्राम पंचायत कर्रापाली के आश्रित ग्राम टोंडा में निजी व्यक्ति द्वारा खुद के खर्च पर बनवाये गए रिटर्निंग वॉल को पंचायत का कार्य बताकर सरपंच और सचिव ने प्रस्ताव पास करते हुए मूलभूत की राशि से 76 हजार रुपए का आहरण कर अपनी जेब भर ली।
जानकारी के अनुसार ग्राम टोंडा निवासी रंजीत दिवाकर ने 14 जून 2015 को अपने कार को नाले से पार कराने के लिए एक नाले में पानी के बहाव को रोकने रिटर्निंग वॉल का निर्माण 10 हजार 700 रुपये की निजी लागत से कराया था। रंजीत के घर के सामने रह रहे रामकुमार पैकरा ने मिस्त्री कार्य किया था। कार्य पूर्ण होने के महज 3 माह बाद पंचायत के सरपंच एवं सचिव ने इस निजी कार्य को शासकीय एवं पंचायत का कार्य बताकर प्रस्ताव पारित कर दिया और सत्र 2015-16 की मूलभूत राशि में से 76 हजार रुपये का आहरण कर लिया।
इस मामले में राजकुमार पैकरा जो कि वर्तमान पंच के पति भी हैं, ने बताया कि उन्हें इस कार्य के लिए 8000 रुपये की राशि मिली थी जिसमें मुरमीकरण किया गया था। उन्हें इस संबंध में कोई जानकारी नही है कि पंचायत ने 76 हज़ार रुपये किसी निजी कार्य को शासकीय बताकर आहरित किया है। फि लहाल पंचायत में इस खुलासे के बाद चर्चा गर्म है कि सरपंच एवं सचिव ने मिलकर गड़बड़ी की है।
मामले को संज्ञान में लेते हुए क्षेत्र की जनपद सदस्य श्रीमति फू लबाई सागर ने इसकी शिकायत कलेक्टर से करते हुए जांच एवं कार्यवाही की मांग की है। हैरानी की बात है कि 76 रुपये क ो प्राप्त करने के लिए फर्जी मूल्यांकन तक कराया गया। इस संबंध में ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग के सब इंजीनियर निशांत देवांगन से पूछने पर उन्होंने बताया कि कर्रापाली के ग्राम टोंडा में नाला में रिटर्निंग वॉल काम नहीं हुआ है और अगर पंचायत ने इसके लिए कोई राशि निकाली होगी तो वह स्वयं जिम्मेदार है। हमारे विभाग के द्वारा अब तक तकनीकी प्रतिवेदन नहीं दिया गया है।
निर्माण के एवज में दी गई है राशि: सरपंच
ग्राम पंचायत कर्रापाली के सरपंच सुमेन्द्र सिंह पैकरा का कहना है कि टोंडा नाला में 76 हज़ार रुपये की लागत से हमने रिटर्निंग वॉल बनाया था। जिस व्यक्ति ने कहा है कि वह निजी निर्माण है, उसे निर्माण के एवज में पैसे दिए जा चुके हैं। 76 हजार रुपये के साथ अन्य कुछ कार्य कराए गए थे।
निजी खर्च से कराया है निर्माण: दिवाकर
डीपरापारा निवासी रंजीत दिवाकर ने बताया कि 14 जून 2015 को उन्होंने इस रिटर्निंग वॉल का निर्माण निजी खर्चे से कराया था क्योंकि उनके घर तक कार जाने में नाली बाधा डालती थी। उन्होंने निजी खर्च कर नाला में काम करवाया था जबकि पंचायत ने उसे अपना बताकर हजारों रुपये फर्जी तरीके से निकाल लिए।


