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74 हजार स्ट्रीट लाइटों को एलईडी में किया जाएगा तब्दील

एलईडी शहर बनने वाले नोएडा की सभी स्ट्रीट लाइट मुफ्त में बदली जाएंगी। अभी तक प्राधिकरण पैसे खर्च करके ही कार्यों को पूरा करवाता था

74 हजार स्ट्रीट लाइटों को एलईडी में किया जाएगा तब्दील
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नोएडा। एलईडी शहर बनने वाले नोएडा की सभी स्ट्रीट लाइट मुफ्त में बदली जाएंगी। अभी तक प्राधिकरण पैसे खर्च करके ही कार्यों को पूरा करवाता था। लेकिन यह पहला मौका होगा जबकि नोएडा को मुफ्त में एलईडी लाइट मिलेंगी।

इसके लिए प्राधिकरण और टाटा कंपनी के बीच समझौता हुआ है। यही नहीं कंपनी सात साल तक मेनटीनेंस व संचालन का काम करेगी। इसमें लाइट खराब होने से लेकर उसकी रख-रखाव का काम करेगी।

इससे प्राधिकरण को सात साल में लगभग 140 करोड़ रुपए की बचत होगी। एलईडी लगाने का काम एक साल में पूरा कर लिया जाएगा। प्रधानमंत्री ऊर्जा संरक्षण कार्यक्रम के तहत नोएडा की सभी स्ट्रीट लाइट बदलने का काम शुरू किया जा रहा है।

सड़कों पर लगी 74000 स्ट्रीट लाइट को एलईडी में तब्दील किया जाएगा। प्राधिकरण अधिकारियों के अनुसार एलईडी लागने वाले प्रोजेक्ट को तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है। इस संबंध में शुक्रवार को टाटा कंपनी व नोएडा प्राधिकरण के बीच साझा समझौते पत्र पर हस्ताक्षर किए गए।

ऐसे में शहर की सड़कों पर दूधिया लाइट होने पर प्राधिकरण को बिजली के बिल में बड़ी राहत मिलेगी। अधिकारियों ने बताया कि एक साल में करीब 72 करोड़ रुपए का बिजली के बिल के रूप में दिए जाते थे।

10 साल में करीब 506 करोड़ रुपए दिए जा चुके थे। ऐसे में एलईडी लाइटों से करीब 56 प्रतिशत एनर्जी में कमी आएगी। हालांकि यह कमी 60 प्रतिशत तक पहुंच सकती है। इसके लिए आईआईटी रूढ़की से सर्वे कराया गया है।

ऐसे में सात साल में कुल 27 करोड़ रुपए सिर्फ एनर्जी के रूप में बचाया जा सकेगा। यह पूरी परियोजना इको मॉडल बेस पर आधारित होगी। जिसमे सीसीएमएस बेस्ड पैनल पर कार्य पर किया जाएगा। वहीं, मैनटेंनेस के रूप में सात सालों में करीब 112 करोड़ रुपए की बचत होगी।

यानी कुल 140 करोड़ रुपए के आसपास की बचत होगी। सीईओ आलोक टंडन ने बताया कि एनर्जी व मैनटेनेंस के रूप में जो पैसा बचेगा उसे कंपनी को भुगतान किया जाएगा वह साझा समझौते पत्र के अनुसार।

जिसमें करीब 54 प्रतिशत प्राधिकरण अपने पास रखेगी। वहीं 46 प्रतिशत का भुगतान कंपनी को किया जाएगा। उन्होंने बताया कि यह पूरा सिस्टम सेंट्रलाइज रिमोट कंट्रोल पर आधारित होगा जिससे इसकी निगरानी कर पाना बेहद आसान होगा।

खास बात यह है कि एईडी लाइटे लगने के बाद अर्थिंग से होने वाले फाल्ट से निजात मिलेगा। कंपनी सात साल के अनुबंध के तहत सिक्यूरटी के रूप में 5.25 करोड़ रुपए जमा करा लिए गए है। वहीं, परफोरमेंट बैंक गारंटी के रूप में 10.5 करोड़ रुपए जमा कराए गए है। ऐसे में एक साल में नोएडा पूना के बाद देश का दूसरा ऐसा शहर हो जाएगा जो दूधिया रोशनी में नहाएगा।

एलईडी लाइटों के खराब होने या किसी इससे संबंधित शिकायत कराने के लिए मोबाइल एप लांच किया जाएगा। जिसमे 48 घंटे के अंदर शिकायत पर अमल करते हुए उसे दूर किया जाएगा। इसकी जल्द शुरुआत होगी।


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