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मप्र में छिटपुट विवादों के बीच नगरीय निकाय चुनाव के दूसरे चरण में 72 फीसदी मतदान

मध्य प्रदेश में छिटपुट विवादों के बीच नगरीय निकाय के दूसरे चरण में 72 फीसदी मतदाताओं ने मतदान किया। दूसर चरण में मतदान पहले चरण के मुकाबले बेहतर रहा

मप्र में छिटपुट विवादों के बीच नगरीय निकाय चुनाव के दूसरे चरण में 72 फीसदी मतदान
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भोपाल। मध्य प्रदेश में छिटपुट विवादों के बीच नगरीय निकाय के दूसरे चरण में 72 फीसदी मतदाताओं ने मतदान किया। दूसर चरण में मतदान पहले चरण के मुकाबले बेहतर रहा। नगरीय निकाय के दूसरे चरण में सभी 214 नगरीय निकायों में 72 प्रतिशत मतदान हुआ। इनमें 70.1 प्रतिशत महिला, 73.9 प्रतिशत पुरूष और 44.3 प्रतिशत अन्य मतदाताओं ने मतदान किया। दूसरे और अंतिम चरण में 43 जिलों में पांच नगरपालिक निगम, 40 नगरपालिका परिषद और 169 नगर परिषदों में मतदान हुआ। सुबह नौ बजे तक 16.9 प्रतिशत, सुबह 11 बजे तक 38.8 प्रतिशत, दोपहर एक बजे तक 53.2 प्रतिशत, दोपहर तीन बजे तक 65.1 प्रतिशत और शाम पांच बजे तक 72 प्रतिशत अनुमानित मतदान हुआ।

दूसरे चरण के मतदान के दौरान आगर जिले में पार्षद के कांग्रेस और भाजपा के उम्मीदवार आपस में भिड़ गए और पुलिस को इस दौरान बल प्रयोग करना पड़ा। मुरैना में महापौर की बसपा की उम्मीदवार को पुलिस ने खदेड़ा। टीकमगढ़ जिले में भाजपा विधायक राकेश गिरी और कांग्रेस के पूर्व मंत्री यादवेंद्र सिंह के समर्थकों में झड़प हो गई। रायसेन जिले में एक व्यक्ति फर्जी मतदान करते पकड़ा गया, कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने हंगामा किया।

इस चरण में कुल 6829 मतदान केन्द्र बनाए गए और इनमें से 1627 मतदान केन्द्र संवेदनशील थे। मतदान दलों में लगभग 34 हजार अधिकारी-कर्मचारियों की ड्यूटी लगायी गयी और लगभग 17 हजार पुलिस बल डिप्लॉय किया गया।

दूसरे चरण में मैदान में उतरे उम्मीदवारों की स्थिति पर गौर करें तो पांच नगरपालिक निगमों में कुल 44 महापौर पद के अभ्यर्थी चुनाव मैदान में हैं। कुल 214 निकायों में पार्षद के 3657 पद हैं। इनमें से 79 पद पर निर्विरोध निर्वाचन हो चुका है। शेष 3578 पद पर निर्वाचन हुआ। इसके लिए 15 हजार 312 अभ्यर्थी चुनाव लड़ रहे हैं।

ज्ञात हो कि नगरीय निकाय के पहले चरण का मतदान छह जुलाई को हो चुका है, इस चरण में 11 नगर निगम सहित 133 नगरीय निकायों में 61 फीसदी मतदान हुआ था। इस चरण में मतदान का प्रतिशत बीते चुनाव की तुलना में कम रहा था, उसके बाद से राजनीतिक दलों की धड़कनें तेज बनी हुई हैं, वे इस चरण में मतदान का फीसदी बढ़ाने की कोशिश में लगे रहे।


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