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सीरिया में 7000 बच्चे मारे गए, घायल हुए : संयुक्त राष्ट्र

संयुक्त राष्ट्र की एक रपट के मुताबिक सीरिया में सात-वर्षो के युद्ध के दौरान सात हजार से ज्यादा बच्चे मारे गए, जबकि अपुष्ट रपटों के मुताबिक मारे गए बच्चों की संख्या '20 हजार' से ज्यादा है

सीरिया में 7000 बच्चे मारे गए, घायल हुए : संयुक्त राष्ट्र
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न्यूयॉर्क। संयुक्त राष्ट्र की एक रपट के मुताबिक सीरिया में सात-वर्षो के युद्ध के दौरान सात हजार से ज्यादा बच्चे मारे गए, जबकि अपुष्ट रपटों के मुताबिक मारे गए बच्चों की संख्या '20 हजार' से ज्यादा है। बच्चे और सशस्त्र संघर्ष के लिए संयुक्त राष्ट्र महासचिव की विशेष प्रतिनिधि वर्जीनिया गांबा ने सुरक्षा परिषद को संबोधित करते हुए कहा, "मैं इस संघर्ष के दौरान जन्म लिए और बड़े हुए बच्चों की कहानी सुन काफी दुखी हूं, बच्चे जिन्होंने सीरिया में कभी शांति नहीं देखी।"

सीएनएन की रपट के अनुसार, यह वर्ष खासकर सीरियाई बच्चों के लिए काफी दुखद रहा, क्योंकि उनके खिलाफ हिसा में बढ़ोतरी हुई। संयुक्त राष्ट्र की इस निगरानी संस्था ने ऐसे 1,200 मामलों की पुष्टि की है, जिनमें 600 से ज्यादा बच्चों के मारे जाने या घायल होने के बारे में बताया गया।

उन्होंने कहा, "कई बच्चों के साथ उनके घरों, समुदायों, स्कूलों, हिरासत केंद्रों और शरणार्थी शिविरों में सभी तरह के उत्पीड़न किए गए। हमें अवश्य ही यह सोचना चाहिए कि ये बच्चे गंभीर मनोवैज्ञानिक संकट से जूझ रहे हैं। ये लोग 'शांति' शब्द का मतलब तक नहीं जानते।"

2014 के प्रारंभ में, संयुक्त राष्ट्र ने स्वीकार किया था कि उसने सीरिया में मौतों की आधिकारिक गिनती बंद कर दी है। संयुक्त राष्ट्र को अपने ही आंकड़े पर भरोसा नहीं था, क्योंकि इसके लिए सीरिया पर अत्यधिक निर्भरता थी।

संयुक्त राष्ट्र ने युद्ध में सामान्य तौर पर 400,000 लोगों के मारे जाने के बारे में बताया, लेकिन इसके लिए असत्यापित श्रोतों से अन्य पर्यवेक्षक समूहों पर निर्भर रहना पड़ा।

गांबा ने कहा, "उसके बाद से प्रतिवर्ष संघर्ष के दौरान सभी पक्षों द्वारा हर तरह के उल्लंघन में बेतहाशा वृद्धि हुई।"

गांबा ने कहा कि बच्चों के साथ छह तरह के अपराध किए गए। जिनमें संघर्ष क्षेत्रों में विभिन्न पक्षों द्वारा बच्चों का इस्तेमाल किया गया। बच्चों की हत्या की गई या वे अपंग हो गए। उनके साथ दुष्कर्म या कई तरह से यौन उत्पीड़न किया गया। स्कूलों व अस्पतालों पर हमले किए गए। बच्चों का अपहरण किया गया या उन्हें मानवीय सहायता प्रदान नहीं की गई।

गांबा ने कहा, "यह समय है कि सीरिया के बच्चे अपने खुद के भविष्य में विश्वास करें और सीखे कि शांति क्या होती है। यह उनके लिए वह समय है, जब वे अपने बचपन को जीएं, जो उनसे छीन लिया गया है।"


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