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संकुल समन्वयक की लापरवाही से 7 बच्चे प्रवेश परीक्षा से वंचित

संकुल समन्वयक की लापरवाही के कारण संकुल केंद्र सधवानी के अंतर्गत संचालित शालाओं में कक्षा 5वीं में अध्ययनरत 7 बच्चे एकलव्य विद्यालय के लिये आयोजित प्रवेश परीक्षा में बैठने से वंचित हो गये

संकुल समन्वयक की लापरवाही से 7 बच्चे प्रवेश परीक्षा से वंचित
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पेण्ड्रा। संकुल समन्वयक की लापरवाही के कारण संकुल केंद्र सधवानी के अंतर्गत संचालित शालाओं में कक्षा 5वीं में अध्ययनरत 7 बच्चे एकलव्य विद्यालय के लिये आयोजित प्रवेश परीक्षा में बैठने से वंचित हो गये।

संकुल समन्वयक इसका ठीकरा शिक्षकों पर फोड़ रहे है जबकि परीक्षा से वंचित छात्रों के पालकों ने इसकी शिकायत कलेक्टर बिलासपुर से करते हुये लापरवाह संकुल समन्वयक पर कार्यवाही की मांग करते हुए परीक्षा से वंचित छात्रों के लिये पुन: परीक्षा आयोजित करने की मांग की है।

आदिवासी बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने तथा उन्हें सर्व सुविधायुक्त माहौल में कक्षा 6वीं से 12 तक की षिक्षा दिलाने के लिये सरकार ने एकलव्य आवासीय विद्यालय की स्थापना की है जो पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के प्रयासों से मरवाही के ग्राम डोंगरिया में संचालित है जहां प्रवेश परीक्षा के माध्यम से कक्षा 5वीं में अध्ययनरत बच्चों को कक्षा 6वीं में प्रवेश दिया जाता है।

इस एकलव्य आदिवासी विद्यालय में प्रवेश दिलाने हेतु आदिवासी बच्चों के पालक विषंश उत्सुक रहते है परंतु गौरेला विकासखण्ड के संकुल केंद्र सधवानी अंतर्गत संचालित शालाओं के 7 आदिवासी बच्चे संकुल समन्वयक की लापरवाही से परीक्षा में बैठने से वंचित हो गये जबकि इन बच्चों ने समय सीमा के अंदर अपने विद्यालय में प्रवेश फार्म भरकर जमा कर दिया था परंतु सरकारी ढर्रे का खामियाजा अब इन आदिवासी बच्चों को भुगतना पड़ेगा।

एक संकुल समन्वयक की लापरवाही से इन नौनिहालों एवं पालकों के सपनो पर पानी फिर गया है। एकलव्य आदिवासी विद्यालय प्रवेश परीक्षा से वंचित एक छात्र समीर कुमार श्याम पिता धनपत सिंह ष्याम ने अपने पालक के माध्यम से इस मामले की शिकायत कलेक्टर बिलासपुर से करते हुये बताया है कि समीर कुमार श्याम प्राथमिक षाला ललाती में कक्षा 5वीं में अध्ययनरत है।

तथा उसने एकलव्य आवासीय विद्यालय में प्रवेश हेतु परीक्षा फार्म भरकर 19 मार्च 2018 को प्रधानपाठक योगेश्वर सिंह नायक के पास जमा किया था। प्रवेश फार्म संकुल समन्वयक के माध्यम से बीईओ कार्यालय में जमा किया जाना था जिसके जमा करने की अंतिम तिथि 20 मार्च थी परंतु प्रधानपाठक नायक एवं विद्यालय में पदस्थ एक अन्य शिक्षाकर्मी शिवप्रदसाद रैदास द्वारा प्रवेश फार्म को क्या किया गया उसका उनके पा जवाब नही था।

समीर कुमार श्याम के पिता धनपत सिंह श्याम के द्वारा जब 7 अप्रेल को विद्यालय में जाकर प्रवेश पत्र की मांग की गई तो उन्होंने कहा कि गुरूकुल में 8 अप्रेल को आयोजित परीक्षा के लिये वहीं जाये। प्रवेष पत्र एवं रीक्षा का समय पूछने पर शिक्षाकर्मी शिवप्रसाद रैदास द्वारा पालक को झूठी जानकारी दी गई कि प्रवेश फार्म बीईओ कार्यालय में जमा किया गया है परंतु जब छात्र समीर कुमार श्याम परीक्षा देने के लिये गुरूकुल पहुंचा तो वहां परीक्षा केंद्र प्रभारी ने उसका फार्म जमा न होने की बात कहकर परीक्षा में नही बैठने दिया।

परीक्षा से वंचित हताश एवं निराश छात्र एवं उसके पिता ने सधवानी संकुल केंद्र के समन्वयक रामचंद्र राठौर से फोन पर बात की तब संकुल समन्वयक जानकारी दी कि छात्र समीर कुमार श्याम सहित 7 बच्चों का प्रवेश परीक्षा फार्म जमा नही किया जा सका है।

इस तरह की जानकारी से छात्र एवं पालक गुमराह होते हुये दिनभर भटकते रहे। 8 अप्रेल रविवार को छुट्टी होने के कारण शिक्षा विभाग से जुड़े कोई अधिकारी उनकी समस्या का समाधान करने को तैयार नही हुये तब हताश पालक ने इस मामले की शिकायत कलेक्टर बिलासपुर से करते हुये मामले की जांच कराकर दोषियों को दंडित करने एवं परीक्षा से वंचित छात्रों के लिये एकलव्य विद्यालय में प्रवेश हेतु पुन: परीक्षा आयोजित करने की मांग की है। अब देखना यह है कि शिक्षा विभाग परीक्ष से वंचित इन छात्रों को हक दिलाने के लिये क्या कार्यवाही करता है ?

शिक्षकों को ठहराया जिम्मेदार
इस सम्बंध में संकुल समन्वयक रामचंद्र राठौर का कहना है कि 2 अप्रेल को बीईओ आफिस गौरेला में 7 छात्रों के फार्म जमा करने को गया था परंतु बीईओ कार्यालय गौरेला द्वारा फार्म जमा नही किया गया। उन्होने फार्म देर से जमा करने का ठीकरा शिक्षकों पर फोड़ते हुये कहा कि शिक्षकों की लापरवाही से ऐसा हुआ वहीं बीईओ गौरेला से प्रकरण की जानकारी लेने को जब फोन लगाया गया तो उन्होने फोन नही उठाया।


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