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कौशल विकास से जुड़े ताजमहल समेत भारत के 7 बड़े पर्यटन स्थल

भारत के सात बड़े टूरिस्ट स्पॉट्स ताजमहल, हुमायूं का मकबरा, लाल किला, कुतुब मीनार, महाबोधि मंदिर, कोलवा समुद्र तट और काजीरंगा के आसपास रहने वाले लोगों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा

कौशल विकास से जुड़े ताजमहल समेत भारत के 7 बड़े पर्यटन स्थल
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नई दिल्ली। भारत के सात बड़े टूरिस्ट स्पॉट्स ताजमहल, हुमायूं का मकबरा, लाल किला, कुतुब मीनार, महाबोधि मंदिर, कोलवा समुद्र तट और काजीरंगा के आसपास रहने वाले लोगों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। स्थानीय निवासियों को यह प्रशिक्षण टूरिज्म को बढ़ावा और उनके स्किल को बेहतर करने के लिए दिया जा रहा है। इससे यहां आने वाले भारतीय और विदेशी पर्यटकों को भी लाभ होगा। भारत के इन सातों बड़े टूरिस्ट स्पॉट्स के आसपास रहने वाले लोगों के लिए कौशल विकास प्रशिक्षण शुरू किया गया है। इसका सीधा फायदा यहां आने वाले लाखों टूरिस्ट्स को मिलेगा।

टूरिस्ट स्थानों पर शुरू किए गए इस कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम से जहां स्थानीय लोगों के बीच जागरूकता का विकास होगा, वहीं इससे नए रोजगार भी उत्पन्न होंगे। इसके साथ ही टूरिस्ट को इन पर्यटन स्थलों की सही और सटीक जानकारी उपलब्ध कराई जा सकेगी। कौशल विकास के माध्यम से प्रशिक्षित स्थानीय व्यक्तियों के द्वारा अन्य सुविधाएं भी पर्यटकों को मिल सकेंगी।

केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने इस बाबत आधिकारिक जानकारी देते हुए कहा कि 7 प्रतिष्ठित स्थलों अर्थात आगरा में ताजमहल, दिल्ली में हुमायूं का मकबरा, लाल किला, कुतुब मीनार, बिहार में महाबोधि मंदिर, गोवा में कोलवा बीच और असम के काजीरंगा में गंतव्य आधारित कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरूआत की गई, जिससे इन पर्यटन स्थलों और स्थलों के पास रहने वाले स्थानीय लोगों को प्रशिक्षित, उन्नत और जागरूक किया जा सके।

मंत्रालय के मुताबिक कौशल विकास कार्यक्रम ग्रामीण और शहरी दोनों गंतव्यों में रोजगार क्षमता को बढ़ावा देने और पर्यटन क्षेत्र में लगी जनशक्ति को उन्नत करने की दिशा में सक्षम है।

पर्यटन मंत्री जी किशन रेड्डी ने बताया कि यह कार्यक्रम वित्त वर्ष 2020-21 में भी जारी रहा है और इसे 150 से अधिक नए गंतव्यों तक बढ़ाया गया है। हालांकि, कोविड-19 महामारी के कारण यह कार्यक्रम 44 गंतव्यों तक ही पहुंचा है। यह कार्यक्रम चालू वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान भी जारी है और अब तक यह कार्यक्रम 24 और गंतव्यों तक पहुंच चुका है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत अब तक 5,804 लोगों को शामिल किया जा चुका है।

गौरतलब है कि पर्यटन मंत्रालय ने पर्यटन क्षेत्र में कौशल विकास के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया है, ताकि पर्यटकों को अनिवार्य रूप से विश्व स्तरीय सेवाएं प्रदान करने के लिए अच्छी तरह से प्रशिक्षित और पेशेवर पर्यटक सुविधा प्रदाताओं का एक पुल बनाया जा सके।

घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजार में गंतव्य के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए प्रचार किया जाएगा। इस संबंध में, स्वास्थ्य मंत्रालय और पर्यटन मंत्रालय ने पहले ही कोविड-19 सुरक्षा और स्वच्छता प्रोटोकॉल को अधिसूचित कर दिया है। मंत्रालय ने आतिथ्य उद्योग (साथी) में आकलन, जागरूकता और प्रशिक्षण के लिए एक प्रणाली स्थापित की है, ताकि कोविड-19 के संदर्भ में सुरक्षा और स्वच्छता दिशानिर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित किया जा सके और कर्मचारियों व ग्राहकों की सुरक्षा और स्वास्थ्य सुनिश्चित किया जा सके।


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