पिछले संस्करणों से 6.78 प्रतिशत अधिक हुई पूछताछ
इंडिया एक्सपो सेंटर एण्ड मार्ट में चल रहे 44वां आईएचजीएफ दिल्ली मेला वसंत 2017 हस्तशिल्प मेले का समापन हो गया

ग्रेटर नोएडा। इंडिया एक्सपो सेंटर एण्ड मार्ट में चल रहे 44वां आईएचजीएफ दिल्ली मेला वसंत 2017 हस्तशिल्प मेले का समापन हो गया। साल में दो बार आयोजित इस मेले के वसंत संस्करण ने पिछले बसंत संस्करणों को सभी विभागों में पीछे छोड़ दिया। इस मेले का आकर्षण का केंद्र रीसाइकल्ड उत्पाद, जैसे कि पुराने डिब्बों को सजावटी वस्तु के रूप में डिजाइन रहे। इस साल, फेकेड से लेकर आयोजन स्थल को थीम के समान बनाने तक, मेले का रूप पूरी तरह से बदला हुआ था, जिसने इस शो में नई जान फूंक दी।
ईपीसीएच के कार्यकारी निदेशक राकेश कुमार के मुताबिक पिछले साल इस मेले में 88 देशों से खरीदार पहुंचे थे और इस वर्ष यह संख्या 100 देशों के पार हो गई है।
उन्होंने बताया कि इस साल प्रदर्शकों की संख्या भी बढ़कर लगभग 3000 हो गई है। 14 उत्पाद वर्गों के साथ, आईएचजीएफ-दिल्ली मेले के वसंत संस्करण ने बड़ी संख्या में यहां पहुंचे खरीदारों को होम, लाइफस्टाइल, फैशन, कपड़ा और फर्नीचर के 2000 से अधिक उत्पादों में से अपनी जरूरतों की पूर्ति के लिए प्रेरित और उत्साहित किया। जिस तरह से खरीदारों को मोल भाव करते और ऑर्डर देते देखा गया उससे इस पांच दिवसीय भव्य मेले की बिजनेस एनर्जी भी काफी तेज लगी।
765 घरेलू व्यापार आगंतुकों के साथ ही विदेशी खरीदारों और उनके प्रतिनिधियों की संख्या पिछले साल के 5,586 की तुलना में बढ़कर 5,995 हो गई, इसमें 7.32 प्रतिशत का इजाफा हुआ। मेले ने इस साल 3,150 करोड़ रुपए का बिजनेस पूछताछ उत्पन्न किया जो पिछले साल की तुलना में 6.78 अधिक है। पिछले साल की तुलना में समग्र 13.15 प्रतिशत इजाफे के साथ 2016-17 के दौरान हस्तशिल्प का निर्यात 24,392.39 करोड़ रुपए था। हालांकि, वर्तमान वित्तीय वर्ष 2017-18 के पहली छमाही के दौरान हस्तशिल्प का निर्यात 12,520.32 करोड़ रुपए है।
यह मेला हस्तशिल्प क्षेत्र के छोटे और मध्यम उद्यमियों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए एक प्रमुख मार्केटिंग प्लेटफॉर्म बन गया है। ईपीसीएच के अध्यक्ष ओ. पी. प्रह्लादका ने बताया कि मेले में सबसे अधिक खरीदार अमरीका (751), जर्मनी (259), ब्रिटेन (345), ऑस्ट्रेलिया(275), फ्रांस (282), जापान (194) और चीन (67) से पहुंचे।
इस साल कई अन्य देशों जैसे जार्डन, कतर, लेबनान, सउदी अरेबिया, तुर्की, उजबेकिस्तान, हंगरी, मंगोलिया, लिबिया और केन्या से भी खरीदार इस मेले में पहुंचे।


