Top
Begin typing your search above and press return to search.

65 हजार कार्ड अभी तक आधार से लिंक नहीं

4 लाख 78 हजार कार्डधारियों में से 65 हजार राशन कार्डधारियों का आधार कार्ड अभी तक जमा नहीं हुआ है। एक जुलाई से जो राशन कार्ड आधार से जुड़ेंगे......

65 हजार कार्ड अभी तक आधार से लिंक नहीं
X

दुकानदारों ने अभी से राशन देना किया बंद,हर माह उपभोक्ताओं का उठा रहे हैं राशन

बिलासपुर। 4 लाख 78 हजार कार्डधारियों में से 65 हजार राशन कार्डधारियों का आधार कार्ड अभी तक जमा नहीं हुआ है। एक जुलाई से जो राशन कार्ड आधार से जुड़ेंगे। उन्हें राशन का वितरण नहीं किया जाएगा। जिले में चार लाख 78 हजार राशन कार्ड हैं और जून तक का राशन सभी कार्डधारियों को राशन का वितरण किया जा रहा है। परंतु 65 हजार राशन कार्ड में से 30 हजार उपभोक्ताओं को राशन नहीं दिया जा रहा है। राशन दुकानदार द्वारा आधार कार्ड के बिना राशन कार्ड में राशन का वितरण बंद कर दिया गया है। 65 हजार राशन कार्डधारियों में से अधिकांश हितग्राही प्रदेश के बाहर कमाने खाने गए हैं मगर राशन दुकानों को राशन का वितरण किया जा रहा है। हर माह शासन को 65 हजार कार्डों में वितरण से करोड़ों का नुकसान हो रहा है। दुकानदार शासन को चूना लगा रहे हैं। खाद्य विभाग भी उन राशन दुकानों पर कार्रवाई नहीं कर रहा है।

शासन ने राशन कार्ड को आधार नम्बर से जोड़ने का फरमान खाद्य विभाग को दिया गया था। जिले में 4 लाख 78 हजार राशन कार्ड घटी है। इनमें से 65 हजार राशन कार्ड आधार कार्ड से नहीं जुड़ पाए हैं। एक जुलाई से बिना आधार कार्ड के इन्हें राशन का वितरण बंद कर दिया जाएगा।

दुकानदार नहीं बांट रहे राशन
जून माह तक बिना आधार कार्ड के राशन दिया जा रहा है। लेकिन दुकानदारों द्वारा राशन का वितरण बिना आधार कार्ड के नहीं किया जा रहा है। जबकि खाद्य आपूर्ति निगम सभी दुकानदारों को राशन कार्ड के अनुसार राशन का आवंटन कर रहा है परंतु राशन को दुकानदारों द्वारा मिलीभगत करके राशन की कालाबाजारी की जा रही है।
दुकानदार हर माह उठाते हैं राशन
सूत्रों से यह भी जानकारी मिली है कि 65 हजार राशन में आधार कार्ड से नहीं जुड़े हैं। अधिकांश हितग्राही प्रदेश के बाहर कमाने खाने गए हैं। बाहर होने के कारण आधार कार्ड को राशन कार्ड में नहीं जोड़ा जा सका है मगर दुकानदार हर माह राशन उठा रहे हैं। राशन वितरण नहीं होने के बाद भी हितग्राहि के नाम पर राशन रिकार्ड में दर्ज किया जा रहा है। सात किलो चावल का बाजार मूल्य प्रतिकिलो 22 रूपया बताया जा रहा है। हर माह करोड़ों का चावल का दुकानदार शासन को चूना लगा रहे हैं। मगर पिछले 12 साल में शासन को राशन वितरण में कई हजार करोड़ की क्षति हो चुकी है। राशन वितरण प्रणाली में परिवर्तन करने से अब जाकर शासन को नुकसान कम हो पाया है।
हजारों फर्जी राशनकार्ड
आनलाईन राशन वितरण करने से राशन की चोरी कम हुई है। मगर राशन की कालाबाजारी में लगाम नहीं पा रहा है। फर्जी राशन कार्डों की संख्या हजारों में है जिसमें हर माह राशन का वितरण किया जा रहा है। शासन राशन वितरण से नुकसान की भरपाई करने में कई साल लग सकते हैं।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it