प्लॉट दिलाने का झांसा देकर 62 लाख की ठगी
कीमोंगरा थाना अंतर्गत क्वार्टर नंबर 56.03 शक्ति चौक के पास बांकीमोंगरा में एसईसीएल कंपनी में कार्यरत श्रीमती उमा कुमारी पति स्वर्गीय शंकर दास महंत निवासरत है

कोरबा। बांकीमोंगरा थाना अंतर्गत क्वार्टर नंबर 56.03 शक्ति चौक के पास बांकीमोंगरा में एसईसीएल कंपनी में कार्यरत श्रीमती उमा कुमारी पति स्वर्गीय शंकर दास महंत निवासरत है। श्रीमती उमा कुमारी के घर एसईसीएल कॉलोनी क्षेत्र के समीप ही धनेश देवांगन द्वारा सृष्टि सेल कॉम के नाम से दुकान संचालित किया जाता है।
उक्त दुकान में ही अधिराज बिल्डर का सहायक कार्यालय भी संचालित किया जाता था जिसका संचालक संतोष श्रीवास्तव पिता श्री ए के श्रीवास्तव द्वारा द्वितीय तल सूर्या चेंबर व्यापार विहार रोड बिलासपुर में अधिराज इंफ्रा स्टेटस प्राइवेट लिमिटेड कार्यालय का संचालन किया जाता था क्योंकि धनेश देवांगन का दुकान एवं कार्यालय श्रीमती उमा कुमारी के घर के समीप ही था।
अत: धनेश देवांगन को जानकारी थी की पूर्व में ही श्रीमती उमा कुमारी के पति का निधन हो गया है जोकि एसईसीएल कंपनी बांकीमोंगरा में कार्यरत थे और उनके निधन पर श्रीमती उमा कुमारी को एसईसीएल कंपनी के द्वारा समस्त आश्रित रकम का बड़ा भुगतान प्राप्त हुआ होगा इसी लालच मैं आकर उसने श्रीमती उमा कुमारी को गुमराह कर और अपने झांसे में लेकर बिलासपुर स्थित अधिराज बिल्डर के द्वारा नए हाईकोर्ट भवन के सामने प्लॉट कम कीमत में मिलने का प्रलोभन दिया।
उसने श्रीमती उमा कुमारी को यह भी बताया कि वह स्वयं अधिराज बिल्डर के शेयरधारक पार्टनर हैं और उनकी 50: भागीदारी है और वह एसईसीएल कर्मियों को उचित मूल्य पर आवासीय प्लॉट उपलब्ध करवाता है और उसने श्रीमती उमा कुमारी को यह आश्वासन भी दिया कि प्लॉट बुकिंग कर राशि अदा करने की तारीख से 2 माह के अंदर ही वह बुकिंग प्लाटों की रजिस्ट्री क्रेता के पक्ष में करवा देते हैं।
धनेश देवांगन के इसी झांसे में पड़कर श्रीमती उमा कुमारी द्वारा दिनांक 29 09 2015 को उमा कुमारी व संतोष श्रीवास्तव दोनों के बीच स्टाम्प में प्रथम इकरारनामा किया गया। इस इकरारनामा के अनुसार संतोष श्रीवास्तव के द्वारा यह स्वीकार किया गया है कि श्रीमती उमा कुमारी से 500000 रुपए प्लॉट के बदले प्राप्त किया गया जिसकी कुल कीमत 645975 रुपए तय की गई थी।
जिसमें से 01ण् चेक क्रमांक 248512 से 2 लाख रूपय 02ण् चेक क्रमांक 248537 से एक लाख रुपए तथा तीसरी किस्त की एक लाख रकम श्रीमती उमा कुमारी द्वारा नगद मेसर्स अधिराज इंफ्रा स्टेट्स आईसीआईसीआई के खाता में जमा करवाई गई तीन किश्तों में रकम प्राप्त करने के बदले धनेश देवांगन ने पावती भी दी परंतु प्लॉट की रजिस्ट्री नहीं की गई और जब प्लॉट की रजिस्ट्री नहीं होने का कारण पूछा गया तो धनेश देवांगन द्वारा बताया गया कि संतोष श्रीवास्तव द्वारा प्लॉट की कीमत एक लाख ?20000 बढ़ा दी गई है।
उसे देने के बाद ही रजिस्ट्री हो पाएगी तब श्रीमती उमा कुमारी द्वारा धनेश देवांगन व संतोष श्रीवास्तव से अपने 5 लाख रूपय वापस करने का अनुरोध किया परंतु धनेश देवांगन द्वारा कहा गया कि एक बार पैसा लेने के बाद किसी भी स्थिति में रकम वापस नहीं लौटाया जाएगा यह कंपनी का नियम है अगर प्लाट लेना चाहते हो तो आपको बढ़े हुए रेट की राशि देनी ही पड़ेगी मजबूरीवश श्रीमती उमा कुमारी ने धनेश देवांगन के कहे अनुसार दिनांक 07.02. 16 को नगद ?50000 व ?70000 कार्यालय सृष्टि सेल काम प्रतिष्ठान में आकर जिसकी पावती दी गयी परंतु उसके उपरांत भी प्लॉट की रजिस्ट्री नहीं कराई गई और जब भी श्रीमती उमा कुमारी अपने 620000 रुपए की मांग करती तो उसे निरंतर झूठी बातों का बहाना कर टालने की कोशिश की जाती है जब श्रीमती उमा कुमारी को एहसास हो गया कि धनेश देवांगन एवं संतोष श्रीवास्तव के द्वारा उसे झांसा देकर उसकी मेहनत के 620000 रुपए हड़प लिया गया है।
अत: अंत में इसकी सूचना बांकीमोंगरा थाने में दी गई जिस पर बांकीमोंगरा थाने ने धनेश देवांगन एवं संतोष श्रीवास्तव द्वारा श्रीमती उमा कुमारी के साथ कूट रचना धोखाघड़ी विश्वासघात प्रलोभन व छल का अपराध पाए जाने पर भारतीय दंड विधान अधिनियम की धारा 34 एवं 420 पंजीबद्ध किया गया


