60 प्रतिशत बिजली कोयला जैसे परंपरागत स्रोतों से बनेगी: आर के सिंह
अंधेरे में रह रहे देश के चार करोड़ परिवारों को बिजली देेने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘सौभाग्य ’ योजना की घोषणा के एक दिन बाद केंद्रीय बिजली मंत्री आर के सिंह ने आज स्पष्ट कर दिया
नयी दिल्ली। अंधेरे में रह रहे देश के चार करोड़ परिवारों को बिजली देेने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘सौभाग्य ’ योजना की घोषणा के एक दिन बाद केंद्रीय बिजली मंत्री आर के सिंह ने आज स्पष्ट कर दिया कि विशाल आबादी की बिजली की मांग को देखते हुए 60 प्रतिशत बिजली कोयला जैसे परंपरागत स्रोतों से ही बनेगी ।
सिंह ने यहां कार्बन ट्रेडिंग की शुरूआत करने के बाद अपने संबोधन में कहा,“ देश में प्रति व्यक्ति बिजली की मांग अभी बहुत कम है लेकिन भारत विकासशील देश है और लोगों की आकांक्षाएं बढ़ रही हैं। हमें लोगों का जीवन-स्तर उठाना है । हम अपने विकास दर मे कटौती नहीं कर सकते हैं । इसलिए परंपरागत ऊर्जा पर प्रमुख रूप से निर्भरता बनी रहेगी।
अलबत्ता इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि इन संयंत्रों से ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन कम हो।” उन्होंने कहा कि 2022 तक 175 गीगावाट अक्षय ऊर्जा के उत्पादन के निर्धारित लक्ष्य से कहीं ज्यादा हासिल किया जाएगा लेकिन इस ऊर्जा की अपनी सीमाएं हैं । इसलिए जीवाश्म और अक्षय दोनों किस्म की ऊर्जा का विकास होगा ।
बिजली क्षेत्र में निवेशकों का आह्वान करते हुए उन्होंने बताया कि आने वाले समय में मेगा पावर प्रोजक्ट आने वाले हैं और इस क्षेत्र में विकास के अपार अवसर हैं ।


