दिल्ली में जिन 60 लाख लोगों के पास राशन कार्ड नहीं, उन्हें भी मिले मुफ्त राशन : भाजपा
भारतीय जनता पार्टी ने केजरीवाल सरकार पर राशन वितरण को लेकर झूठ बोलने का आरोप लगाया है

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी ने केजरीवाल सरकार पर राशन वितरण को लेकर झूठ बोलने का आरोप लगाया है। कहा है कि मोदी सरकार जिस तरह से दिल्ली के 72 लाख गरीबों को मुफ्त राशन उपलब्ध करा रही है, ठीक वैसे ही दिल्ली सरकार को उन 60 लाख लोगों को मुफ्त राशन देना चाहिए, जिनके पास राशन कार्ड नहीं है। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और सांसद मनोज तिवारी और नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने बुधवार को प्रेस कांफ्रेंस करते हुए एक देश-एक राशन कार्ड नीति पूरी दिल्ली में लागू करने की मांग करते हुए मुख्यमंत्री केजरीवाल को बहस की चुनौती दी।
मनोज तिवारी ने कहा कि केंद्र सरकार खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत गरीबों को राशन देती है तो उसे इस बारे में जानने और पूछने का पूरा अधिकार है। दिल्ली में 60 लाख ऐसे लोग हैं, जिनके पास राशन कार्ड नहीं है, जबकि उन्होंने कार्ड बनवाने के लिए आवेदन कर रखे हैं। ऐसे में अगर केजरीवाल सरकार ऐसे गरीबों के लिए मुफ्त राशन देना चाहे तो वह भारतीय खाद्य निगम से खरीद सकती है।
रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि केजरीवाल सरकार ने गरीबों के राशन के मुद्दे पर ही नहीं, बल्कि वैक्सीन, दवाओं और ऑक्सीजन के बारे में भी हर स्तर पर झूठ बोला है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार पर अदालतों के फैसलों और फटकार का भी कोई असर नहीं हुआ है और उनका हर मामले में झूठ बोलना बराबर जारी है।वार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के सुप्रीमो शरद पवार से उनके आवास पर एक पखवाड़े में तीसरी बार मुलाकात की और इसके अगले दिन वहां आठ राजनीतिक दलों के सदस्य जुटे। सूत्रों के मुताबिक, पवार और किशोर के बीच बातचीत करीब एक घंटे तक चली। किशोर और पवार की ये लगातार बैठकें भाजपा से मुकाबले के लिए तीसरा मोर्चा बनाए जाने की अटकलों को हवा मिल रही है।
हाल ही में संपन्न पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों में तृणमूल कांग्रेस की जीत से सफलता पाने वाले किशोर ने इससे पहले 11 जून को पवार से उनके मुंबई आवास पर और एक बार फिर सोमवार को दिल्ली में उनके आवास पर मुलाकात की थी।
आठ राजनीतिक दलों के सदस्यों के मंगलवार को ढाई घंटे से अधिक समय तक पवार के आवास पर मिलने के बाद, हालांकि एनसीपी ने यह स्पष्ट करने की मांग की कि बैठक पार्टी सुप्रीमो ने नहीं, बल्कि पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा के राष्ट्र मंच ने बुलाई थी।
राकांपा के पूर्व राज्यसभा सदस्य मजीद मेमन ने कहा कि मीडिया में अटकलें हैं कि शरद पवार ने बैठक बुलाई है, जो सही नहीं है। उन्होंने कहा कि यह बैठक राष्ट्र मंच द्वारा बुलाई गई थी और पवार के आवास पर केवल आयोजित की गई थी।
बैठक में तृणमूल कांग्रेस के सिन्हा, समाजवादी पार्टी के घनश्याम तिवारी, राष्ट्रीय लोक दल के अध्यक्ष जयंत चौधरी, आम आदमी पार्टी के सुशील गुप्ता, माकपा के नीलोत्पल बसु, भाकपा के बिनॉय विश्वम, नेशनल कांफ्रेंस के फारूक अब्दुल्ला, पूर्व कांग्रेस नेता संजय झा और पूर्व जदयू नेता पवन वर्मा समेत कई दलों के नेता मौजूद रहे।
अन्य प्रमुख हस्तियां जैसे जस्टिस एपी शाह, जावेद अख्तर और पूर्व राजनयिक के.सी. सिंह भी बैठक में शामिल हुए।


