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राममंदिर निर्माण के लिए मध्य भारत प्रांत से जुटाए गए 60 करोड़

अयोध्या में बन रहे श्रीराम मंदिर के लिए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की योजना के तहत मध्यभारत प्रांत में व्यापक स्तर पर निधि समर्पण अभियान चलाया गया

राममंदिर निर्माण के लिए मध्य भारत प्रांत से जुटाए गए 60 करोड़
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भोपाल। अयोध्या में बन रहे श्रीराम मंदिर के लिए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की योजना के तहत मध्यभारत प्रांत में व्यापक स्तर पर निधि समर्पण अभियान चलाया गया। इस अभियान के अंतर्गत मध्यभारत प्रांत से 60 करोड़ तीन लाख रुपये की राशि श्रीराम मंदिर के लिए एकत्र हुई। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के समाज सेवा न्यास में इस राशि का अंकेक्षण प्रतिवेदन (ऑडिट रिपोर्ट) को प्रांत निधि प्रमुख सोमकांत उमालकर द्वारा विश्व हिन्दू परिषद के प्रांत कार्यकारी अध्यक्ष किशनलाल शर्मा को सौंपी।

अंकेक्षण प्रतिवेदन कार्यक्रम में संत अभय कात्यायन महाराज ने कहा कि बड़े भाग्य से हमें मनुष्य योनि में जन्म मिला। उस पर भी ईश्वर की कृपा से भारत भूमि पर हिन्दू धर्म में जन्म मिला। ऐसे लोग बहुत भाग्यवान हैं, जिन्हें श्रीराम मंदिर से जुड़े अभियान में काम करने का अवसर मिला क्योंकि रामकाज का अवसर बड़े भाग्य से मिलता है।

उन्होंने कहा कि श्रीरामजी के मंदिर के लिए निधि समर्पण में कठिनाई भी आई होगी और आनंद की अनुभूति भी हुई होगी। रामजी के जीवन को ध्यान करेंगे तो दु:ख और सुख से ऊपर उठकर समभाव के साथ सारे कार्य किए जा सकते हैं।

इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत प्रचारक स्वप्निल कुलकर्णी ने कहा कि राम के काज के लिए जो धन समाज ने दिया, उसे ठीक से योग्य स्थान तक पहुंचाने का प्रशिक्षण लेकर कार्यकतार्ओं ने जिस सक्रियता एवं समर्पण से कार्य किया, उसका परिणाम आज सबके सामने है। जब हम इस प्रकार के अभियान के माध्यम से समाज के पास जाते हैं तो हमें समाज के उस स्वरूप का दर्शन होता है, जिसकी कल्पना दुनिया करती है। सामान्यतौर पर हमें ऐसा लगता है कि यह समाज तो केवल अपने स्वार्थ में डूबा हुआ है। इस तरह के अभियान से यह धारणा बदलती है। जिन लोगों ने इस अभियान के अंतर्गत समाज के स्वरूप का दर्शन किया है, उनका अनुभव आने वाली पीढ़ी के लिए दर्शन बनने वाला है।

उन्होंने कहा कि श्रीराम मंदिर के निर्माण के बाद अगला कार्य है कि हम ऐसे समाज का निर्माण करें, जो सब प्रकार के वैमनस्य त्याग करके प्रेमपूर्वक रहें। एकात्मता के भाव के साथ यह समाज बने। सरसंघचालक ने कहा है कि अब हम सबका हृदय अयोध्या बनना चाहिए।


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