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6 साल से अधूरी नहर का निर्माण फिर शुरू,कोटा, मस्तूरी, बेलतरा क्षेत्र के 16 गांव होंगे लाभान्वित

बिलासपुर ! जिले के तीन क्षेत्रों कोटा, मस्तूरी व बेलतरा क्षेत्र में सन् 2010 से बंद पड़े अधूरे नहरों का निर्माण कार्य फिर शुरू कर दिया गया।

6 साल से अधूरी नहर का निर्माण फिर शुरू,कोटा, मस्तूरी, बेलतरा क्षेत्र के 16 गांव होंगे लाभान्वित
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बिलासपुर ! जिले के तीन क्षेत्रों कोटा, मस्तूरी व बेलतरा क्षेत्र में सन् 2010 से बंद पड़े अधूरे नहरों का निर्माण कार्य फिर शुरू कर दिया गया। 6 साल बाद सिंचाई विभाग ने कार्य के लिए नया ठेका दिया है। निर्माण कार्य में देरी की वजह से करोड़ों रूपए का खर्च बढ़ गया है। लेकिन नहरों के बन जाने के बाद 16 गांवों के 33 सौ हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई हो सकेगी। निर्माण कार्य अगले माह तक पूर्ण हो जाएगा। ज्ञात हो कि भू-अर्जन और वनभूमि विवाद के कारण नहर का काम रुका हुआ था।
जलसंसाधन विभाग ने भागीरथी योजना के तहत जिले के तीन क्षेत्रों में अधूरे पड़ेे नहरों निर्माण का शुरू कर दिया है। कोटा के लक्षनपुर नहर एवं बेलतरा के सिलदहा नहर मस्तूरी क्षेत्र के लीलागर नहर निर्माण को सन् 2010 में वनभूमि और भूअर्जन के विवाद के कारण बंद कर दिया गया था। वन विभाग और राजस्व विभाग से एनओसी मिलने के बाद नहर निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है। नहरों का निर्माण होने के बाद 16 गांवों को पानी मिलेगा 33 सौ हेक्टेयर में कृषि भूमि को पानी उपलब्ध होगा। निर्माण कार्य मार्च तक पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है। सिंचाई विभाग तीन नहरों के निर्माण में करोड़ों का खर्च करेगा। किसानों को पर्याप्त पानी मिलने के बाद खेती के लिए पानी की समस्या नहीं रहेगी। किसान नहर निर्माण शुरू होने से खुश हैं। नहर का कार्य अधूरा पड़ा था। इन अधूरे कार्य को भागीरथी योजना के तहत शुरू किया गया है। कार्य सन् 2010 से बंद था। लक्षनपुर, सिलदहा, लीलागर में निर्माण कार्य शुरू किया गया है।
वनभूमि और भू-अर्जन विवाद के कारण कार्य सालों से लटका हुआ था। वन विभाग और राजस्व विभाग से एनओसी मिलने के बाद निर्माण कार्य फिर शुरू किया गया है। 6 साल बाद नया टेण्डर किया गया है। सिंचाई विभाग को नए टेण्डर के कारण करोड़ों का अतिरिक्त खर्च करना पड़ रहा है। अगले माह तक कार्य पूर्ण करने का लक्ष्य दिया गया है। इन नहरों से 16 गांवों को नहर पानी मिल सकेगा। जिससे 33 सौ ट्रेक्टर कृषि भूमि की सिंचाई होगी। अब किसान साल में तीन फसल ले सकते हैं। 12 महीने खेती के लिए पानी उपलब्ध रहेगा। नहर निर्माण फिर शुरू करने में कलेक्टर का योगदान अधिक है। उनके द्वारा जमीन विवाद को भी सुलझाया गया। हजारों किसानों को के्रनल से लाभ मिलेगा।


2010 से बंद था कार्य
जिले के तीन क्षेत्रों में नहरों का निर्माण कार्य फिर शुरू किया गया है। सन् 2010 से जमीन विवाद के कारण कार्य रोका गया था मगर भागीरथी योजना के तहत निर्माण कार्य फिर से शुरू किया गया है।
आर पी साव
कार्यपालन अभियंता
खारंग संभाग


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