अमवार डेम प्रभावित 6 गांवों के पुर्नवास की प्रक्रिया शुरु
उत्तरप्रदेश के सीमा में अमवार डेम से छत्तीसगढ़ के 6 गांव त्रिशुली, झारा, कुशफर, सेमरवा, कामेश्वरनगर व धौली के प्रभावितों के पुर्नवास की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है
उत्तरप्रदेश सरकार ने 70 करोड़ 34 लाख दिए
रामानुजगंज। उत्तरप्रदेश के सीमा में अमवार डेम से छत्तीसगढ़ के 6 गांव त्रिशुली, झारा, कुशफर, सेमरवा, कामेश्वरनगर व धौली के प्रभावितों के पुर्नवास की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है। ज्ञात हो कि प्रभावित लोगों के पुर्नवास के लिये उत्तरप्रदेश सरकार द्वारा 70 करोड़ 34 लाख 30 हजार रूपये छत्तीसगढ़ सरकार को प्रदान की गई है।
उक्त पैसे से प्रभावितों की पुर्नवास की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। छत्तीसगढ़ के रामचंद्रपुर विकासखण्ड के ग्राम झारा से 6 किमी दूरी पर उत्तरप्रदेश के जनपद सोनभद्र के दुद्धि तहसील के ग्राम अमवार कन्हर नदी में 3.24 किमी लम्बा, 39.90 मीटर ऊंचा बांध 22 अरब 39 करोड़ 35 लाख रूपये की लागत से बनाया जा रहा है जिसे 2018 के अंत तक पूर्ण कर लेने की संभावना है।
गौरतलब है कि अमवार डेम का कार्य उत्तरप्रदेश के सिंचाई विभाग द्वारा तेजी से करवाया जा रहा है। अब तक इस परियोजना में 10 अरब 93 लाख रूपये खर्च हो चुके हैं। अमवार डेम के पूर्ण होने से उत्तरप्रदेश के साथ छत्तीसगढ़ एवं झारखण्ड के लोगों को भी इसका भरपूर फायदा मिलेगा। जहां तीनों राज्यों के जल स्तर में बढोत्तरी होगी, वहीं सिंचाई में भी इसका फायदा मिलेगा। उत्तरप्रदेश सरकार से छत्तीसगढ़ सरकार को बांध प्रभावितों के पुर्नवास एवं पुर्नस्थापना के लिये मिले 70 करोड़ 34 लाख 30 हजार रूपये से सीमावर्ती प्रभावित ग्रामों के पुर्नवास एवं पुर्नस्थापना की प्रक्रिया तेज कर दी गई है।
निर्माण से लोगों में चिंता
छत्तीसगढ़ सरकार व उत्तरप्रदेश सरकार द्वारा सर्वे कर स्पष्ट कर दिया गया है कि छत्तीसगढ़ के छ: गांव आंशिक रूप से डूबेंगे पर यह बात क्षेत्रवासियों को संतुष्ट नहीं कर पा रही है। छत्तीसगढ़ से प्रतिदिन गांव वाले तेजी से बनते अमवार बांध को देखते जाते हैं व अमवार बांध की तेजी से निर्माण अब प्रभावित लोगों को चिंता में डाल रहा है। हर एक ग्रामीण के जुबान पर बस यही सवाल रहता है कि हमारा गांव तो नहीं डूबेगा न।
जलसंकट से मिलेगी मुक्ति
जानकारी के अनुसार अमवार डेम के बनने से जहां उत्तरप्रदेश के किसानों को लाभ होगा तो वहीं छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती दर्जनों गांव ही लाभान्वित होंगे इसके साथ-साथ डेम से लगे दर्जनों गांवो को जल संकट से ही स्थायी मुक्ति मिलेगी।


