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मप्र में पुलिस के बेड़े में 6 हजार नए जवान

मध्यप्रदेश की सुरक्षा के लिहाज से आज का दिन बड़ा है, क्योंकि प्रदेश की पुलिस के बेड़े में छह हजार पुलिस जवान शामिल हुए हैं

मप्र में पुलिस के बेड़े में 6 हजार नए जवान
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भोपाल। मध्यप्रदेश की सुरक्षा के लिहाज से आज का दिन बड़ा है, क्योंकि प्रदेश की पुलिस के बेड़े में छह हजार पुलिस जवान शामिल हुए हैं। इन नव नियुक्त जवानों को एक समारोह में नियुक्ति प्रमाण पत्र प्रदान किए गए।

राजधानी के नेहरू नगर स्थित रक्षित केन्द्र में नवनियुक्त छह हजार आरक्षकों को नियुक्ति प्रमाण-पत्र वितरण एवं उन्मुखीकरण कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मध्यप्रदेश पुलिस का चेहरा संवेदनशीलता, वीरता, देश भक्ति और अनुशासन का है। इसे कभी बिगड़ने मत देना, यही पूंजी है जिसने मध्यप्रदेश पुलिस का देश में विशेष स्थान बनाया है।

उन्होंने आगे कहा, आज जिन नौजवानों ने पुलिस की वर्दी पहनी है, यह साधारण वर्दी नहीं है। यह वर्दी है देश और प्रदेश की सुरक्षा, अपराधियों को नेस्तनाबूद करने, निर्बलों को ताकत देने, अपराधियों को कुचलने और सज्जनों का उद्धार करने की। इसकी मर्यादाओं को कभी भूलना नहीं और इस पर कभी कलंक मत लगने देना। अपनी माँ और भारत माँ के दूध की लाज रखना, आपका दायित्व है। नव आरक्षक, जोश, जुनून और उत्साह के साथ अपने कत्र्तव्य पथ पर अग्रसर हों।

मुख्यमंत्री चौहान ने दीप जला कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। मध्यप्रदेश पुलिस के आरक्षकों ने मध्यप्रदेश गान प्रस्तुत किया। नव आरक्षकों की ओर से खरगोन की रक्षा सोलंकी और निवाड़ी में पदस्थ आकाश कुशवाह ने पुलिस में चयन तथा अपने लक्ष्यों के संबंध में विचार साझा किए। मुख्यमंत्री चौहान ने प्रतीक स्वरूप पांच नव आरक्षकों को नियुक्ति-पत्र प्रदान किए।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि पुलिस का कार्य केवल नौकरी नहीं, देशभक्ति और जनसेवा का संकल्प भी है। मध्यप्रदेश पुलिस का गौरवशाली इतिहास रहा है। कश्मीर में कबाइलियों को खदेड़ने, हैदराबाद के एक्शन और गोवा की मुक्ति में मध्यप्रदेश पुलिस का उल्लेखनीय योगदान रहा। देश के किसी भी कोने में होने वाली राष्ट्र विरोधी गतिविधियों को कुचलने में मध्यप्रदेश पुलिस ने प्रभावी भूमिका निभाई है। प्रदेश को डकैतों के आतंक से मुक्त करना हो या नक्सलवादी गतिविधियों को रोकने का विषय हो, अपने कर्तव्य पथ पर रहते हुए मध्यप्रदेश पुलिस ने राष्ट्रीय दायित्वों का निर्वहन किया है। नव आरक्षकों का यह सौभाग्य है कि वे इस गौरवशाली परम्परा का भाग बन रहे हैं।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि नव आरक्षक जैसा काम करेंगे, उनकी छवि वैसी ही बनेगी। हमारा चरित्र ही हमारी पूँजी है। मध्यप्रदेश पुलिस का मतलब है, सज्जनों के लिए फूल से अधिक कोमल और दुष्टों व अपराधियों के लिए वज्र से अधिक कठोर। पुलिस आरक्षक के रूप में अपनी बीट की सभी गतिविधियों और वहाँ के लोगों के प्रति जागरूक रहना आपका कर्तव्य है। नव आरक्षक अपनी बीट के अवैध काम करने वालों से मित्रवत होने से बचें, यह सावधानी और सतर्कता आपके कर्तव्य निर्वहन के लिए आवश्यक है। नव आरक्षकों को यह भरोसा जगाना होगा कि आप जनता के रक्षक हैं। मध्यप्रदेश पुलिस ने सिंहस्थ और कोविड काल में अपनी संवेदनशीलता का परिचय दिया। कोविड के कठिन काल में पुलिस के सिपाहियों ने अपनी जान जोखिम में डालकर जनता की सेवा की और कुछ पुलिसकर्मियों ने तो कर्तव्य पथ पर अपना जीवन होम कर दिया।

गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि देश के इतिहास में पहली बार इतनी बड़ी संख्या में पुलिस आरक्षकों की भर्ती के बाद मुख्यमंत्री द्वारा नियुक्ति-पत्र वितरित किये जा रहे हैं। मध्यप्रदेश पुलिस ने अपनी छवि बदली है। कोरोना काल में दिन-रात नागरिकों की सेवा कर तथा उन्हें सुरक्षा प्रदान कर संवेदनशीलता के नए प्रतिमान स्थापित किए हैं। राज्य सरकार ने 39 हजार से अधिक जवानों को कोरोना योद्धा के रूप में सम्मानित किया। नक्सलियों का दमन करने वाले पुलिस अधिकारी और आरक्षकों को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा बालाघाट जाकर आउट ऑफ टर्न प्रमोशन दिए गए।

पुलिस महानिदेशक सुधीर सक्सेना ने नव आरक्षकों को पुलिस परिवार में सम्मिलित होने पर बधाई देते हुए अपेक्षा व्यक्त की कि नव आरक्षक अपने मानवीय मूल्यों के साथ जन-सामान्य की रक्षा के लिए समर्पित रहेंगे।


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