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बंगला में एनआरसी को लेकर मची अफरातफरी के कारण 6 लोगों की मृत्यु : ममता

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आज राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के मुद्दे पर एक 'फर्जी अभियान' के जरिए अफरातफरी पैदा करने का भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर आरोप लगाया और दावा किया

बंगला में एनआरसी को लेकर मची अफरातफरी के कारण 6 लोगों की मृत्यु : ममता
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कोलकता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आज राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के मुद्दे पर एक 'फर्जी अभियान' के जरिए अफरातफरी पैदा करने का भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर आरोप लगाया और दावा किया कि इसके चलते राज्य में छह लोगों की मौत हो गई है।

ममता ने कहा, "अफरातफरी पैदा करने के लिए भाजपा को शर्म आनी चाहिए। इसके चलते छह लोगों की मौत हो गई है। मुझ पर भरोसा रखें, मैं बंगाल में ऐसा कुछ नहीं होने दूंगी।"

उन्होंने इस बात के संकेत दिए कि उनकी सरकार राज्य में एनआरसी की कभी इजाजत नहीं देगी। इसी क्रम में उन्होंने आगे बताया कि असम में यह इसलिए हो पा रहा है, क्योंकि एनआरसी की सूची 1985 के असम समझौते के कारण अनिवार्य थी, नहीं तो ऐसी कोई भी प्रक्रिया देश में कहीं और नहीं हो सकती है।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लोगों से कहा कि वे अपने नाम मतदाता सूची में अंकित कराएं, क्योंकि इसे अपडेट करने की प्रक्रिया जारी है।

नेताजी इंडोर स्टेडियम में यहां एक रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा अपने राजनीतिक प्रोपोगेंडा के तहत 'फर्जी अभियान' के माध्यम से कह रही है कि वह बंगाल में भी एनआरसी सूची लेकर आएगी।

उन्होंने कहा, "बंगाल छोड़ो, एनआरसी किसी और राज्य में भी नहीं आ सकता। एनआरसी 1985 के असम समझौते के कारण अनिवार्य थी। सिर्फ किसी ने कह दिया कि ऐसा होगा, इसका मतलब यह नहीं है कि ऐसा होगा ही। उन्हें एनआरसी की जरूरत अपने राजनीतिक प्रोपोगेंडे के लिए है।"

असम में 1979 से 1985 तक छह साल का लंबा आंदोलन हुआ, जिसमें अवैध बांग्लादेशियों का पता लगाने और निर्वासन की मांग की गई थी।

इस आंदोलन के बाद 1985 में असम समझौता हुआ था। तब केंद्र में कांग्रेस की सरकारी थी।


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