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51 सरपंचों से प्रशासन हुआ रूबरू, होंगे अतिशीघ्र पूर्ण कार्य

जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ राजनांदगांव विधानसभा के 51 गाँवों के सरपंच-सचिवों ने अपने गाँव की प्राथमिकताएँ साझा की

51 सरपंचों से प्रशासन हुआ रूबरू, होंगे अतिशीघ्र पूर्ण कार्य
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राजनांदगांव। जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ राजनांदगांव विधानसभा के 51 गाँवों के सरपंच-सचिवों ने अपने गाँव की प्राथमिकताएँ साझा की। कलेक्टर भीम सिंह ने कहा कि प्राथमिकता के कार्यों को सूचीबद्ध कर लिया गया है और इन्हें तय समय में पूरा कर लिया जाएगा। कलेक्टर ने कहा कि प्राथमिकता वाले कामों में जर्जर इमारतों का जीर्णोद्धार, पेयजल योजनाओं पर काम एवं शिक्षा-स्वास्थ्य संबंधित कार्य होंगे।

इन्हें सबसे पहले पूरा किया जाएगा। कलेक्टर ने कहा कि उन स्कूलों की सूची तैयार कर ली गई है जहाँ जीर्णोद्धार की जरूरत है। साथ ही यहाँ उपयोगी आधारिक संरचना भी उपलब्ध कराई जाएगी। गाँवों में शिक्षा का उन्नत स्तर प्रशासन की बड़ी प्राथमिकता है।
पंचायतें यदि स्मार्ट क्लास जैसे प्रयोग एवं नवाचार करना चाहेगी तो प्रशासन हर संभव सहयोग करेगा। उन्होंने कहा कि

बिजली-पानी की उपलब्धता भी अहम है। समूह जल योजना में जिन गाँवों में लोग टूल्लू पंप से पानी खींच रहे हैं उन गाँवों में पंचायतें यदि प्रस्ताव करती हैं तो इसे रोकने की कार्रवाई प्रशासन द्वारा की जाएगी। समूह जल योजना एवं नलजल योजना के माध्यम से हर गाँव की प्यास बुझाई जाएगी। जिन बोर में पानी प्रदूषित है वहाँ तुरंत कार्रवाई करने के निर्देश कलेक्टर ने पीएचई के अधिकारियों को दिए।

कलेक्टर ने कहा कि जिन आंगनबाड़ी केंद्रों में बिजली नहीं हैए साथ ही छूटे हुए मजरा-टोला में मुख्यमंत्री मजरा टोला तथा दीनदयाल उपाध्याय विद्युतीकरण योजना के अंतर्गत बिजली कनेक्शन पहुँचाने की कार्रवाई की जा रही है। गाँवों में मुख्य सड़क में स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था की जाएगी, इससे गाँवों में सुरक्षा का माहौल भी बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि पंचायतें भी ग्रामीण निगरानी समिति बनाएँ तथा किसी तरह के असामाजिक तत्वों द्वारा माहौल बिगाड़े जाने की आशंका पर पुलिस को इत्तला करें।

कलेक्टर ने कहा कि जिन पंचायतों में सिंचाई व्यवस्था के लिए जल स्रोत उपलब्ध हैं वहाँ इसके उचित उपयोग के लिए प्रस्ताव भेजें। इस संबंध में कार्रवाई शीघ्रताशीघ्र की जाएगी। उन्होंने कहा कि कुछ गाँवों में तालाब के पानी से बदबू की शिकायत आई है। इसे ठीक करने के लिए प्रशासन पूरी तरह से पंचायतों को सहयोग करेगा। बैठक में राजनांदगांव एसडीएम अतुल विश्वकर्मा भी उपस्थित थे।

पंचायतों में मिल रहा बच्चों को दूध

कलेक्टर भीम सिंह ने सरपंचों से पूछा कि क्या आप बच्चों को सुपोषित रखने दूध दे रहे हैं। अधिकांश सरपंचों ने कहा कि हम दूध दे रहे हैं। इस पर कलेक्टर ने उन्हें बधाई दी। एक गाँव के सरपंच ने दूध की कमी की बात की तो उन्होंने कहा कि शासन गाय पालने के लिए भी अनुदान दे रही है। इसका प्रयोग करें। तुरंत के लिए टेट्रा पैक वाले दूध भी दिए जा सकते हैं।

प्राथमिकता तय करें सरपंच

विधायक प्रतिनिधि एवं नागरिक आपूर्ति निगम के पूर्व अध्यक्ष लीलाराम भोजवानी भी इस अवसर पर उपस्थित थे। उन्होंने सरपंचों को कहा कि पंचायतें अपने गाँव का विकास करने के लिए जो भी निर्णय लें, उसमें गंभीरता से विचारकर प्राथमिकता तय कर लें। इससे गाँव के लिए सबसे जरूरी कार्य सबसे पहले हो पाएंगे। उन्होंने कहा कि जो सरपंच नवाचार में रुचि रखते हैं। उनका सहयोग ग्रामीण भी करते हैं। चौदहवें वित्त की राशि पंचायतों के पास पर्याप्त होती है। उसका उपयोग करें। इसके अलावा पंचायत के पास करारोपण के अधिकार भी होते हैं। इस तरह स्थानीय आय से भी ग्राम पंचायतें अपने गाँव के विकास को नई दिशा दे सकती हैं।

कांक्रीटीकरण न होने दें

बैठक में सीईओ जिला पंचायत चंदन कुमार ने गौठान में पेवर ब्लाक लगाए जाने के प्रस्ताव पर कहा कि इससे पशुओं को चोट पहुँच सकती है क्योंकि पेवर ब्लाक फिसलते हैं। साथ ही गाँव में अत्याधिक कांक्रीटीकरण करना भी उचित नहीं है इससे गाँव में पानी का रूकाव भी प्रभावित होता है। गौठान में मुरूमीकरण से कीचड़ की समस्या हल हो सकती है।


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