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उज्जैन कॉन्क्लेव में 283 इकाइयों को 508 हेक्टेयर भूमि आवंटित, 61 इकाइयों का लोकार्पण

मध्य प्रदेश के उज्जैन में दो दिवसीय रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव के पहले दिन राज्य के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 283 इकाइयों को 508 हेक्टेयर भूमि के लिए आवंटन-पत्र प्रदान किए

उज्जैन कॉन्क्लेव में 283 इकाइयों को 508 हेक्टेयर भूमि आवंटित, 61 इकाइयों का लोकार्पण
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उज्जैन। मध्य प्रदेश के उज्जैन में दो दिवसीय रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव के पहले दिन राज्य के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 283 इकाइयों को 508 हेक्टेयर भूमि के लिए आवंटन-पत्र प्रदान किए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा है कि उज्जैन के रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव के बाद प्रदेश में जबलपुर, रीवा और ग्वालियर में भी रीजनल कॉन्क्लेव आयोजित की जाएगी। कॉन्क्लेव के दौरान ही औद्योगिक इकाइयों के लोकार्पण और भूमि पूजन भी किए जाएंगे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कार्यक्रम के दौरान 283 इकाइयों को 508 हेक्टेयर भूमि के लिए आवंटन-पत्र प्रदान किए। इन इकाइयों द्वारा कुल 12,170 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश कर 20,000 से अधिक लोगों को रोजगार दिया जा सकेगा।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने औद्योगिक इकाइयों के पदाधिकारियों को प्रतीक स्वरूप भूमि आवंटन-पत्र प्रदान किए। उन्होंने पीएम कुसुम योजना में भी उद्योगपतियों को स्वीकृति पत्र प्रदान किए गए। यह नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र की एक महत्वपूर्ण योजना है। इसके साथ ही उन्होंने कुल 10,064 करोड़ रुपए लागत की 61 इकाइयों का सिंगल क्लिक से भूमिपूजन और लोकार्पण किया। सभी इकाइयां प्रदेश के विभिन्न जिलों में स्थापित की गई है।

मुख्यमंत्री ने उज्जैन में विक्रम उद्योगपुरी में भी नई इकाइयों का लोकार्पण किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नेतृत्व अभिनंदन योग्य है। वह नई तकनीक का उपयोग करने के लिए प्रेरित करते हैं। एक समय भारत अर्थव्यवस्था के मामले में 11वें क्रम पर था, जो अब पांचवें क्रम पर है। इस क्रम में निरंतर सुधार हो रहा है। राष्ट्र के विकास के लिए बातें कम काम ज्यादा के मंत्र का उपयोग करते हुए भारत की प्रगति की यात्रा जारी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज भारत की विश्व में गरिमा बढ़ी है। प्रधानमंत्री मोदी ने जो कार्य किए हैं, उनसे भारत का मान बढ़ा है। अतीत का स्मरण करें तो अनेक सुखद घटना चक्र देखने को मिलते हैं। सम्राट विक्रमादित्य ने जब संवत व्यवस्था प्रारंभ की तो उन्होंने अपने शासन के संपूर्ण भूभाग में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति का न सिर्फ कर्ज माफ करवाया बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनने के लिए अतिरिक्त सहायता भी दिलवाई।

कॉन्क्लेव के प्रारंभ में अनेक निवेशकों ने मध्यप्रदेश में निवेश संभावनाओं के संबंध में विचार व्यक्त किए। निवेशकों ने किए जाने वाले कार्य की जानकारी भी दी।

सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यम मंत्री चैतन्य कुमार कश्यप ने कहा प्रदेश में करीब 35 क्लस्टर स्थापित हैं। मध्य प्रदेश में क्षेत्र-विशेष में विशेष औद्योगिक उत्पादन की परंपरा रही है। मध्य प्रदेश में निवेश को प्रोत्साहित करने वाली नीतियां हैं। एमएसएमई विभाग द्वारा 40 कैपिटल सब्सिडी का मॉडल लोकप्रिय बनेगा। मध्य प्रदेश में निवेश के लिए उद्योगपतियों को पूर्ण सहयोग किया जा रहा है।


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