विधायकों की सुरक्षा के लिए 500 जवानों की तैनाती
छत्तीसगढ़ में सभी 90 नवनिर्वाचित विधायकों और पूर्व विधायकों की सुरक्षा के लिए अतिरिक्त पीएसओ को तैनात किया गया है इसमें नक्सल प्रभावित बस्तर और सरगुजा से लेकर अन्य स्थानों से पहली बार निर्वाचित विधायक शामिल हैं।

रायपुर । छत्तीसगढ़ में सभी 90 नवनिर्वाचित विधायकों और पूर्व विधायकों की सुरक्षा के लिए अतिरिक्त पीएसओ को तैनात किया गया है इसमें नक्सल प्रभावित बस्तर और सरगुजा से लेकर अन्य स्थानों से पहली बार निर्वाचित विधायक शामिल हैं।
इसके लिए विशेष रुप से प्रशिक्षित जिला बल के 500 जवानों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। बताया जाता है कि विधानसभा चुनाव के पहले ही निर्वाचित विधायकों को तत्काल सुरक्षा उपलब्ध कराने के निर्देश सभी जिलों के एसपी को दिए गए थे।
वहीं चुनाव में हारने वाले और पूर्व विधायकों की सुरक्षा को आगामी आदेश तक यथावत रखने कहा गया था। बता दें कि राज्य में नई सरकार के गठन के बाद जनप्रतिनिधियों को उपलब्ध सुरक्षा का गृह विभाग रिव्यू करेगी।
कद के अनुसार सुरक्षा
गृह विभाग के अधिकारियों का कहना है कि नई सरकार के गठन के बाद मंत्रियों और विधायको को जरूरत के अनुसार सुरक्षा मिलेगी। मंत्रियों को 2 से 3 और विधायकों को 1 से 2 पीएसओ को दिया जाएगा। संवेदनशील क्षेत्रों को देखते हुए इसका निर्णय लिया जाएगा। बता दें कि आईबी की रिपोर्ट पर गृहमंत्रालय ने विधानसभा चुनाव से पहले राज्य के 24 नेताओं की अस्थाई रूप से सुरक्षा बढ़ाई गई थी। पूर्व मुख्यमंत्री अमित जोगी को श्जेडश् श्रेणी की सुरक्षा और अन्य 23 नेताओं को एक्स श्रेणी की सुरक्षा दी गई थी। इसे दिसंबर तक यथावत रखने कहा गया था।
पहली बार बने 38 नए विधायक
प्रदेश में पहली बार करीब 38 विधायक पहली बार चुनकर आए है। इन सभी को निर्वाचित होते ही तत्काल सुरक्षा उपलब्ध कराई गई है। 2023 में हुए चुनाव में भाजपा को 54ए कांग्रेस को 35 और अन्य को 1 सीट मिली हैं।
विधायक मूणत ने लौटाई सुरक्षा, कहा मेरी सुरक्षा करेंगे मेरे कार्यकर्ता
रायपुर प्रचंड मतों से चुनाव जीतने वाले पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के मंत्री और दिग्गज नेता राजेश मूणत फिलहाल पिछली सरकार से अब भी नाराज चले रहे है। इसकी बानगी तब देखें को मिली जब उन्होंने प्रशासन की तरफ से भेजे गए सुरक्षा कर्मियों को वापिस भेज दिया और सिक्युरिटी लेने से इंकार कर दिया। मूणत ने कहा कि फि़लहाल उनकी सुरक्षा के लिए उनके कार्यकर्ता ही काफी है।
अब उनकी सरकार बनेगी तब उन्हें खुद ही सुरक्षा मिल जाएगी। दरअसल तत्कालीन भूपेश बघेल की सरकार पर मूणत ने आरोप लगाया है कि उनकी सुरक्षा वापिस ले ली गई थी। इसी बात को लेकर वह संभवत: प्रशासन से नाराज चल रहे है। विधायक चुने जाने के बाद इंटेलिजेंस विभाग प्रदेश के सभी विधायकों और पूर्व मंत्रियों को सुरक्षा मुहैया करा रहा है। इसी सिलसिले में उनके यहाँ भी पुलिस के जवान भेजे गए थे। बता दे कि पूर्ववर्ती डॉ रमन सिंह की सरकार में राजेश मूणत अलग.अलग विभागों के मंत्री रह चुके है।
2018 में उन्हें विकास उपाध्याय के हाथों रायपुर पश्चिम सीट से हार का सामना करना पड़ा था। संभवत: इस नतीजे के बाद उनकी सुरक्षा वापिस ले ली गई थी। वही इस बार 2023 के चुनाव में राजेश मूणत ने शानदार वापसी की है। उन्होंने इस बार कांग्रेस के विकास उपाध्याय को 41 हजार से ज्यादा वोटों से पछाड़ते हुए फिर से अपने परंपरागत सीट पर कब्ज़ा जमाया है।
तत्कालीन भाजपा सरकारों में मूणत हर बार मंत्री रहे है लिहाजा इस बार भी उन्हें मंत्री बनाये जाने की पूरी संभावना है। हालांकि अबतक सीएम कौन होगा यह तय नहीं हो सका है। नए सीएम की तरफ से मूणत को इस नई पारी में क्या जवाबदारी मिलती है देखना दिलचस्प होगा।


