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2030 तक हर वर्ष 500 मिलियन यात्री भरेंगे उड़ान, देश स्पेस एविएशन कन्वर्जेंस में एक ग्लोबल लीडर : पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को ग्लोबल एविएशन इकोसिस्टम में एक विशाल बाजार के रूप में भारत की भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा कि देश स्पेस एविएशन कन्वर्जेंस में एक ग्लोबल लीडर के रूप में अपनी स्थिति मजबूत कर रहा है

2030 तक हर वर्ष 500 मिलियन यात्री भरेंगे उड़ान, देश स्पेस एविएशन कन्वर्जेंस में एक ग्लोबल लीडर : पीएम मोदी
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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को ग्लोबल एविएशन इकोसिस्टम में एक विशाल बाजार के रूप में भारत की भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा कि देश स्पेस एविएशन कन्वर्जेंस में एक ग्लोबल लीडर के रूप में अपनी स्थिति मजबूत कर रहा है।

भारत मंडपम में अंतरराष्ट्रीय वायु परिवहन संघ (आईएटीए) की 81वीं वार्षिक आम बैठक (एजीएम) और विश्व वायु परिवहन शिखर सम्मेलन (डब्ल्यूएटीएस) में पीएम मोदी ने विश्व स्तरीय हवाई अवसंरचना विकसित करने और कनेक्टिविटी बढ़ाने की अपनी प्रतिबद्धता पर जोर दिया।

उन्होंने चार दशक बाद भारत में आयोजित इस कार्यक्रम के महत्व पर प्रकाश डाला। पीएम मोदी ने इस अवधि के दौरान भारत में हुए परिवर्तनकारी बदलावों पर जोर देते हुए कहा कि आज का भारत पहले से कहीं अधिक आत्मविश्वास से भरा हुआ है।

उन्होंने ग्लोबल एविएशन इकोसिस्टम में भारत की भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा, "देश न केवल एक विशाल बाजार के रूप में, बल्कि नीतिगत नेतृत्व, इनोवेशन और समावेशी विकास के प्रतीक के रूप में अहम भूमिका निभा रहा है।"

प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले कुछ वर्षों में नागरिक उड्डयन में भारत के उल्लेखनीय परिवर्तन पर प्रकाश डाला।

उन्होंने कहा, "भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा घरेलू विमानन बाजार बन गया है।" उन्होंने उड़ान योजना की सफलता पर जोर देते हुए इसे भारतीय नागरिक उड्डयन इतिहास का एक स्वर्णिम अध्याय बताया।

उन्होंने कहा, "उड़ान योजना से 15 मिलियन से अधिक यात्रियों को सस्ती हवाई यात्रा का लाभ मिला है, जिससे कई नागरिक पहली बार हवाई यात्रा करने में सक्षम हुए हैं।"

उन्होंने आगे कहा कि भारत की एयरलाइंस लगातार दोहरे अंकों की वृद्धि हासिल कर रही है, जिसमें 240 मिलियन यात्री सालाना उड़ान भर रहे हैं, जो दुनिया भर के अधिकांश देशों की कुल आबादी से अधिक है।

उन्होंने अनुमान लगाया कि 2030 तक यह संख्या 500 मिलियन यात्रियों तक पहुंच जाएगी। उन्होंने कहा कि भारत में सालाना 3.5 मिलियन मीट्रिक टन माल हवाई मार्ग से ले जाया जाता है और इस दशक के अंत तक यह मात्रा बढ़कर 10 मिलियन मीट्रिक टन हो जाएगी।


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