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दिल्ली में 50 अरब डॉलर के स्टार्ट-अप, 2025 तक 150 अरब डॉलर का लक्ष्य

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को टीआईई ग्लेबल समिति 2020 को संबोधित किया

दिल्ली में 50 अरब डॉलर के स्टार्ट-अप, 2025 तक 150 अरब डॉलर का लक्ष्य
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नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को टीआईई ग्लेबल समिति 2020 को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने दिल्ली में एक व्यापक बुनियादी ढांचे के निर्माण और इसे एक वैश्विक स्टार्ट-अप डेस्टिनेशन में बदलने को लेकर दिल्ली सरकार के प्रयासों को साझा किया। केजरीवाल इस शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले भारत के एकमात्र मुख्यमंत्री थे। मुख्यमंत्री ने कहा, "दिल्ली सरकार कोविड के प्रभाव को पीछे छोड़ते हुए मजबूती से वापसी सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। मुझे खुशी है कि दिल्ली ने भारत में स्टार्ट-अप स्थान के रूप में नेतृत्व करने की स्थिति प्राप्त कर ली है।"

दिल्ली में 7000 से अधिक स्टार्ट-अप हैं। दिल्ली, देश में सबसे अधिक सक्रिय स्टार्ट-अप वाला शहर है, जिसका अनुमानित मूल्यांकन करीब 50 अरब डॉलर है। इस क्षेत्र में लगभग 13 प्रभावशाली स्टार्टअप जैसे पेटीएम, ओयो, और जोमैटो हैं। 2013 के बाद से प्रत्येक वर्ष कम से कम एक नया प्रभावशाली स्टार्टअप उभर रहा है।

सीएम ने कहा, "दिल्ली में नए हाईटेक औद्योगिक क्षेत्रों की स्थापना के साथ पुराने औद्योगिक क्षेत्रों के उद्योगों को बिना कंवर्जन शुल्क का भुगतान किए नए क्षेत्रों में स्थानांतरित करने का विकल्प होगा। यह साफ-सुथरी और ग्रीन दिल्ली बनाने में महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। स्टार्ट-अप नीति के तहत हम समानांतर मुक्त ऋण प्रदान करने और स्टार्टअप के लिए एक समर्पित हेल्पलाइन स्थापित करने की योजना बना रहे हैं।"

मुख्यमंत्री ने कहा, "टीआईई ग्लोबल समिट का हिस्सा बनना और आज आप सभी से बात करना खुशी की बात है। दिल्ली को वैश्विक स्टार्ट-अप स्थान में बदलने के लिए व्यापक ढांचे के निर्माण को लेकर किए गए प्रयासों को आप सभी के साथ साझा करुंगा।"

दिल्ली-एनसीआर शीर्ष पांच वैश्विक स्टार्ट-अप हब में से एक बनने के लिए तैयार है, जिसमें 12,000 स्टार्टअप और 30 प्रभावशाली स्टार्टअप हैं। उनका मूल्यांकन 2025 तक बढ़कर लगभग 150 अरब डॉलर हो जाएगा।

दिल्ली सरकार 150 एकड़ भूमि में रानी खेड़ा में एक हाईटेक बिजनेस पार्क भी बना रही है। यह दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट से महज 15 मिनट की दूरी पर होगा। इसमें आईटी और सेवा उद्योग होंगे। पार्क में ग्रीन बिल्डिंग, हर फ्लोर पर बड़े साइज के वर्कस्पेस, मल्टीपर्पज बिजनेस की सुविधाएं और पैदल यात्री प्लाजा होंगे। इसमें रिटेल, फूड एंड बेवरेज (एफएंडबी) सभी तरह की सुविधाएं होंगी। दिल्ली सरकार सात अलग-अलग चरणों में अपनी तरह का पहला बिजनेस पार्क को विकसित करेगी।


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