5 साल के बच्चे ने रखा रोज़ा
पौने चार साल के अरहम अंसारी पिता नौशाद अंसारी ने इस रमजान का पहला रोजा रखा

गौरेला। रमजान के महीने में छोटे बच्चे रोजा नहीं रखा करते। इस्लाम के मुताबिकए 7 साल से कम उम्र के बच्चे रोजा नहीं रखते लेकिन नियम को तोड़ते हुए पौने चार साल के अरहम अंसारी पिता नौशाद अंसारी ने इस रमजान का पहला रोजा रखा।
रमजान के इस पाक महीने की ओर अपने माता-पिता का रुझान, जोश और आस्था देखते हुए बच्चे ने रोजा रखने की इच्छा जताई और रखा। अरहम ने कहा कि वह पूरे महीने रोजे रखना चाहता है। इतना ही नहीं, इस्लाम के सख्त नियमों को मानते हुए उसने अरबी की तिलावत भी पढ़ना शुरू कर दिया है।
अरहम के पिता नौशाद अंसारी ने बताया इस्लाम में 5 साल के बच्चे को रोजे रखने की इजाजत नहीं देता, लेकिन बच्चे ने अपनी जिद और आस्था के चलते रोजा रखा। जब हमने उसे रोकना चाहा और कहा कि इस बार यह बेहद मुश्किल है क्योंकि रमजान गर्मियों में पड़ा है तो उसने जिद की जिससे उसे पहला रोजा रखवाया गया।
पहली क्लास में पढ़ने वाले अरहम ने कुरआन का एक कायदापाठ पूरा पढ़ लिया है। रोजे के दिन जहां वयस्क लोग शाम होते-होते प्यास से तड़पने लगते हैंए रेयान पहले रोजे के दिन 15 घंटों तक बगैर पानी के रहा। शाम 6.39 बजे तक इफ्तार तक उसने कुछ नहीं खाया।
पहले रोजे के लिए अरहम को ईदी के रूप में कैश, नए कपड़े और खिलौने मिले। आगे वह रोजे रखेगा या नहीं यह पूछे जाने पर उसके माता-पिता ने कहा कि उसके लिए यह बेहद मुश्किल है लेकिन अरहम आखिरी तक रोजे रखना चाहता है। अरहम के पहले रोजे को लेकर घर मे खुशी का माहौल अरहम के पहले रोजे को लेकर दादा दादी एमम्मी पापा सहित पूरे परिवार में खुशी का माहौल रहा ।


