5 राज्य, 690 विधान सभा - महिला मतदाताओं को कुछ इस अंदाज में लुभाएगी भाजपा
2022 में होने वाले पांच राज्यों के विधान सभा चुनाव में महिला मतदाताओं को लुभाने के लिए भाजपा ने विशेष रणनीति बनाई है

नई दिल्ली। 2022 में होने वाले पांच राज्यों के विधान सभा चुनाव में महिला मतदाताओं को लुभाने के लिए भाजपा ने विशेष रणनीति बनाई है। भाजपा के मुख्य संगठन से अलग हटकर पार्टी आलाकमान ने इसकी विशेष जिम्मेदारी भाजपा राष्ट्रीय महिला मोर्चा को सौंपी है।
राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महासचिव बी.एल.संतोष के निर्देश के मुताबिक भाजपा राष्ट्रीय महिला मोर्चा ने इन पांचों राज्यों की कुल 690 विधान सभा सीटों पर महिला मतदाताओं को लुभाने के लिए विशेष रणनीति बना ली है और आने वाले दिनों में मोर्चा जमीनी धरातल पर भी इस रणनीति को अमली-जामा पहनाने जा रहा है।
आईएएनएस से बातचीत करते हुए भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष वानाती श्रीनिवासन ने बताया कि महिला वोटरों तक पहुंचने के लिए मोर्चा मुख्य संगठन से अलग हटकर एक साथ कई स्तरों पर कार्य करने जा रहा है। उन्होने बताया कि महिला मोर्चा इन पांचों राज्यों ( उत्तर प्रदेश , उत्तराखंड, पंजाब , गोवा और मणिपुर ) की हर विधानसभा में लाभार्थी सम्मेलन करने जा रहा है। इस लाभार्थी सम्मेलन के लिए महिला मोर्चा हर विधान सभा में कम से कम ऐसी 5 हजार महिलाओं के साथ सीधा संवाद करेगा , जिन्हे भाजपा सरकार की किसी न किसी योजना से लाभ मिला हो, इसलिए इसका नाम लाभार्थी सम्मेलन रखा गया है।
आईएएनएस से बातचीत करते हुए भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष ने दूसरी रणनीति के बारे में बताते हुए कहा कि मोर्चा अलग-अलग क्षेत्रों में काम करने वाली महिलाओं के साथ टाउन हॉल मीटिंग भी करेगा। उन्होने कहा कि बुनकर महिलाओं , बुद्धिजीवी महिलाओं और प्रोफेशनल्स महिलाओं के अलावा विभिन्न क्षेत्रों में काम करने वाली महिलाओं के साथ अलग-अलग टाउन हॉल मीटिंग कर, उन्हे भाजपा सरकार की योजनाओं और उपलब्धियों के बारे में बताया जाएगा।
इसके अलावा भाजपा महिला मोर्चा इन पांचों राज्यों में जिला स्तर पर महिलाओं की मदद के लिए सेंटर्स भी बनाने जा रहा है। आईएएनएस से बातचीत करते हुए वानाती श्रीनिवासन ने बताया कि इस तरह के सेंटर्स स्थापित करने की शुरूआत महत्वपूर्ण जिला मुख्यालयों से की जाएगी।
दरअसल, देश में पंचायत से लेकर पार्लियामेंट तक के हर चुनाव में महिला मतदाताओं की भूमिका लगातार महत्वपूर्ण होती जा रही है। उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब में महिला मतदाताओं की संख्या 46 से 48 प्रतिशत के लगभग है, वहीं गोवा और मणिपुर में महिला मतदाताओं की संख्या पुरुष मतदाताओं से भी ज्यादा है।
चुनावी रणनीतिकार भी यह मानने लगे हैं कि अब आमतौर पर महिला मतदाता जाति और धर्म के बंधन से अलग हटकर मतदान करने लगी हैं और शायद इसलिए भाजपा ने महिला मतदाताओं के साथ सीधा संवाद स्थापित कर, उन तक सरकार की उपलब्धियों को पहुंचाने के लिए यह खास रणनीति बनाई है।


