बीटगार्ड की नौकरी लगवाने बेरोजगारों से 5 लाख की ठगी
एसपी कार्यालय में पदस्थ एक आरक्षक ने एक अन्य परिचित के माध्यम से वन विभाग में बीटगार्ड की नौकरी लगवा देने का झांसा देकर 5 लोगों से 5 लाख रूपये की ठगी को अंजाम दिया है....

एसपी कार्यालय में पदस्थ आरक्षक पर आरोप
कोरबा। एसपी कार्यालय में पदस्थ एक आरक्षक ने एक अन्य परिचित के माध्यम से वन विभाग में बीटगार्ड की नौकरी लगवा देने का झांसा देकर 5 लोगों से 5 लाख रूपये की ठगी को अंजाम दिया है। पीड़ितों की लिखित शिकायत पर पुलिस द्वारा जांच शुरू कर दी गई है।
जानकारी के अनुसार मामला वर्ष 2015-16 के मध्य का है। आरोप है कि रामपुर बस्ती निवासी एल गोविंदा राव पिता एल नीला राव 33 वर्ष ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय में पदस्थ होने और विभिन्न विभागों में कई लोगों को नौकरी लगाने की बात जोगेश्वर वैष्णव निवासी मानसनगर कोरबा से की थी। जोगेश्वर के माध्यम से पीड़ितों को बताया गया था कि वर्तमान में वन विभाग कोरबा में बीट गार्ड (वन संरक्षक) के विज्ञप्ति निकलने वाली है जिसमें नौकरी लगवा दूंगा। वन विभाग में कई बड़े अधिकारियों से जान-पहचान होना बताकर आवेदन करने पर नौकरी लगवाने के एवज में कुछ रकम एडवांस में देने की बात गोविंदा ने कही थी। नौकरी लगाने की गारंटी पर कहा था कि एडवांस के तौर पर दी गई रकम के एवज में उधार में रूपये लेने की लिखा पढ़ी की जाएगी और नौकरी दिलाने के बाद शेष राशि दी जाएगी। इससे पीड़ितों को भरोसा हो गया और जोगेश्वर वैष्णव की मध्यस्थता में आरोपी गोविंदा पर विश्वास कर नवंबर-दिसंबर 2015 में प्रत्येक ने 1-1 लाख रूपये गोविंदा को दिया।
इसके एवज में एल गोविंदा ने पीड़ित जयकांत बैरागी पिता कृष्णदास ग्राम कुदूरमाल, सत्येन्द्र कुमार प्रजापति पिता एमएल प्रजापति यदुनंदन नगर बिलासपुर के पक्ष में रकम उधार का इकरारनामा 4 नवंबर 2015 को 100 रूपये के स्टाम्प पेपर पर निष्पादित किया। इधर नौकरी पक्की मानकर जयकांत बैरागी, सत्येन्द्र कुमार प्रजापति सहित झांसे में आये सत्यप्रकाश देवांगन पिता छवि लाल आदर्श नगर पोड़ी बहार, मुकेश कुमार साहू पिता जगेश्वर साहू शिवराम कालोनी जांजगीर एवं संजय कुमार वैष्ण पिता ललित कुमार निवासी दामाखेड़ा जिला बलौदाबाजार ने वन विभाग में विज्ञापन निकलने पर आवेदन जमा किया और इसकी जानकारी आरोपी गोविंदा को दी। आश्वासन पर आश्वासन के मध्य जब बीटगार्ड पद के लिए नियुक्ति की सूची जारी हुई तो उक्त पांचों में से किसी का नाम नहीं था। इससे अवगत कराते हुए रूपये वापस मांगने पर एल गोविंदा द्वारा इनकार कर दिया गया। तब से लेकर आज तक राशि वापस नहीं मिली है और पीड़ितों ने आर्थिक, शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना के साथ तनावग्रस्त जीवन व्यतीत करने का जिक्र कर एल गोविंदा के खिलाफ एफआईआर कर रूपये वापस दिलाने की गुहार लगाई है। शिकायत की प्रतिलिपि जिला पुलिस अधीक्षक को भी दी गई है।
जिस पर आरोप, लापता है वह आरक्षक
इस शिकायत की विवेचना कर रहे रामपुर पुलिस चौकी प्रभारी एसआई चन्द्रशेखर बारीक ने बताया कि शिकायत पर जांच की जा रही है। आरोपी बताया जा रहा एल गोविंदा पुलिस अधीक्षक कार्यालय में बतौर आरक्षक कार्यरत तो है किन्तु वह 18 अप्रैल से कहीं लापता हो गया है। उसके माता-पिता ने पुलिस चौकी पहुंचकर गुमशुदगी की सूचना दर्ज कराई है जिस पर तलाश की जा रही है। गोविंदा का पता चलने के बाद जांच में तेजी आएगी। फिलहाल ठगी का शिकार हुए लोगों की शिकायत पर विवेचना चल रही है।


